वाराणसी : बनारस में गंगा नदी से मिलने वाली ऐतिहासिक वरुणा नदी वर्षों से अपने अस्तित्व की लड़ाई लड़ रही है. इस नदी का पानी अत्यधिक प्रदूषित है. सरकारों ने इस संबंध में कई वादे किए हैं. इस संबंध में कुछ कदम उठाए जा रहे हैं, लेकिन इसके अस्तित्व का सवाल अभी भी बना हुआ है.
योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व वाली सरकार ने नदी को साफ करने के लिए प्रशासन को सख्त निर्देश जारी किए हैं, जो शहर में बहने वाले सभी शहरों के सीवर को बंद करने को प्राथमिकता देती है.
प्रशासन ने भी इस दिशा में काम किया है. उत्तर प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अधिकारी कालका सिंह ने ईटीवी भारत को बताया कि लगभग 30 किलोमीटर की दूरी पर वरुणा नदी का पानी अधिक प्रदूषित है.
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नालियां नदी में बहती थीं, जिनमें से पिछले साल आठ नालियां बंद हो गई है और इस साल यह संख्या बढ़कर 10 हो गई. चार बड़े नाले अभी भी नदी में गिरते हैं, जिससे नदी का पानी प्रदूषित होता है.
प्रशासन का दावा है कि ये चार नाले भी बहुत जल्द बंद हो जाएंगे. तब नदी का पानी बेकार हो जाएगा. इस संबंध में एक और कदम उठाया जाएगा, जिससे पानी का बहाव तेज होगा.