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वाराणसी : बढ़ रही है उर्दू कविता की लोकप्रियता - उर्दू कविता वाराणसी अस्सी घाट

उत्तर प्रदेश का शहर बनारस जिसे काशी और वाराणसी भी कहा जाता है, अपनी संस्कृति और सौंदर्य के लिए दुनियाभर में मशहूर है. यहां की सभ्यता, संस्कृति, साहित्यिक विरासत और घाटों की सुंदरता आदि को लेकर उर्दू कवियों द्वारा लिखी गई कविताएं वाराणसी में काफी लोकप्रिय हैं. यहां गंगा नदी के किनारे अस्सी घाट पर उर्दू की किताबें खरीदने बड़ी संख्या में लोग आते हैं. देखें खास रिपोर्ट

उर्दू कविताओं की लोकप्रियता
उर्दू कविताओं की लोकप्रियता
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Published : Dec 6, 2020, 3:20 PM IST

Updated : Dec 6, 2020, 4:57 PM IST

वाराणसी : देश की धार्मिक राजधानी वाराणसी स्थित अस्सी घाट पर उर्दू शायरी की किताबें बेचने वाली एक महिला ने बताया कि यहां उर्दू शायरी बहुत लोकप्रिय है.

बनारस की सभ्यता और संस्कृति घाटों की सुंदरता, शाम में होने वाली गंगा आरती, मंदिर, शंख, बांसुरी और गंगा स्नान जैसी संस्कृतियों को प्रसिद्ध उर्दू कवि मीर गालिब द्वारा अपनी किताब चिराग दाहर में बड़ी खूबसूरती के साथ पेश किया गया है.

आज बनारस को लेकर मीर, मिर्जा गालिब, फैज अहमद फैज, परवीन शाकिर द्वारा लिखी गई रचनाएं इन्हें घाटों पर बेची जा रही हैं. यह रचनाएं युवाओं में काफी लोकप्रिय हैं.

ईटीवी भारत की रिपोर्ट

ईटीवी भारत से बात भारत से बात करते एक पुस्तक विक्रेता महिला सोनी ने बताया कि वह पिछले तीन वर्षों से अस्सी घाट पर किताबें बेच रही हैं. इनमें से अधिकांश उर्दू कवियों की कविताएं हैं, जो हिंदी लिपि में लिखी गई हैं.

पढ़ें - वाराणसी : शिव विवाह उत्सव पर बाटी-चोखा का क्यों लगता है भोग, जानें

उन्होंने कहा कि उर्दू कविता के प्रति युवा पीढ़ी का आकर्षण बेहद ज्यादा है. कुछ युवा लड़कियां जो निजी कंपनियों में काम करती हैं, वे उर्दू कवियों की कविताओं के हर संस्करण को खरीदती हैं.

उन्होंने बताया कि यहां कुछ युवा ऐसे हैं जिनकी उर्दू बहुत अच्छी है.

वाराणसी : देश की धार्मिक राजधानी वाराणसी स्थित अस्सी घाट पर उर्दू शायरी की किताबें बेचने वाली एक महिला ने बताया कि यहां उर्दू शायरी बहुत लोकप्रिय है.

बनारस की सभ्यता और संस्कृति घाटों की सुंदरता, शाम में होने वाली गंगा आरती, मंदिर, शंख, बांसुरी और गंगा स्नान जैसी संस्कृतियों को प्रसिद्ध उर्दू कवि मीर गालिब द्वारा अपनी किताब चिराग दाहर में बड़ी खूबसूरती के साथ पेश किया गया है.

आज बनारस को लेकर मीर, मिर्जा गालिब, फैज अहमद फैज, परवीन शाकिर द्वारा लिखी गई रचनाएं इन्हें घाटों पर बेची जा रही हैं. यह रचनाएं युवाओं में काफी लोकप्रिय हैं.

ईटीवी भारत की रिपोर्ट

ईटीवी भारत से बात भारत से बात करते एक पुस्तक विक्रेता महिला सोनी ने बताया कि वह पिछले तीन वर्षों से अस्सी घाट पर किताबें बेच रही हैं. इनमें से अधिकांश उर्दू कवियों की कविताएं हैं, जो हिंदी लिपि में लिखी गई हैं.

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उन्होंने कहा कि उर्दू कविता के प्रति युवा पीढ़ी का आकर्षण बेहद ज्यादा है. कुछ युवा लड़कियां जो निजी कंपनियों में काम करती हैं, वे उर्दू कवियों की कविताओं के हर संस्करण को खरीदती हैं.

उन्होंने बताया कि यहां कुछ युवा ऐसे हैं जिनकी उर्दू बहुत अच्छी है.

Last Updated : Dec 6, 2020, 4:57 PM IST
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