नई दिल्ली: असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ( Assam Chief Minister Himanta Biswa Sarma) ने चीन के साथ ब्रह्मपुत्र जल मुद्दे को उठाने के लिए केंद्र से अपील की है कि चीन द्वारा ब्रह्मपुत्र नदी में अतिरिक्त पानी छोड़े जाने के बाद उनके राज्य में अचानक बाढ़ आ जाती है. इस संबंध में असम के आपदा प्रबंधन मंत्री जोगेन मोहन (Assam Minister for Disaster Management Jogen Mohan) ने बताया कि मुख्यमंत्री सरमा ने संबंधित केंद्रीय मंत्रालयों के साथ ब्रह्मपुत्र में चीन द्वारा अतिरिक्त पानी छोड़े जाने का मुद्दा उठाया. उन्होंने राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (एनडीएमए) के साथ भी इस मुद्दे पर चर्चा की है.
ईटीवी भारत से बात करते हुए मोहन ने कहा कि असम हर साल बाढ़ की समस्या का सामना करता है. मोहन ने कहा, 'स्थिति तब और खराब हो जाती है जब चीन अपना अतिरिक्त पानी ब्रह्मपुत्र नदी में छोड़ देता है.' पड़ोसी चीन नदी के ऊपरी भाग में भारी वर्षा के कारण ब्रह्मपुत्र नदी (तिब्बत में यारलुंग त्सांगपो के रूप में जाना जाता है) में अतिरिक्त पानी छोड़ता रहता है. मोहन ने कहा, 'इतना अधिक पानी अरुणाचल प्रदेश के कई जिलों और ऊपरी असम के जिलों में कहर बरपाता है.' गौरतलब है कि भारत समय-समय पर बीजिंग के सामने ब्रह्मपुत्र जल का मुद्दा उठाता रहता है. असम के मंत्री मोहन ने केंद्रीय गृह मंत्री के साथ आपदा प्रबंधन बैठक में भाग लेने के एक दिन बाद बातचीत में उक्त बातें कहीं. असम में आसन्न बाढ़ के परिदृश्य के बाद, राज्य सरकार ने पहले ही राज्य के कार्बी आंगलोंग और दीमा हसाओ जिलों को इस वर्ष बाढ़ से प्रभावित क्षेत्रों के रूप में चिन्हित कर लिया है.
मोहन ने कहा कि हमारे सर्वेक्षण के बाद यह पाया गया है कि दीमा हसाओ और कार्बी आंगलोंग हमारे दो जिले हैं जो इस साल की बाढ़ के दौरान गंभीर रूप से प्रभावित होने की संभावना है. इसलिए, हमने उपायुक्तों से बाढ़ की स्थिति को कम करने के लिए सभी सावधानी बरतने को कहा है. उन्होंने कहा कि राज्य के सभी उपायुक्तों (डीसी) को आसन्न बाढ़ के बाद उत्पन्न होने वाली स्थिति को कम करने के लिए सभी सावधानियों के साथ तैयार रहने के लिए कहा गया है.
हाल ही में मुख्यमंत्री सरमा ने गुवाहाटी में आयोजित सभी डीसी के साथ बैठक के दौरान बाढ़ की आशंका वाले सभी संवेदनशील क्षेत्रों की पहचान करने का निर्देश दिया था. मोहन ने कहा कि जिला अधिकारियों को राहत केंद्रों खासकर स्कूलों और ऐसे अन्य स्थानों को शॉर्टलिस्ट करने के लिए कहा गया है जहां बाढ़ के दौरान प्रभावित लोगों को स्थानांतरित किया जा सके. बता दें असम में पिछले साल बाढ़ से 88 लाख से ज्यादा लोग प्रभावित हुए थे जबकि 181 लोगों की मौत भी हुई थी. वहीं पिछले साल बाढ़ ने राज्य के 35 जिलों को भी प्रभावित किया था.
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