कुल्लू : हिमाचल प्रदेश के कुल्लू की सैंज घाटी के मझाण गांव (fire in mazhan village of kullu) में भीषण आग (mazhan fire incident) लग गई, जिसमें देव मंदिर सहित 27 मकानें जलकर खाक हो गए हैं. आगजनी की इस घटना में करीब नौ करोड़ रुपये के सामानों का नुकसान हुआ है. प्रदेश के मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर (CM Jairam Thakur) ने मझाण गांव में भीषण अग्निकांड पर दुख जताया है.
सीएम जयराम ठाकुर ने ट्वीट (CM Jairam tweets on mazhan fire incident) किया कि कुल्लू के मझाण गांव में आगजनी से 27 घरों में आग लगने वाली घटना अत्यंत दुःखद है. प्रभावित परिवारों को फौरन राहत प्रदान की जा रही है. इस संबंध में हमने स्थानीय प्रशासन को निर्देश दे दिए हैं. संकट की इस घड़ी में हम प्रभावित परिवारों के साथ हैं.
-
कुल्लू के मझाण गांव में आगजनी से 27 घरों में आग लगने वाली घटना अत्यंत दुःखद है।
— Jairam Thakur (@jairamthakurbjp) December 12, 2021 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data="
प्रभावित परिवारों को फौरी राहत प्रदान की जा रही है, इस संबंध में हमने स्थानीय प्रशासन को निर्देश दे दिए हैं।
संकट की इस घड़ी में हम प्रभावित परिवारों के साथ हैं।
">कुल्लू के मझाण गांव में आगजनी से 27 घरों में आग लगने वाली घटना अत्यंत दुःखद है।
— Jairam Thakur (@jairamthakurbjp) December 12, 2021
प्रभावित परिवारों को फौरी राहत प्रदान की जा रही है, इस संबंध में हमने स्थानीय प्रशासन को निर्देश दे दिए हैं।
संकट की इस घड़ी में हम प्रभावित परिवारों के साथ हैं।कुल्लू के मझाण गांव में आगजनी से 27 घरों में आग लगने वाली घटना अत्यंत दुःखद है।
— Jairam Thakur (@jairamthakurbjp) December 12, 2021
प्रभावित परिवारों को फौरी राहत प्रदान की जा रही है, इस संबंध में हमने स्थानीय प्रशासन को निर्देश दे दिए हैं।
संकट की इस घड़ी में हम प्रभावित परिवारों के साथ हैं।
कुल्लू के उपमंडल बंजार की सैंज तहसील के तहत आने वाले मझाण गांव में शनिवार को यह आग लगी थी. प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, गांव में प्रभावित लोगों की चीखें दूर-दूर तक सुनाई दे रही थी. स्थानीय विधायक सुरेंद्र शौरी (MLA Surendra Shourie) ने बताया कि उन्होंने इस बारे में जिला प्रशासन को भी निर्देश जारी किया है, ताकि राहत कार्यों को जल्द से जल्द गांव में पूरा किया जा सके. इस अग्निकांड में 27 घर और 26 गौशालाएं और दो मंदिर जलकर राख हो गए. कुल नौ करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है. आग लगने का कारण शॉर्ट सर्किट माना जा रहा है.
पढ़ें : कुन्नूर में हेलिकॉप्टर क्रैश वाली जगह पर स्मारक चौक बनाने की मांग
करोड़ों रुपये के ये सभी घर काष्ठकुणी (लकड़ी) शैली से बनाए गए थे. आग की लपटें देखकर पूरे गांव में अफरा-तफरी का माहौल बन गया था. गांव से सड़क दस किलोमीटर की दूरी पर है. यहां पीने के लिए पानी भी नहीं है. पूरा गांव एकमात्र प्राकृतिक जलस्रोत पर निर्भर है. ऐसे में आग बुझाने में ग्रामीणों को काफी मुश्किलें हुईं और देखते ही देखते 27 घर राख के ढेर में बदल गए. इस गांव में मोबाइल सिग्नल भी नहीं है. लिहाजा, दूसरे गांववालों से भी मदद नहीं मांगी जा सकी.
राजेंद्र कुमार, पविंद्र कुमार, दिनेश, फता चंद, जगदीश, जवाहर लाल, निमत राम और लिखत राम ने बताया कि गांव में आग लगने से ग्रामीण सदमे में हैं. सर्द मौसम में अब पालतू पशुओं के साथ खुले आसमान के नीचे रातें गुजारनी पड़ेगी. गनीमत यह रही कि आगजनी के इस घटना में कोई जानी नुकसान नहीं हुआ है. ग्रामीणों ने सरकार से सड़क, पानी और सिग्नल के लिए कई बार गुहार लगाई है. कई बार प्रतिनिधिमंडल जनप्रतिनिधियों से मिला, लेकिन हर बार उन्हें अनसुना कर दिया गया. गांव में यह सुविधाएं होती तो आग से घर बच सकते थे. अब राख का ढेर देखकर रोने के अलावा कोई रास्ता नहीं बचा है.