शिमला: हिमाचल में शराब की बोतल पर अब मिल्क सेस यानी दुग्ध सेस भी लगेगा. जिससे शराब का महंगा होना तय है. सीएम सुखविंदर सुक्खू ने शुक्रवार को अपने पहले बजट में ये घोषणा की है. वित्त वर्ष 2023-24 का बजट पेश करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा वो नई आबकारी नीति लाए हैं जिससे सरकार का राजस्व बढ़ेगा और पशुपालकों को भी फायदा होगा.
हर बोतल पर 10 रुपये मिल्क सेस- दरअसल कांग्रेस ने चुनाव के दौरान प्रदेश के दुग्ध उत्पादकों की आय बढ़ाने का वादा किया था. जिसके तहत सरकार ने दुग्ध उत्पादकों से गाय का दूध प्रतिलीटर 80 रुपये और भैंस का दूध 100 रुपये प्रति लीटर खरीदने की बात कही थी. पशुपालकों की आय बढ़ाने के लिए शराब की बोतल पर 10 रुपये दुग्ध सेस लगाने का फैसला लिया है. सीएम सुक्खू ने कहा कि दुग्ध सेस से आने वाले राजस्व को दुग्ध उत्पादकों की आय बढ़ाने पर ही खर्च किया जाएगा.
शराब पर पहले से ही लगा है काउ सेस- गौरतलब है कि हिमाचल में पूर्व की बीजेपी सरकार ने भी शराब पर काउ सेस लगाया था. जो फिलहाल ढाई फीसदी है. काउ सेस का इस्तेमाल राज्य में गौ संवर्धन के लिए किया जाता है. यानी शराब की हर बोतल पर 2.5 फीसदी काउ सेस के साथ-साथ अब 10 रुपये मिल्क सेस भी चुकाना होगा. जिससे सीधा-सीधा शराब महंगी हो जाएगी. सीएम ने कहा कि मिल्क सेस लगाने से हर साल सरकार को 100 करोड़ रुपये मिलेंगे. जो पशुपालकों और दुग्ध उत्पादकों की कल्याणकारी योजनाओं पर खर्च होगा.
नई आबकारी नीति- दरअसल हिमाचल की कांग्रेस सरकार ने नई आबकारी नीति के तहत प्रदेश के शराब के ठेकों की खुली नीलामी करवा रही है. सीएम सुक्खू ने अपने बजट भाषण के दौरान कहा कि पिछळी सरकारें शराब के ठेकों को 10 फीसदी बढ़ोतरी के साथ रिन्यू करती थी जिससे सरकार को सिर्फ 10 फीसदी का ही अधिक राजस्व हर साल मिलता था लेकिन ठेकों की नीलामी करने से ये आंकड़ा 32 फीसदी पहुंच गया है. सीएम ने मौजूदा समय में हो रही नीलामी के आंकड़े जारी करते हुए बताया कि सोलन जिले में ठेकों की नीलामी पिछले साल के मुकाबले 32 फीसदी, कुल्लू में 40%, किन्नौर में 66%, हमीरपुर में 23%, कांगड़ा में 36% अधिक पर हुई है. शिमला समेत अन्य जिलों में ये नीलामी अभी जारी है.
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