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सुरक्षा परिषद में सुधार के लिए उच्च स्तरीय बैठक आज

भारत अपनी दो साल की निर्वाचित सदस्यता के अंतिम महीने में परिषद के अध्यक्ष के रूप में अपने विशेषाधिकार का उपयोग लंबे समय से विलंबित और विवादास्पद मुद्दे को अपने कक्ष में ले जाने के लिए कर रहा है.

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सुरक्षा परिषद में सुधार के लिए उच्च स्तरीय बैठक आज
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Published : Dec 14, 2022, 1:36 PM IST

संयुक्त राष्ट्र : भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर बुधवार को संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (यूएनएससी) की एक उच्च-स्तरीय मंत्रिस्तरीय बैठक की अध्यक्षता करेंगे. इसमें दुनिया में मौजूदा बहुआयामी संकट से निपटने के लिए परिषद में सुधार पर जोर दिया जाएगा. बैठक की तैयारी के लिए उन्होंने मंगलवार को महासभा के अध्यक्ष साबा कोरोसी और जापान के विदेश राज्य मंत्री यामादा केंजी के साथ मुलाकात की. मुलाकात के बाद कोरोसी और जयशंकर दोनों ने ट्वीट किया कि उनकी बातचीत में संयुक्त राष्ट्र के सुधारों पर चर्चा हुई. जापान जी4 का सदस्य है, जिसमें भारत व ब्राजील भी शामिल हैं. यह समूह परिषद में सुधार की पैरवी करता है और स्थायी सीट के लिए एक दूसरे का समर्थन करते हैं.

भारत अपनी दो साल की निर्वाचित सदस्यता के अंतिम महीने में परिषद के अध्यक्ष के रूप में अपने विशेषाधिकार का उपयोग लंबे समय से विलंबित और विवादास्पद मुद्दे को अपने कक्ष में ले जाने के लिए कर रहा है. परिषद में भारत के स्थायी मिशन के एक सदस्य ने कहा, आज बहुआयामी संकट का सामना कर रही दुनिया परिषद का इस प्रकार पुनर्गठन चाहती है, जो उभरती चुनौतियों का सामना करने में सक्षम हो. संगठन के महासचिव एंटोनियो गुटेरेस भी बैठक में भाग लेंगे.

पढ़ें: जयशंकर ने संयुक्त राष्ट्र महासभा के 77वें सत्र के अध्यक्ष साबा कोरोसी से की मुलाकात

परिषद की बैठक से पहले जयशंकर गुटेरेस और सिसाबा के साथ संयुक्त राष्ट्र मुख्यालय में महात्मा गांधी की एक आदमकद प्रतिमा का अनावरण करेंगे. गुरुवार को जयशंकर एक आतंकवाद पर आधारित एक कार्यक्रम की अध्यक्षता करेंगे. विदेश मंत्रालय के अनुसार भारत अक्टूबर में नई दिल्ली में परिषद की आतंकवाद-रोधी समिति की एक विशेष बैठक में अपनाई गई वैश्विक आतंकवाद-विरोधी संरचना के व्यापक सिद्धांतों पर परिषद के सदस्यों के बीच आम सहमति और दिल्ली घोषणा को आगे बढ़ाने की मांग करेगा.

संयुक्त राष्ट्र में सबसे अधिक संख्या में शांति सैनिकों का योगदान करने वाले देश के रूप में भारत उनकी सुरक्षा के प्रति प्रतिबद्ध है. जयशंकर शांति सैनिकों पर हमला करने वालों के खिलाफ कार्रवाई की मांग के लिए एक बहुराष्ट्रीय समूह की स्थापना करेंगे. जयशंकर बांग्लादेश, मिस्र, फ्रांस, मोरक्को और नेपाल के साथ सह अध्यक्ष के रूप में शांति सैनिकों के खिलाफ अपराध करने वालों के खिलाफ मित्र समूह लॉन्च करने वाले हैं.

पढ़ें: जयशंकर ने कनाडा की विदेश मंत्री से की बातचीत, हिंद-प्रशांत पर की चर्चा

पौष्टिक आहार के लिए स्वस्थ खाद्यान्न के उपयोग का प्रचार करने के लिए भारत अंतर्राष्ट्रीय बाजरा वर्ष, 2023 को बढ़ावा दे रहा है. इस पर प्रकाश डालने के लिए जयशंकर गुटेरेस के लिए बाजरा आधारित लंच की मेजबानी करेंगे. भारतीय मिशन के नोट के अनुसार परिषद में सुधार पर आयोजित बैठक में भारत यह सवाल उठाएगा कि समकालीन वैश्विक वास्तविकताओं को प्रतिबिंबित करने के लिए सुरक्षा परिषद क्या कदम उठा रहा है.

नोट में बताया गया है कि 75 साल पहले 55 सदस्यों के साथ संयुक्त राष्ट्र के गठन के बाद से यह संख्या बढ़कर 193 हो गई है, लेकिन संगठन ने बदलती दुनिया के साथ तालमेल नहीं रखा और परिषद की संरचना में 1965 के बाद कोई परिवर्तन नहीं हुआ. यह कहा गया कि विश्व नेताओं ने 2005 में अपने सहस्राब्दी शिखर सम्मेलन के बाद से बार-बार सुधारों का आह्वान किया, लेकिन इसमें बहुत कम प्रगति हुई. बैठक में संयुक्त राष्ट्र के अन्य निकायों और अन्य अंतरराष्ट्रीय संगठनों में सुधार की आवश्यकता पर भी विचार किया जाएगा.

पढ़ें: जयशंकर यूएई में इंडिया ग्लोबल फोरम यूएई का उद्घाटन करेंगे

पढ़ें: जयशंकर बोले- रूस से तेल खरीदना भारत के हित में

संयुक्त राष्ट्र : भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर बुधवार को संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (यूएनएससी) की एक उच्च-स्तरीय मंत्रिस्तरीय बैठक की अध्यक्षता करेंगे. इसमें दुनिया में मौजूदा बहुआयामी संकट से निपटने के लिए परिषद में सुधार पर जोर दिया जाएगा. बैठक की तैयारी के लिए उन्होंने मंगलवार को महासभा के अध्यक्ष साबा कोरोसी और जापान के विदेश राज्य मंत्री यामादा केंजी के साथ मुलाकात की. मुलाकात के बाद कोरोसी और जयशंकर दोनों ने ट्वीट किया कि उनकी बातचीत में संयुक्त राष्ट्र के सुधारों पर चर्चा हुई. जापान जी4 का सदस्य है, जिसमें भारत व ब्राजील भी शामिल हैं. यह समूह परिषद में सुधार की पैरवी करता है और स्थायी सीट के लिए एक दूसरे का समर्थन करते हैं.

भारत अपनी दो साल की निर्वाचित सदस्यता के अंतिम महीने में परिषद के अध्यक्ष के रूप में अपने विशेषाधिकार का उपयोग लंबे समय से विलंबित और विवादास्पद मुद्दे को अपने कक्ष में ले जाने के लिए कर रहा है. परिषद में भारत के स्थायी मिशन के एक सदस्य ने कहा, आज बहुआयामी संकट का सामना कर रही दुनिया परिषद का इस प्रकार पुनर्गठन चाहती है, जो उभरती चुनौतियों का सामना करने में सक्षम हो. संगठन के महासचिव एंटोनियो गुटेरेस भी बैठक में भाग लेंगे.

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परिषद की बैठक से पहले जयशंकर गुटेरेस और सिसाबा के साथ संयुक्त राष्ट्र मुख्यालय में महात्मा गांधी की एक आदमकद प्रतिमा का अनावरण करेंगे. गुरुवार को जयशंकर एक आतंकवाद पर आधारित एक कार्यक्रम की अध्यक्षता करेंगे. विदेश मंत्रालय के अनुसार भारत अक्टूबर में नई दिल्ली में परिषद की आतंकवाद-रोधी समिति की एक विशेष बैठक में अपनाई गई वैश्विक आतंकवाद-विरोधी संरचना के व्यापक सिद्धांतों पर परिषद के सदस्यों के बीच आम सहमति और दिल्ली घोषणा को आगे बढ़ाने की मांग करेगा.

संयुक्त राष्ट्र में सबसे अधिक संख्या में शांति सैनिकों का योगदान करने वाले देश के रूप में भारत उनकी सुरक्षा के प्रति प्रतिबद्ध है. जयशंकर शांति सैनिकों पर हमला करने वालों के खिलाफ कार्रवाई की मांग के लिए एक बहुराष्ट्रीय समूह की स्थापना करेंगे. जयशंकर बांग्लादेश, मिस्र, फ्रांस, मोरक्को और नेपाल के साथ सह अध्यक्ष के रूप में शांति सैनिकों के खिलाफ अपराध करने वालों के खिलाफ मित्र समूह लॉन्च करने वाले हैं.

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पौष्टिक आहार के लिए स्वस्थ खाद्यान्न के उपयोग का प्रचार करने के लिए भारत अंतर्राष्ट्रीय बाजरा वर्ष, 2023 को बढ़ावा दे रहा है. इस पर प्रकाश डालने के लिए जयशंकर गुटेरेस के लिए बाजरा आधारित लंच की मेजबानी करेंगे. भारतीय मिशन के नोट के अनुसार परिषद में सुधार पर आयोजित बैठक में भारत यह सवाल उठाएगा कि समकालीन वैश्विक वास्तविकताओं को प्रतिबिंबित करने के लिए सुरक्षा परिषद क्या कदम उठा रहा है.

नोट में बताया गया है कि 75 साल पहले 55 सदस्यों के साथ संयुक्त राष्ट्र के गठन के बाद से यह संख्या बढ़कर 193 हो गई है, लेकिन संगठन ने बदलती दुनिया के साथ तालमेल नहीं रखा और परिषद की संरचना में 1965 के बाद कोई परिवर्तन नहीं हुआ. यह कहा गया कि विश्व नेताओं ने 2005 में अपने सहस्राब्दी शिखर सम्मेलन के बाद से बार-बार सुधारों का आह्वान किया, लेकिन इसमें बहुत कम प्रगति हुई. बैठक में संयुक्त राष्ट्र के अन्य निकायों और अन्य अंतरराष्ट्रीय संगठनों में सुधार की आवश्यकता पर भी विचार किया जाएगा.

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