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गृह मंत्रालय ने दिए जम्मू-कश्मीर में हिंसा रोकने के लिए हर संभव उपाय करने का निर्देश

जम्मू-कश्मीर की कानून व्यवस्था को लेकर आज गृह मंत्रालय में एक उच्च स्तरीय बैठक हुई, जिसमें राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (National Security Advisor) अजीत डोभाल, गृह सचिव अजय कुमार भल्ला, इंटेलिजेंस ब्यूरो (Intelligence Bureau ) के प्रमुख अरविंद कुमार, बीएसएफ के डीजी प्रकाश सिंह, सीआरपीएफ के डीजी कुलदीप सिंह और गृह मंत्रालय के अन्य वरिष्ठ अधिकारी मौजूद रहे.

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Published : Oct 7, 2021, 11:25 AM IST

Updated : Oct 7, 2021, 6:49 PM IST

जम्मू-कश्मीर
जम्मू-कश्मीर

नई दिल्ली : जम्मू-कश्मीर की कानून व्यवस्था को लेकर आज गृह मंत्रालय में एक उच्च स्तरीय बैठक हुई. बैठक में उस स्थिति पर विचार-विमर्श किया गया, जहां आतंकवादी नागरिकों को निशाना बना रहे हैं. बैठक में शीर्ष सुरक्षा अधिकारी शामिल हुए. विडंबना यह है कि जब अमित शाह नई दिल्ली में उच्च स्तरीय बैठक की अध्यक्षता कर रहे थे. उसी वक्त जम्मू-कश्मीर में दो स्कूलों के शिक्षकों की आतंकवादियों ने गोली मारकर हत्या कर दी.

बैठक के बाद गृह मंत्री (Home Minister ) ने सभी सुरक्षा एजेंसियों (security agencies) को हत्या में शामिल दोषियों को पकड़ने के लिए बड़े पैमाने पर तलाशी अभियान तेज करने को कहा है.

गृह मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने नाम न छापने की शर्त पर कहा कि गृह मंत्री ने सभी सुरक्षा एजेंसियों को जारी हिंसा को रोकने के लिए हर संभव उपाय करने का निर्देश दिया है.

बैठक में राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (National Security Advisor) अजीत डोभाल, गृह सचिव अजय कुमार भल्ला, इंटेलिजेंस ब्यूरो (Intelligence Bureau ) के प्रमुख अरविंद कुमार, बीएसएफ के डीजी प्रकाश सिंह, सीआरपीएफ के डीजी कुलदीप सिंह और गृह मंत्रालय के अन्य वरिष्ठ अधिकारी मौजूद थे.

बैठक में मौजूद खुफिया अधिकारियों ने कहा कि लश्कर-ए-तैयबा (Lashkar-e-Toiba) की शाखा द रेजिस्टेंस फोर्स (The Resistance Force) घटनाओं में शामिल हो सकती है. दरअसल, टीआरएफ पहले ही दो लोगों की हत्या की जिम्मेदारी ले चुकी है.

गृह मंत्रालय में एक उच्च स्तरीय बैठक

उल्लेखनीय है कि आतंकवादियों द्वारा एक अन्य नागरिक की गोली मारकर हत्या करने से पहले एक कश्मीरी पंडित (Kashmiri pandit) माखन लाल बिंदू (Makhan Lal Bindoo) और एक स्ट्रीट वेंडर वीरेंद्र पासवान (street vendor Virendar Paswan) को गोली मारी गई थी. बिंदू और पासवान की हत्या की जिम्मेदारी टीआरएफ ने ली थी.

खुफिया एजेंसियों को भी अपनी खुफिया जानकारी जुटाने की प्रणाली को मजबूत करने को कहा गया है.

इस संबंध में ईटीवी भारत से बात करते हुए, बीएसएफ के पूर्व महानिदेशक (former director general of BSF) प्रकाश सिंह (Prakash Singh) ने कहा कि जम्मू-कश्मीर में अराजकता और भय की भावना पैदा करने के लिए घटनाओं को अंजाम दिया जा रहा है.

सिंह ने कहा कि जब सरकार ने जम्मू-कश्मीर में आतंकवाद के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की, तो जम्मू-कश्मीर में आतंक पैदा फैलाने के लिए जमीनी संगठनों ने आसान लक्ष्यों को मारना शुरू कर दिया है.

सिंह ने सरकारी एजेंसियों के खुफिया नेटवर्क को मजबूत (strengthening intelligence network) करने पर जोर दिया.

सिंह ने कहा,'भारत विरोधी संगठनों (anti-India organisations) की गतिविधियों पर सटीक और मजबूत खुफिया जानकारी होनी चाहिए. अगर हमारे पास मजबूत खुफिया नेटवर्क है, तो हम बड़ी संख्या में घटनाओं को रोक सकते है.'

नागरिकों को निशाना बनाने के कारणों के बारे में पूछे जाने पर, सिंह ने कहा कि नागरिक एक आसान लक्ष्य हैं. सिंह ने कहा, 'वास्तव में कोई भी आतंकवादी संगठन युवाओं को हत्या के लिए भर्ती कर सकता है. पहले वे पथराव के लिए युवाओं की भर्ती कर रहे थे, लेकिन अब वे नागरिकों की हत्या के लिए युवाओं की भर्ती कर रहे हैं.

पढ़ें - श्रीनगर आतंकी हमला : राहुल बोले- नागरिकों को सुरक्षा देने में नाकाम रही केंद्र सरकार

दरअसल, पिछले कुछ दिनों में सुरक्षा एजेंसियों ने जम्मू-कश्मीर के विभिन्न स्थानों से भारी मात्रा में हथियार और गोला-बारूद (arms and ammunition) बरामद किया है. गोला-बारूद में अच्छी संख्या में छोटे हथियार भी शामिल हैं.

बीएसएफ ने गुरुवार को सांबा क्षेत्र में अंतरराष्ट्रीय सीमा (international border in Samba) पार से हथियार तस्करी के एक प्रयास को विफल कर दिया, जिसमें चार पिस्तौल, 8 पिस्टल मैगजीन और 233 राउंड जिंदा कारतूस सहित हथियार और गोला-बारूद का एक बड़ा जखीरा जब्त किया गया था.

बता दें कि जम्मू-कश्मीर में मंगलवार को आतंकवादियों ने तीन अलग-अलग वारदातों में तीन लोगों की हत्या कर दी थी. आतंकियों ने करीब साढ़े सात बजे इकबाल पार्क क्षेत्र में श्रीनगर की प्रसिद्ध फार्मेसी के मालिक माखनलाल बिंदरू की उनके व्यवसायकि परिसर में गोली मारकर हत्या कर दी. पुलिस के एक अधिकारी ने बताया कि हमलावरों ने बिंदरू (68) को उस समय नजदीक से गोली मार दी जब वह अपनी फार्मेसी में थे. इसके बाद आतंकियों ने लाल बाजार इलाके में गोलगप्पा बेचने वाले विरेंद्र पासवान की हत्या कर दी थी. विरेंद्र पासवान बिहार के भागलपुर के रहने वाले थे. वहीं तीसरी घटना में आतंकियों ने बांदीपोरा के शाहगुंड इलाके में एक आम नागरिक की हत्या कर दी थी. जम्मू-कश्मीर पुलिस ने मृतक की पहचान नायदखाई निवासी मोहम्मद शफी लोन के रूप में की थी.

नई दिल्ली : जम्मू-कश्मीर की कानून व्यवस्था को लेकर आज गृह मंत्रालय में एक उच्च स्तरीय बैठक हुई. बैठक में उस स्थिति पर विचार-विमर्श किया गया, जहां आतंकवादी नागरिकों को निशाना बना रहे हैं. बैठक में शीर्ष सुरक्षा अधिकारी शामिल हुए. विडंबना यह है कि जब अमित शाह नई दिल्ली में उच्च स्तरीय बैठक की अध्यक्षता कर रहे थे. उसी वक्त जम्मू-कश्मीर में दो स्कूलों के शिक्षकों की आतंकवादियों ने गोली मारकर हत्या कर दी.

बैठक के बाद गृह मंत्री (Home Minister ) ने सभी सुरक्षा एजेंसियों (security agencies) को हत्या में शामिल दोषियों को पकड़ने के लिए बड़े पैमाने पर तलाशी अभियान तेज करने को कहा है.

गृह मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने नाम न छापने की शर्त पर कहा कि गृह मंत्री ने सभी सुरक्षा एजेंसियों को जारी हिंसा को रोकने के लिए हर संभव उपाय करने का निर्देश दिया है.

बैठक में राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (National Security Advisor) अजीत डोभाल, गृह सचिव अजय कुमार भल्ला, इंटेलिजेंस ब्यूरो (Intelligence Bureau ) के प्रमुख अरविंद कुमार, बीएसएफ के डीजी प्रकाश सिंह, सीआरपीएफ के डीजी कुलदीप सिंह और गृह मंत्रालय के अन्य वरिष्ठ अधिकारी मौजूद थे.

बैठक में मौजूद खुफिया अधिकारियों ने कहा कि लश्कर-ए-तैयबा (Lashkar-e-Toiba) की शाखा द रेजिस्टेंस फोर्स (The Resistance Force) घटनाओं में शामिल हो सकती है. दरअसल, टीआरएफ पहले ही दो लोगों की हत्या की जिम्मेदारी ले चुकी है.

गृह मंत्रालय में एक उच्च स्तरीय बैठक

उल्लेखनीय है कि आतंकवादियों द्वारा एक अन्य नागरिक की गोली मारकर हत्या करने से पहले एक कश्मीरी पंडित (Kashmiri pandit) माखन लाल बिंदू (Makhan Lal Bindoo) और एक स्ट्रीट वेंडर वीरेंद्र पासवान (street vendor Virendar Paswan) को गोली मारी गई थी. बिंदू और पासवान की हत्या की जिम्मेदारी टीआरएफ ने ली थी.

खुफिया एजेंसियों को भी अपनी खुफिया जानकारी जुटाने की प्रणाली को मजबूत करने को कहा गया है.

इस संबंध में ईटीवी भारत से बात करते हुए, बीएसएफ के पूर्व महानिदेशक (former director general of BSF) प्रकाश सिंह (Prakash Singh) ने कहा कि जम्मू-कश्मीर में अराजकता और भय की भावना पैदा करने के लिए घटनाओं को अंजाम दिया जा रहा है.

सिंह ने कहा कि जब सरकार ने जम्मू-कश्मीर में आतंकवाद के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की, तो जम्मू-कश्मीर में आतंक पैदा फैलाने के लिए जमीनी संगठनों ने आसान लक्ष्यों को मारना शुरू कर दिया है.

सिंह ने सरकारी एजेंसियों के खुफिया नेटवर्क को मजबूत (strengthening intelligence network) करने पर जोर दिया.

सिंह ने कहा,'भारत विरोधी संगठनों (anti-India organisations) की गतिविधियों पर सटीक और मजबूत खुफिया जानकारी होनी चाहिए. अगर हमारे पास मजबूत खुफिया नेटवर्क है, तो हम बड़ी संख्या में घटनाओं को रोक सकते है.'

नागरिकों को निशाना बनाने के कारणों के बारे में पूछे जाने पर, सिंह ने कहा कि नागरिक एक आसान लक्ष्य हैं. सिंह ने कहा, 'वास्तव में कोई भी आतंकवादी संगठन युवाओं को हत्या के लिए भर्ती कर सकता है. पहले वे पथराव के लिए युवाओं की भर्ती कर रहे थे, लेकिन अब वे नागरिकों की हत्या के लिए युवाओं की भर्ती कर रहे हैं.

पढ़ें - श्रीनगर आतंकी हमला : राहुल बोले- नागरिकों को सुरक्षा देने में नाकाम रही केंद्र सरकार

दरअसल, पिछले कुछ दिनों में सुरक्षा एजेंसियों ने जम्मू-कश्मीर के विभिन्न स्थानों से भारी मात्रा में हथियार और गोला-बारूद (arms and ammunition) बरामद किया है. गोला-बारूद में अच्छी संख्या में छोटे हथियार भी शामिल हैं.

बीएसएफ ने गुरुवार को सांबा क्षेत्र में अंतरराष्ट्रीय सीमा (international border in Samba) पार से हथियार तस्करी के एक प्रयास को विफल कर दिया, जिसमें चार पिस्तौल, 8 पिस्टल मैगजीन और 233 राउंड जिंदा कारतूस सहित हथियार और गोला-बारूद का एक बड़ा जखीरा जब्त किया गया था.

बता दें कि जम्मू-कश्मीर में मंगलवार को आतंकवादियों ने तीन अलग-अलग वारदातों में तीन लोगों की हत्या कर दी थी. आतंकियों ने करीब साढ़े सात बजे इकबाल पार्क क्षेत्र में श्रीनगर की प्रसिद्ध फार्मेसी के मालिक माखनलाल बिंदरू की उनके व्यवसायकि परिसर में गोली मारकर हत्या कर दी. पुलिस के एक अधिकारी ने बताया कि हमलावरों ने बिंदरू (68) को उस समय नजदीक से गोली मार दी जब वह अपनी फार्मेसी में थे. इसके बाद आतंकियों ने लाल बाजार इलाके में गोलगप्पा बेचने वाले विरेंद्र पासवान की हत्या कर दी थी. विरेंद्र पासवान बिहार के भागलपुर के रहने वाले थे. वहीं तीसरी घटना में आतंकियों ने बांदीपोरा के शाहगुंड इलाके में एक आम नागरिक की हत्या कर दी थी. जम्मू-कश्मीर पुलिस ने मृतक की पहचान नायदखाई निवासी मोहम्मद शफी लोन के रूप में की थी.

Last Updated : Oct 7, 2021, 6:49 PM IST
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