श्रीनगर: जम्मू-कश्मीर और लद्दाख हाई कोर्ट ने अमरनाथ यात्रियों के लिए प्रसिद्ध पर्यटन स्थल सोनमर्ग में और उसके आसपास अस्थायी संरचनाओं के निर्माण की अनुमति दे दी है. इसके बन जाने से यात्रियों को सुविधा होगी. हालांकि कोर्ट ने कहा है कि तीर्थयात्रा के समाप्त होने के बाद ढांचे को गिराने का निर्देश दिया है.
इस संबंध में हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश एन कोटिश्वर सिंह और न्यायमूर्ति मोक्ष खजुरिया काजमी की खंडपीठ ने सोनमर्ग के पर्यावरण और पारिस्थितिकी तंत्र पर विकास और बहाली के संभावित प्रभावों का उल्लेख किया. कोर्ट ने अमरनाथ यात्रा के दौरान आने वाले तीर्थयात्रियों की भारी संख्या को देखते हुए केवल अस्थायी आश्रयों के निर्माण की अनुमति दी. कोर्ट जोर देकर कहा कि प्रासंगिक पर्यावरणीय मुद्दे सोनमर्ग के संरक्षण के लिए महत्वपूर्ण हैं.
कोर्ट ने इस साल 27 मार्च को अदालत द्वारा जारी निषेधाज्ञा आदेश पर विचार करने से पहले यात्रियों और तीर्थयात्रियों के लिए उपयुक्त सुविधाओं की आपूर्ति की गारंटी के लिए अस्थायी संरचनाओं के निर्माण की अनुमति देने पर सहमति व्यक्त की. साथ ही कोर्ट ने इस बात पर भी जोर दिया कि अमरनाथ यात्रा समाप्त होने पर इन निर्माणों को मौजूदा कानूनों के अनुरूप गिराया जाना था. विशेष रूप से, अदालत ने 28 मार्च को यह स्पष्ट कर दिया था कि सोनमर्ग विकास क्षेत्र में कोई नया निर्माण नहीं किया जाएगा, भले ही किसी सक्षम प्राधिकारी द्वारा इस उद्देश्य के लिए कोई निर्माण अनुमति दी गई हो या नहीं. बता दें कि एक जनहित याचिका की सुनवाई करते हुए न्यायमूर्ति संजीव कुमार और पुनीत गुप्ता की खंडपीठ ने मुख्य कार्यकारी अधिकारी (CEO) को सोनमर्ग विकास क्षेत्र में सभी नए निर्माणों को रोकने के लिए तत्काल कदम उठाने का निर्देश दिया था.
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