लखनऊ : हाई कोर्ट की लखनऊ बेंच (Lucknow Bench of High Court) ने धर्मांतरण का रैकेट चलाने के मामले में गिरफ्तार आरोपी उमर गौतम की उस याचिका को खारिज कर दिया है, जिसमें उसने मामले में मीडिया कवरेज पर रोक लगाने की मांग की थी. यह आदेश न्यायमूर्ति रमेश सिन्हा व न्यायमूर्ति विकास कुंवर श्रीवास्तव की खंडपीठ ने उमर गौतम की याचिका पर दो जुलाई के सुरक्षित अपने आदेश को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए सुनवाई करते हुए पारित किया. याचिका में यह भी मांग की गयी थी कि 20 जून को जारी प्रेस नोट को मीडिया से हटाया जाये.
याचिकाकर्ता नहीं दिखा सका कोई रिकॉर्ड
याचिका रद करते हुए पीठ ने कहा कि याचिकाकर्ता रिकॉर्ड पर ऐसा कोई तथ्य नहीं दिखा सका, जिससे स्पष्ट होता हो कि जांच एजेंसी ने विवेचना का कोई तथ्य मीडिया को लीक किया है. लिहाजा संविधान के अनुच्छेद 226 के तहत इस याचिका पर दखल देने की आवश्यकता नहीं है. पुलिस द्वारा 20 जून के प्रेस नोट जारी करने के बावत न्यायालय ने कहा कि वह यह नहीं मानता कि इससे याचिकाकर्ता के किसी संवैधानिक या कानूनी अधिकार का हनन किया गया है. न्यायालय ने कहा कि प्रेस नोट जारी करने के कारणों का न्यायिक पुर्नविलोकन करने की आवश्यकता नहीं है.
याचिका का सरकार की ओर से विरोध करते हुए अपर शासकीय अधिवक्ता शिवनाथ तिलहरी ने दलील दी थी कि प्रेस नोट लखनऊ में एसआईटी (SIT) द्वारा दर्ज केस की विवेचना से संबधित नहीं था. प्रेस नोट के जरिये लोगों को यह बताने की केशिश की गयी थी कि कुछ एंटी सोशल लोग पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई (ISI) के साथ मिलकर समाज के गरीब तबके के लोगें को प्रलोभन देकर उनका इस्लाम में धर्मांतरण करा रहे हैं, जिससे सामाजिक सद्भाव पर विपरीत असर पड़ रहा है.
21 जून को यूपी एटीएस ने उमर गौतम को किया था गिरफ्तार
एटीएस ने 21 जून को दो मुसलमान धर्मगुरुओं को साजिश के तहत हिंदुओं का धर्म परिवर्तन कराने के आरोप में गिरफ्तार किया था. इनमें से एक खुद हिंदू धर्म में पैदा हुआ था, उसने इस्लाम धर्म अपनाया था. यूपी एटीएस के मुताबिक, इस्लामिक दावा सेंटर के संचालक मोहम्मद उमर गौतम और मुफ्ती काजी जहांगीर आलम कासमी को दिल्ली के जामिया नगर इलाके से गिरफ्तार किया गया था. उमर और जहांगीर न सिर्फ लालच, बल्कि डरा-धमकाकर भी धर्म परिवर्तित करवाते थे. इन दोनों ने अब तक गरीब महिलाओं के साथ मूक-मधिर गरीब बच्चों और अपाहिजों को मिलाकर 1,000 से ज्यादा लोगों का धर्मांतरण कराया है. इस मामले में यूपी एटीएस अब तक 6 लोगों की गिरफ्तारी हो चुकी है.
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