प्रयागराज: इलाहाबाद हाईकोर्ट ने श्री कृष्ण जन्मभूमि शाही ईदगाह को लेकर मथुरा की सिविल कोर्ट में दाखिल सिविल सूट की सुनवाई स्थानांतरित किए जाने की याचिका पर अपना निर्णय सुरक्षित कर लिया है. कोर्ट ने इस मामले के सभी पक्षों के वकीलों को 3 दिन के भीतर अपनी लिखित बहस दाखिल करने का निर्देश दिया है. भगवान श्रीकृष्ण विराजमान कटरा केशव देव मथुरा की ओर से रंजना अग्निहोत्री व सात अन्य के माध्यम से हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की गई है. याचिका पर न्यायमूर्ति अरविंद कुमार मिश्र सुनवाई कर रहे हैं.
सिविल सूट दाखिल करने वाले हिंदू पक्ष का दावा है कि मस्जिद का निर्माण हिंदू मंदिर का ध्वस्तीकरण करके किया गया है. श्री कृष्ण जन्मस्थान के पास बना ढांचा मस्जिद नहीं हो सकता क्योंकि कोई वक़्फ़ स्थापित नहीं किया गया और ना ही कभी मस्जिद बनाने के लिए भूमि दी गई है. प्रकरण करोड़ों हिंदुओं की आस्था से जुड़ा है तथा राष्ट्रीय महत्व का है. इसमें विधि के प्रश्नों के साथ ही संविधान की व्याख्या से संबंधित प्रश्न शामिल है जिसे संवैधानिक अदालत होने के कारण हाई कोर्ट द्वारा आसानी से सुलझाया जा सकता है. यह भी कहा गया कि मामला इतिहास के प्रश्नों से जुड़ा है. हिंदू व मुस्लिम कानून की व्याख्या और संविधान के तमाम प्रश्नों के व्याख्या की आवश्यकता होगी इसलिए इस मामले को मथुरा सिविल कोर्ट के बजाय हाई कोर्ट द्वारा सुना जाए.
गौरतलब है कि गत सोमवार को जस्टिस प्रकाश पाड़िया की बेंच ने सेंट्रल सुन्नी वक्फ बोर्ड और शाही ईदगाह मस्जिद प्रबंधन समिति की याचिका पर सुनवाई करते हुए श्री कृष्ण जन्मभूमि शाही ईदगाह मामले की सुनवाई मथुरा की सिविल अदालत द्वारा ही किए जाने का आदेश दिया था.