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जिम फिर खोलने पर फैसला ले मध्य प्रदेश सरकार : उच्च न्यायालय

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Published : Jun 12, 2021, 9:50 PM IST

मध्यप्रदेश उच्च न्यायालय ने राज्य सरकार से कहा है कि जिम खोलने पर 15 दिनों के अंदर निर्णय ले. जिम ओनर्स एसोसिएशन की याचिका पर सुनवाई के दौरान हाई कोर्ट ने ये आदेश दिया.

उच्च न्यायालय
उच्च न्यायालय

जबलपुर : मध्यप्रदेश उच्च न्यायालय ने जिम ओनर्स एसोसिएशन की एक याचिका पर प्रदेश के गृह विभाग को 15 दिनों के अंदर निर्णय लेने का निर्देश दिया है. याचिका में राज्य भर में जिम (gym) को फिर से खोलने की मांग की गई है.
मुख्य न्यायाधीश मोहम्मद रफीक और न्यायमूर्ति सुजॉय पॉल की युगलपीठ ने याचिकाकर्ता को राज्य के गृह विभाग के समक्ष एक व्यापक अभ्यावेदन प्रस्तुत करने का निर्देश दिया.
अदालत ने अपने आदेश में कहा कि राज्य के गृह विभाग को महामारी की स्थिति और कोविड-19 के दिशा निर्देशों के आलोक में याचिकाकर्ता के अभ्यावेदन पर विचार कर 15 दिनों के भीतर एक तर्कसंगत निर्णय लेने का निर्देश दिया जाता है.

याचिकाकर्ता ने ये दिया तर्क
याचिकाकर्ता ने तर्क दिया कि जिम में किए जाने वाले व्यायाम लोगों की प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाते है और उनके फेफड़ों को मजबूत बनाते हैं इसलिए राज्य में जिम बंद रखने का कोई कारण नहीं है.

पढ़ें- तमिलनाडु में पहली बार मंदिरों में होंगी महिला पुजारी, मंत्री ने किया एलान
याचिकाकर्ता ने आगे कहा कि कर्नाटक सरकार ने लॉकडाउन के दौरान जिम को संचालित करने की अनुमति दी थी, लेकिन मध्यप्रदेश सरकार ने उन्हें अनुमति देने से इनकार कर दिया.
एसोसिएशन के वकील ने बताया कि उच्च न्यायालय के निर्देश के अनुसार प्रदेश सरकार को अभ्यावेदन प्रस्तुत किया है.

(पीटीआई-भाषा)

जबलपुर : मध्यप्रदेश उच्च न्यायालय ने जिम ओनर्स एसोसिएशन की एक याचिका पर प्रदेश के गृह विभाग को 15 दिनों के अंदर निर्णय लेने का निर्देश दिया है. याचिका में राज्य भर में जिम (gym) को फिर से खोलने की मांग की गई है.
मुख्य न्यायाधीश मोहम्मद रफीक और न्यायमूर्ति सुजॉय पॉल की युगलपीठ ने याचिकाकर्ता को राज्य के गृह विभाग के समक्ष एक व्यापक अभ्यावेदन प्रस्तुत करने का निर्देश दिया.
अदालत ने अपने आदेश में कहा कि राज्य के गृह विभाग को महामारी की स्थिति और कोविड-19 के दिशा निर्देशों के आलोक में याचिकाकर्ता के अभ्यावेदन पर विचार कर 15 दिनों के भीतर एक तर्कसंगत निर्णय लेने का निर्देश दिया जाता है.

याचिकाकर्ता ने ये दिया तर्क
याचिकाकर्ता ने तर्क दिया कि जिम में किए जाने वाले व्यायाम लोगों की प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाते है और उनके फेफड़ों को मजबूत बनाते हैं इसलिए राज्य में जिम बंद रखने का कोई कारण नहीं है.

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याचिकाकर्ता ने आगे कहा कि कर्नाटक सरकार ने लॉकडाउन के दौरान जिम को संचालित करने की अनुमति दी थी, लेकिन मध्यप्रदेश सरकार ने उन्हें अनुमति देने से इनकार कर दिया.
एसोसिएशन के वकील ने बताया कि उच्च न्यायालय के निर्देश के अनुसार प्रदेश सरकार को अभ्यावेदन प्रस्तुत किया है.

(पीटीआई-भाषा)

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