मुंबई: महाराष्ट्र के कुछ हिस्सों में लगातार हो रही बारिश और भारी वर्षा की चेतावनी के मद्देनजर राज्य सरकार ने गुरुवार को एक परामर्श जारी कर लोगों से बिना काम के घर से बाहर नहीं निकलने को कहा है. अधिकारियों ने बताया कि मुंबई में गुरुवार सुबह आठ बजे तक, पिछले 24 घंटे में औसतन 100 मिलीमीटर (मिमी) बारिश हुई, जबकि पड़ोसी ठाणे शहर में इस अवधि के दौरान 213.84 मिमी बारिश हुई. रायगढ़ और रत्नागिरि सहित कुछ तटीय जिलों में लगातार बारिश हो रही है.
उन्होंने बताया कि रायगढ़ जिले के इरशालवाडी गांव में हुए भूस्खलन में कम से कम 10 ग्रामीणों की मौत हो गई और कई लोगों के इसमें फंसे होने की आशंका है. सरकार ने अपने परामर्श में कहा है कि भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) ने राज्य में कुछ जिलों के लिए भारी बारिश की चेतावनी जारी की है. पिछले दो दिनों में मूसलाधार बारिश हुई है. इसमें यह भी कहा गया है कि लोग इरशालवाडी में भूस्खलन स्थल पर एकत्र न हों.
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#WATCH | Bhadrachalam, Andhra Pradesh: Rise in water level in river Godavari due to incessant rainfall. pic.twitter.com/D6pd0Bxsfe
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इस बीच, नगर निकाय के एक अधिकारी ने बताया कि शहर और उपनगरों में भारी बारिश होने के बाद, मुंबई में पेयजल आपूर्ति करने वाले सात जलाशयों में से एक तुलसी झील का पानी उससे बाहर बहने लगा है. बृहन्मुंबई महानगरपालिका (बीएमसी) के अधिकारी ने कहा कि घने वन वाले संजय गांधी राष्ट्रीय उद्यान में स्थित तुलसी झील का पानी गुरुवार अपराह्न एक बजकर 25 मिनट पर उससे बाहर बहने लगा.
इससे लोगों को राहत मिलने की उम्मीद है, जो इस महीने की शुरूआत से जलापूर्ति में 10 प्रतिशत की कटौती का सामना कर रहे हैं. इस महीने की शुरूआत में, मुंबई के बीचोंबीच स्थित एक अन्य जलाशय पोवई झील का पानी भी उससे बाहर बहने लगा था. इसके पानी का उपयोग पेयजल उद्देश्यों के लिए नहीं होता है.
पुणे में भारी बारिश के कारण पहाड़ी क्षेत्र के स्कूलों में दो दिन की छुट्टी
वहीं दूसरी ओर महाराष्ट्र के पुणे जिले के कुछ तालुकाओं के पहाड़ी क्षेत्र में रात भर हुई भारी बारिश के कारण स्थानीय प्रशासन ने गुरुवार से इन क्षेत्रों के स्कूलों में दो दिन की छुट्टी की घोषणा कर दी है. जिला प्रशासन द्वारा जारी एक बयान में बताया गया कि जिला कलेक्टर राजेश देशमुख ने गुरुवार को सुबह उन स्कूलों के लिए दो दिन की छुट्टी का आदेश जारी किया जो पहाड़ी क्षेत्रों में स्थित हैं. देशमुख पुणे जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के अध्यक्ष भी हैं.
बयान में बताया गया है कि अंबेगांव, खेड़, जुन्नार, भोर, पुरंदर, मुलशी और मावल तालुका में कुल 355 स्कूल गुरुवार को बंद रहे और शुक्रवार को भी बंद रहेंगे. प्रशासन ने बताया कि जिले के प्रखंड शिक्षा अधिकारियों को बच्चों की सुरक्षा सुनिश्चित करने का काम सौंपा गया हैं. भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) ने कहा कि मावल तालुका में लोनावला के घाट खंड में सुबह आठ बजे तक 24 घंटों में 273 मिलीमीटर बारिश दर्ज की गई, जबकि मुलशी तालुका में लवासा के पहाड़ी क्षेत्रों में 143 मिलीमीटर बारिश दर्ज की गई.
भारी बारिश से रायगढ़ के कुछ हिस्सों में बाढ़ जैसे हालात, मकान क्षतिग्रस्त
महाराष्ट्र के रायगढ़ के कुछ हिस्सों में भारी बारिश के चलते बाढ़ जैसी स्थिति पैदा होने के कारण 2,200 से अधिक लोगों को सुरक्षित स्थान पर पहुंचाया गया. अधिकारियों ने गुरुवार को बताया कि जिले में कम से कम 125 घरों को नुकसान पहुंचा है. जिला प्रशासन ने एक बयान में कहा कि लगातार बारिश के परिणामस्वरूप, रायगढ़ में 28 में से 17 बांधों में क्षमता से अधिक पानी है. इसमें कहा गया कि जिले में कुछ स्थानों पर 24 घंटों के दौरान 200 मिलीमीटर से ज्यादा बारिश दर्ज की गई.
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#WATCH | Heavy rainfall lashed Dwarka in Gujarat and led to waterlogging in the city. pic.twitter.com/53UF9tNFVq
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गुरुवार सुबह 10 बजे खत्म हुई 24 घंटे की अवधि के दौरान पनवेल तालुका में 267.7 मिलीमीटर बारिश हुई इसके बाद पोलाडपुर में 266 मिमी, महाड में 230.9 मिली, करजत में 226.6, पेन में 212.7 मिमी, उरण में 207.5 मिमी, सुधागढ़ 196.4 मिमी, कहलापुर में 182.5 मिमी, ताला में 186 मिमी और अलीबाग में 180.4 मिमी बारिश दर्ज की गई. बयान के मुताबिक, मौसम विभाग ने 18-19 जुलाई को बारिश के लिए रेड अलर्ट जारी किया था. जिला प्रशासन ने कहा कि जिले में कुछ स्थानों पर भारी बारिश और बाढ़ जैसी स्थिति के कारण, 746 परिवारों के कुल 2,227 लोगों को सुरक्षित स्थान पर ले जाया गया.
एनडीआरएफ ने रोका राहत एवं बचाव अभियान, शुक्रवार सुबह फिर होगा शुरू
राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ) ने महाराष्ट्र के रायगढ़ जिले के इरशालवाड़ी में भूस्खलन के बाद खराब मौसम के कारण गुरुवार शाम राहत एवं बचाव कार्य रोक दिया. भूस्खलन में जान गंवाने वालों की संख्या बढ़कर 16 हो गई है. भूस्खलन बुधवार रात करीब 11 बजे मुंबई से लगभग 80 किलोमीटर दूर खालापुर तहसील के इरशालवाड़ी गांव में हुआ था.
राहत एवं बचाव अभियान रोके जाने के बारे में एक अधिकारी ने कहा कि लगातार हो रही भारी बारिश, भूस्खलन के खतरे तथा अंधेरा होने के कारण राहत एवं बचाव कार्य गुरुवार के लिए बंद कर दिया है. अधिकारी ने बताया कि एनडीआरएफ की चार टीम तथा अन्य कर्मी कल शुक्रवार को सुबह पांच बजे राहत एवं बचाव अभियान पुन: शुरू करेंगे.
गुजरात के सौराष्ट्र क्षेत्र में भारी वर्षा से बाढ़ जैसी स्थिति
वहीं अन्य राज्य गुजरात की बात करें तो सौराष्ट्र क्षेत्र के कई हिस्सों में बुधवार को मूसलाधार वर्षा हुई, जिससे निचले इलाकों में बाढ़ आ गयी तथा कई गांवों का संपर्क कट गया. कई स्थानों पर प्रशासन ने लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया है. अधिकारियों ने बताया कि जूनागढ़ के मंगरोल तालुका में वर्षा के कारण कई गांवों में पानी घरों में घुस गया तथा बाढ़ में सड़कों के डूब जाने के कारण कई क्षेत्रों का संपर्क कट गया. जगह जगह पानी भर जाने के कारण जिले में जनजीवन थम गया है.
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#WATCH | Maharashtra: Severe water-logging witnessed in Navi Mumbai area following heavy rainfall in the state. pic.twitter.com/mJ8yl5B37h
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राज्य आपात अभियान केंद्र (एसईओसी) ने बताया कि बुधवार को भारी बारिश की मार सबसे अधिक जूनागढ़ जिले पर पड़ी. जिले के मंगरोल तालुका में सुबह छह बजे से पिछले आठ घंटे में 290 मिलीमीटर वर्षा हुई है जबकि मलिया हटीना तालुका में 191 मिलीमीटर बारिश दर्ज की गयी. एसईओसी के अनुसार, इस दौरान जूनागढ़ के केशोड और मानवदार में क्रमश: 111 और 110 मिलीमीटर वर्षा हुई.
केंद्र का कहना है कि पानी छोड़े जाने के कारण बांधों तथा ओजस जैसी मानसूनी नदियों का पानी बाहर आने से स्थिति बिगड़ गयी है, गांवों में पानी घरों में घुस गया तथा खेत झील में तब्दील हो गये. अचानक बाढ़ आने के कारण लोगों ने अपने घरों की छतों पर शरण ले रखी है. जिले के जूनागढ़ शहर तथा केशोड में सामान्य जनजीवन पटरी से उतर गया है. निचले क्षेत्रों में कई सड़कें एवं वाहन पानी में डूबे हुए हैं.
राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ), राज्य आपदा मोचन बल और स्थानीय पुलिस के दलों ने जिले के प्रभावित क्षेत्रों में लोगों को बाहर निकाला और उन्हें सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया. अधिकारियों ने बताया कि एक एनडीआरएफ टीम ने गिर सोमनाथ के वेरावल तालुका में पानी में डूबे गांवों से 100 से अधिक लोगों को बचाया.
गिर सोमनाथ बुधवार को हुई वर्षा के कारण सबसे प्रभावित जिलों में एक है. जूनागढ़ के जिला प्रशासन ने बताया कि जिले में कम से कम 14 गांवों के संपर्क मार्ग जलमग्न हैं. बाढ़ जैसी स्थिति के कारण सौराष्ट्र में राज्य परिवहन बस सेवा रोक दी गयी है. दक्षिण गुजरात के वलसाड और सूरत जिलों में भी भारी वर्षा ने असर डाला है. वलसाड के वापी शहर में कई आवासीय परिसरों में पानी भर गया.
गुजरात के सूत्रपाड़ा में हुई 14 घंटों में 345 मिमी बारिश
गुजरात के राजकोट, सूरत और गिर सोमनाथ जिलों समेत कई हिस्सों में मंगलवार को भारी से अत्यधिक भारी बारिश हुई. इस दौरान कुछ स्थानों पर बाढ़ जैसी स्थिति बन गई और समान्य जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया. राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र (एसईओसी) ने बताया कि राज्य के गिर सोमनाथ जिले की सूत्रपाडा़ तालुका में बीते 14 घंटों में मंगलवार सुबह छह बजे तक सबसे अधिक 345 मिलीमीटर बारिश हुई.
भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) ने अगले कुछ दिनों के दौरान राज्य के अलग-अलग इलाकों, खासकर सौराष्ट्र और दक्षिण गुजरात क्षेत्रों के कुछ जिलों में भारी से बहुत भारी बारिश का अनुमान जताया है. राज्य प्रशासन ने गुजरात में भारी बारिश से उत्पन्न स्थिति और समग्र मानसून की स्थिति से निपटने के लिए तैयारियों की समीक्षा की.
हैदराबाद में भारी बारिश...शैक्षिक संस्थानों में दो दिन की छुट्टी
देश के कई राज्यों में भारी बारिश का प्रकोप देखा जा सकता है. कुछ ऐसा ही हाल तेलंगाना के हैदराबाद में भी देखा जा रहा है. पिछले तीन दिनों से लगातार हो रही बारिश ने जन-जीवन को अस्त-व्यस्त कर दिया है. भारी बारिश से शहर के लोग बेहाल हैं. निचले इलाकों में बाढ़ का पानी पहुंचने से स्थानीय लोगों को भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. भारी बारिश के बीच कई जगहों पर बिजली आपूर्ति बाधित हो गई.
कई जगहों पर सड़कों पर बारिश का पानी जमा हो जाने से वाहनों की रफ्तार धीमी हो गई. मुख्य सड़कों और चौराहों पर भीषण जाम लग गया है. बंजारा हिल्स, जुबली हिल्स, पंजागुट्टा, अमीरपेट, बोराबंदा, कुकटपल्ली, माधापुर, फिल्मनगर और अन्य अंतर्देशीय कॉलोनियों में बाढ़ आ गई. पिछले तीन दिनों में लगातार बारिश के कारण हैदराबाद शहर में पानी स्तर काफी बढ़ गया है. हैदराबाद शहर में 20 जुलाई को औसतन 101.2 मिमी बारिश हुई.
(अतिरिक्त इनपुट-एजेंसी)