बेंगलुरु : कर्नाटक विधानसभा का दूसरा दिन मंगलवार को विधानसभा चुनावों से पहले कांग्रेस पार्टी के पांच 'गारंटियों' के कार्यान्वयन पर अनियंत्रित दृश्यों से भरा रहा. स्पीकर यूटी खादर ने विधायक शिवालिंगे गौड़ा को प्रश्नकाल के दौरान बोलने के लिए कहा. जिसके बाद, भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के सदस्य खड़े हो गए. वे स्पीकर से प्रश्नकाल को निलंबित करने की मांग कर रहे थे. कांग्रेस ने घोषित 'गारंटियों' पर चर्चा करने के लिए समय देने की मांग की.
भाजपा कांग्रेस की ओर से घोषित चुनावी 'गारंटियों' के कार्यान्वयन में 'देरी' पर चर्चा की मांग कर रही थी. भाजपा के विधायक सदन के वेल में आ गए. इस वजह से स्पीकर ने सदन को कुछ देर के लिए स्थगित कर दिया. भाजपा की मांग है कि चुनाव से पहले कांग्रेस की ओर से किये गये वादों पर चर्चा हो. बता दें कि कांग्रेस ने जनता से पांच वादे किये थे.
इन वादों में सभी घरों में 200 यूनिट मुफ्त बिजली, प्रत्येक परिवार की महिला मुखिया को 2,000 रुपये मासिक सहायता, बीपीएल परिवार (अन्न भाग्य) के प्रत्येक सदस्य को 10 किलो चावल मुफ्त, बेरोजगार स्नातक युवाओं को हर महीने 3,000 रुपये और बेरोजगार डिप्लोमा धारकों (दोनों 18-25 आयु वर्ग में) को दो साल के लिए 1,500 रुपये (युवा निधि) और सार्वजनिक परिवहन बसों में महिलाओं के लिए मुफ्त यात्रा शामिल है.
कैबिनेट में 24 और मंत्रियों को शामिल करने के बाद 27 मई को राज्य में कांग्रेस मंत्रिमंडल की कुल संख्या 34 हो गई. कर्नाटक के पूर्व सीएम और बीजेपी नेता बीएस येदियुरप्पा ने कहा कि अगर राज्य की कांग्रेस सरकार अपनी 'गारंटी' लागू नहीं करती है तो बीजेपी हर जिले में विरोध प्रदर्शन करेगी.
उन्होंने कहा कि हम कर्नाटक सरकार के खिलाफ विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं. क्योंकि उन्होंने बहुत सारे वादे किए लेकिन कुछ भी पूरा नहीं किया. हमारी कोई नई मांग नहीं है. हम केवल चाहते हैं कि वे अपनी 5 वादों को लागू करें. येदियुरप्पा ने कहा कि अगर वे आने वाले सप्ताह में कोई कार्रवाई नहीं करते हैं तो हम राज्य भर में घूमेंगे और हर जिले में विरोध प्रदर्शन करेंगे.
(एएनआई)