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BJP सांसद निशिकांत दुबे के खिलाफ महुआ मोइत्रा की मानहानि याचिका पर सुनवाई टली - महुआ मोइत्रा

Cash for Questions Case on Mahua Moitra: दिल्ली हाईकोर्ट ने बीजेपी सांसद निशिकांत दुबे और वकील जय अनंत देहाद्राई के खिलाफ टीएमसी सांसद महुआ मोइत्रा द्वारा दायर मानहानि याचिका पर सुनवाई टाल दी. याचिका में कहा गया है कि निशिकांत दुबे और देहाद्राई ने आरोप लगाया है कि महुआ ने पैसे लेकर संसद में सवाल पूछे.

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By ETV Bharat Hindi Team

Published : Dec 5, 2023, 3:20 PM IST

नई दिल्ली: दिल्ली हाईकोर्ट में तृणमूल कांग्रेस की सांसद महुआ मोइत्रा की ओर से बीजेपी सांसद निशिकांत दुबे और वकील जय अनंत देहाद्राई के खिलाफ दायर मानहानि याचिका पर सुनवाई टल गई. अगली सुनवाई 11 दिसंबर को होगी. सुनवाई के दौरान मीडिया संस्थानों की ओर से कहा गया कि पिछली सुनवाई के दौरान महुआ मोइत्रा के वकील ने मौखिक रूप से कहा था कि वो मीडिया संस्थानों और सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म को पक्षकारों की सूची से नाम हटाना चाहती है. लेकिन इस संबंध में कोई अर्जी दायर नहीं की गई है.

दरअसल, 31 अक्टूबर को सुनवाई के दौरान मोइत्रा की ओर से पेश वकील समुद्र सारंगी ने कहा था कि याचिकाकर्ता 18 प्रतिवादियों के नाम मामले में पक्षकारों की सूची से हटाना चाहती है, वे केवल बीजेपी सांसद निशिकांत दुबे और वकील जय अनंत देहद्राई के खिलाफ ही केस चलाना चाहती हैं. हाईकोर्ट ने इस अर्जी को मंजूर करते हुए महुआ मोइत्रा को एक हफ्ते के अंदर पक्षकारों की संशोधित सूची दाखिल करने का निर्देश दिया. उसके बाद कोर्ट ने निशिकांत दुबे और अनंत देहद्राई को दो हफ्ते के अंदर जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया.

20 अक्टूबर को महुआ मोइत्रा के वकील गोपाल शंकरनारायण ने खुद को सुनवाई से अलग कर लिया था. इस दौरान इस मामले के प्रतिवादी और वकील जय अनंत देहद्राय ने वकील गोपाल शंकरनारायण पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा था कि महुआ के वकील ने उनसे संपर्क कर सीबीआई की शिकायत वापस लेने को कहा था. देहद्राय ने कहा था कि 19 अक्टूबर की रात को गोपाल शंकरनारायण ने उन्हें फोन किया और कहा कि सीबीआई शिकायत वापस ले लें. देहाद्राय और महुआ ने एक-दूसरे पर हेनरी की चोरी का आरोप लगाते हुए दिल्ली पुलिस से शिकायत की और कहा कि ये हितों के गंभीर टकराव का मामला है.

देहाद्राय की बातें सुनने के बाद जस्टिस सचिन दत्ता ने निराशा की थी. उन्होंने कहा था कि मुझे आश्चर्य है, आप से उच्च पेशेवर मानदंडों की उम्मीद की जाती है. क्या आपने प्रतिवादी नंबर दो से संपर्क किया है. इस पर गोपाल शंकरनारायण ने कहा था कि उन्होंने देहाद्राय से महुआ मोइत्रा की सहमति से संपर्क किया था. तब कोर्ट ने कहा था कि आपने मध्यस्थ की भूमिका निभाने की कोशिश की. क्या अब भी आप इस मामले में पेश होने योग्य हैं. इसका जवाब आप खुद दें. इस पर शंकरनारायणन ने महुआ की तरफ से वकील के रूप में अपना नाम वापस ले लिया.

यह है पूरा मामला: महुआ मोइत्रा ने निशिकांत दुबे के अलावा वकील जय अनंत देहाद्राई और कुछ मीडिया संगठनों को प्रतिवादी बनाया है. याचिका में कहा गया है कि निशिकांत दुबे और देहाद्राई ने आरोप लगाया है कि उन्होंने पैसे लेकर संसद में सवाल पूछे. निशिकांत दुबे ने 15 अक्टूबर को लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला को पत्र लिखकर महुआ मोइत्रा पर आरोप लगाया है कि उन्होंने बिजनेसमैन दर्शन हीरानंदानी से पैसे और उपहार लेकर संसद में सवाल पूछे. इनमें से कुछ सवाल अडानी समूह से जुड़े थे, जो हीरानंदानी का बाजार में प्रतिस्पर्धी है. दुबे को वकील देहाद्राय ने पत्र लिखकर बताया कि उन्होंने सीबीआई से इस बात की शिकायत की है. देहाद्राय ने अपनी शिकायत के समर्थन में सीबीआई को साक्ष्य भी पेश किया था.

देहाद्राय ने दावा किया कि महुआ मोइत्रा ने हीरानंदानी को लोकसभा के आनलाइन अकाउंट का एक्सेस दिया था, जिसका हीरानंदानी ने अपनी मनपसंद सवाल पूछने के लिए दुरुपयोग किया. महुआ मोइत्रा ने इस आधार पर 50 से 61 सवाल पूछे थे. महुआ मोइत्रा ने दिल्ली हाईकोर्ट में याचिका दायर करने से पहले निशिकांत दुबे, देहाद्राय और मीडिया संगठनों को लीगल नोटिस भेजा था. महुआ मोइत्रा ने याचिका में कहा था कि निशिकांत दुबे और देहाद्राय ने उनके खिलाफ झूठे आरोप लगाकर उनकी छवि को धूमिल करने की कोशिश की.

नई दिल्ली: दिल्ली हाईकोर्ट में तृणमूल कांग्रेस की सांसद महुआ मोइत्रा की ओर से बीजेपी सांसद निशिकांत दुबे और वकील जय अनंत देहाद्राई के खिलाफ दायर मानहानि याचिका पर सुनवाई टल गई. अगली सुनवाई 11 दिसंबर को होगी. सुनवाई के दौरान मीडिया संस्थानों की ओर से कहा गया कि पिछली सुनवाई के दौरान महुआ मोइत्रा के वकील ने मौखिक रूप से कहा था कि वो मीडिया संस्थानों और सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म को पक्षकारों की सूची से नाम हटाना चाहती है. लेकिन इस संबंध में कोई अर्जी दायर नहीं की गई है.

दरअसल, 31 अक्टूबर को सुनवाई के दौरान मोइत्रा की ओर से पेश वकील समुद्र सारंगी ने कहा था कि याचिकाकर्ता 18 प्रतिवादियों के नाम मामले में पक्षकारों की सूची से हटाना चाहती है, वे केवल बीजेपी सांसद निशिकांत दुबे और वकील जय अनंत देहद्राई के खिलाफ ही केस चलाना चाहती हैं. हाईकोर्ट ने इस अर्जी को मंजूर करते हुए महुआ मोइत्रा को एक हफ्ते के अंदर पक्षकारों की संशोधित सूची दाखिल करने का निर्देश दिया. उसके बाद कोर्ट ने निशिकांत दुबे और अनंत देहद्राई को दो हफ्ते के अंदर जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया.

20 अक्टूबर को महुआ मोइत्रा के वकील गोपाल शंकरनारायण ने खुद को सुनवाई से अलग कर लिया था. इस दौरान इस मामले के प्रतिवादी और वकील जय अनंत देहद्राय ने वकील गोपाल शंकरनारायण पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा था कि महुआ के वकील ने उनसे संपर्क कर सीबीआई की शिकायत वापस लेने को कहा था. देहद्राय ने कहा था कि 19 अक्टूबर की रात को गोपाल शंकरनारायण ने उन्हें फोन किया और कहा कि सीबीआई शिकायत वापस ले लें. देहाद्राय और महुआ ने एक-दूसरे पर हेनरी की चोरी का आरोप लगाते हुए दिल्ली पुलिस से शिकायत की और कहा कि ये हितों के गंभीर टकराव का मामला है.

देहाद्राय की बातें सुनने के बाद जस्टिस सचिन दत्ता ने निराशा की थी. उन्होंने कहा था कि मुझे आश्चर्य है, आप से उच्च पेशेवर मानदंडों की उम्मीद की जाती है. क्या आपने प्रतिवादी नंबर दो से संपर्क किया है. इस पर गोपाल शंकरनारायण ने कहा था कि उन्होंने देहाद्राय से महुआ मोइत्रा की सहमति से संपर्क किया था. तब कोर्ट ने कहा था कि आपने मध्यस्थ की भूमिका निभाने की कोशिश की. क्या अब भी आप इस मामले में पेश होने योग्य हैं. इसका जवाब आप खुद दें. इस पर शंकरनारायणन ने महुआ की तरफ से वकील के रूप में अपना नाम वापस ले लिया.

यह है पूरा मामला: महुआ मोइत्रा ने निशिकांत दुबे के अलावा वकील जय अनंत देहाद्राई और कुछ मीडिया संगठनों को प्रतिवादी बनाया है. याचिका में कहा गया है कि निशिकांत दुबे और देहाद्राई ने आरोप लगाया है कि उन्होंने पैसे लेकर संसद में सवाल पूछे. निशिकांत दुबे ने 15 अक्टूबर को लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला को पत्र लिखकर महुआ मोइत्रा पर आरोप लगाया है कि उन्होंने बिजनेसमैन दर्शन हीरानंदानी से पैसे और उपहार लेकर संसद में सवाल पूछे. इनमें से कुछ सवाल अडानी समूह से जुड़े थे, जो हीरानंदानी का बाजार में प्रतिस्पर्धी है. दुबे को वकील देहाद्राय ने पत्र लिखकर बताया कि उन्होंने सीबीआई से इस बात की शिकायत की है. देहाद्राय ने अपनी शिकायत के समर्थन में सीबीआई को साक्ष्य भी पेश किया था.

देहाद्राय ने दावा किया कि महुआ मोइत्रा ने हीरानंदानी को लोकसभा के आनलाइन अकाउंट का एक्सेस दिया था, जिसका हीरानंदानी ने अपनी मनपसंद सवाल पूछने के लिए दुरुपयोग किया. महुआ मोइत्रा ने इस आधार पर 50 से 61 सवाल पूछे थे. महुआ मोइत्रा ने दिल्ली हाईकोर्ट में याचिका दायर करने से पहले निशिकांत दुबे, देहाद्राय और मीडिया संगठनों को लीगल नोटिस भेजा था. महुआ मोइत्रा ने याचिका में कहा था कि निशिकांत दुबे और देहाद्राय ने उनके खिलाफ झूठे आरोप लगाकर उनकी छवि को धूमिल करने की कोशिश की.

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