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94 मुकदमों के भंवर में फंसे आजम खान का राजनीतिक भविष्य दांव पर - सपा नेता आजम खान की अपील पर सुनवाई

सपा नेता आजम खान की 3 साल की सजा के फैसले को दी गई चुनौती पर रामपुर सेशन कोर्ट आज सुनवाई कर फैसला करेगी. आजम पर अभी 94 ऐसे मुकदमे हैं जिनमें वे जमानत पर हैं. कोर्ट में उन सभी मुकदमों का ट्रायल चल रहा है.

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Published : Nov 10, 2022, 12:55 PM IST

लखनऊ: आजम खान का राजनीतिक भविष्य आज यानी गुरुवार को रामपुर सेशन कोर्ट में तय होगा. जब उनके द्वारा उन्हें सुनाई गई 3 साल की सजा के फैसले को दी गई चुनौती पर कोर्ट सुनवाई और फैसला दोनो ही करेगी. हालांकि आजम खान मवेशी, किताबों की चोरी, सरकारी जमीनों पर कब्जा, जल निगम भर्ती घोटाला और नफरती बयान के मुकदमों के भंवर में पूरी तरह फंस चुके हैं. कोर्ट आजम की सजा पर रोक भी लगा देती है तो भी अभी 94 ऐसे मुकदमे हैं जिनमें आजम खान जमानत पर हैं और कोर्ट में उन सभी मुकदमों का ट्रायल तेजी पकड़ रहा है. ऐसे में आजम का मुकदमों के जाल से निकलना काफी मुश्किल लग रहा है.

आजम खान पर मुकदमों की बात करें तो वर्ष 2017 के विधानसभा चुनाव में नामांकन के दौरान दिए हलफनामा में गड़बड़ी के चलते एक केस दर्ज हुआ था. इसके बाद बीते साढ़े पांच वर्षों में मुकदमों की बाढ़ आ गई और संख्या 94 पहुंच चुकी है. यूपी में योगी सरकार बनने के करीब तीन महीने बाद आजम खान के खिलाफ मुकदमों की शुरुआत हुई. 29 जून 2022 को आकाश सक्सेना ने सैनिकों का अपमान करने के मामले में एफआईदर्ज कराई थी. इसके बाद आकाश ने आजम के खिलाफ 43 मुकदमे दर्ज करा दिए. इनमें 33 केस ऐसे थे जो चोरी व धोखाधड़ी के थे. इनमें बकरी चोरी, भैंस की चोरी, किताबें चोरी जैसे मामले शामिल हैं.

ईडी और SIT ने भी कसा शिकंजा

वर्ष 2016 में सपा सरकार के दौरान जल निगम में 1342 पदों पर वैकेंसी निकली थी. भर्ती बोर्ड के चेयरमैन आजम खान थे. इन भर्तियों में आजम पर भर्ती घोटाले का आरोप लगा. हालांकि सपा सरकार में मामला गर्त में चला गया. लेकिन, योगी सरकार बनते ही अप्रैल 2018 में SIT ने एफआईआर दर्ज कर आजम को नामजद किया. बताया जा रहा है कि इस मामले में जल्द ही आजम पर आरोप तय हो सकते हैं. इसके बाद मनी लॉन्ड्रिंग मामले में ईडी भी आजम पर शिकंजा कसे हुए है.

बेटा और पत्नी भी मुकदमों के भंवर में

योगी सरकार में आजम खान के साथ उनका पूरा परिवार भी मुकदमों की जद में आ गया है. पत्नी तन्जीम फातिमा के खिलाफ 35 मुकदमे दर्ज हैं. विधायक बेटे अब्दुल्ला आजम पर भी 43 मुकदमे दर्ज हैं. आजम खान के साथ पत्नी तन्जीम और बेटा अब्दुल्ला भी ईडी के शिकंजे में है. ईडी अब्दुल्ला को कई बार लखनऊ जोनल कार्यालय में बुलाकर पूछताछ कर चुकी है.

विवादित बयानों के महारथी हैं आजम खान

आजम खान कई बार बदजुबानी कर चुके हैं. वर्ष 2009 में समाजवादी पार्टी छोड़ने के दौरान एक जनसभा में मुलायम सिंह यादव पर आपत्तिजनक टिप्पणियां कीं. वर्ष 2015 में रेप पीड़िता पर विवादित बयान दिया. वर्ष 2019 में मायावती के प्रति प्रशासनिक अधिकारियों के रवैये को लेकर टिप्पणी की. वर्ष 2019 में ही एक निजी चैनल को साक्षात्कार देते समये अमर सिंह और उनके परिवार को लेकर गलतबयान की.

यह भी पढ़ें: मैनपुरी और खतौली उपचुनाव, आज से शुरू होगी नामांकन प्रक्रिया

दरअसल, समाजवादी पार्टी के नेता आजम खान को एमपी एमएलए कोर्ट मिली तीन साल की सजा के खिलाफ उनकी अपील पर रामपुर सेशन कोर्ट गुरुवार को सुनवाई और फैसला करेगी. सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर 15 नवंबर को तय इस सुनवाई को 10 नवंबर को कर उसी दिन फैसला सुनाने को कहा गया है. फिलहाल के लिए सुप्रीम कोर्ट ने 10 नवंबर को रामपुर में उपचुनाव के लिए जारी होने वाली अधिसूचना को एक दिन के लिए रोक दिया है.

लखनऊ: आजम खान का राजनीतिक भविष्य आज यानी गुरुवार को रामपुर सेशन कोर्ट में तय होगा. जब उनके द्वारा उन्हें सुनाई गई 3 साल की सजा के फैसले को दी गई चुनौती पर कोर्ट सुनवाई और फैसला दोनो ही करेगी. हालांकि आजम खान मवेशी, किताबों की चोरी, सरकारी जमीनों पर कब्जा, जल निगम भर्ती घोटाला और नफरती बयान के मुकदमों के भंवर में पूरी तरह फंस चुके हैं. कोर्ट आजम की सजा पर रोक भी लगा देती है तो भी अभी 94 ऐसे मुकदमे हैं जिनमें आजम खान जमानत पर हैं और कोर्ट में उन सभी मुकदमों का ट्रायल तेजी पकड़ रहा है. ऐसे में आजम का मुकदमों के जाल से निकलना काफी मुश्किल लग रहा है.

आजम खान पर मुकदमों की बात करें तो वर्ष 2017 के विधानसभा चुनाव में नामांकन के दौरान दिए हलफनामा में गड़बड़ी के चलते एक केस दर्ज हुआ था. इसके बाद बीते साढ़े पांच वर्षों में मुकदमों की बाढ़ आ गई और संख्या 94 पहुंच चुकी है. यूपी में योगी सरकार बनने के करीब तीन महीने बाद आजम खान के खिलाफ मुकदमों की शुरुआत हुई. 29 जून 2022 को आकाश सक्सेना ने सैनिकों का अपमान करने के मामले में एफआईदर्ज कराई थी. इसके बाद आकाश ने आजम के खिलाफ 43 मुकदमे दर्ज करा दिए. इनमें 33 केस ऐसे थे जो चोरी व धोखाधड़ी के थे. इनमें बकरी चोरी, भैंस की चोरी, किताबें चोरी जैसे मामले शामिल हैं.

ईडी और SIT ने भी कसा शिकंजा

वर्ष 2016 में सपा सरकार के दौरान जल निगम में 1342 पदों पर वैकेंसी निकली थी. भर्ती बोर्ड के चेयरमैन आजम खान थे. इन भर्तियों में आजम पर भर्ती घोटाले का आरोप लगा. हालांकि सपा सरकार में मामला गर्त में चला गया. लेकिन, योगी सरकार बनते ही अप्रैल 2018 में SIT ने एफआईआर दर्ज कर आजम को नामजद किया. बताया जा रहा है कि इस मामले में जल्द ही आजम पर आरोप तय हो सकते हैं. इसके बाद मनी लॉन्ड्रिंग मामले में ईडी भी आजम पर शिकंजा कसे हुए है.

बेटा और पत्नी भी मुकदमों के भंवर में

योगी सरकार में आजम खान के साथ उनका पूरा परिवार भी मुकदमों की जद में आ गया है. पत्नी तन्जीम फातिमा के खिलाफ 35 मुकदमे दर्ज हैं. विधायक बेटे अब्दुल्ला आजम पर भी 43 मुकदमे दर्ज हैं. आजम खान के साथ पत्नी तन्जीम और बेटा अब्दुल्ला भी ईडी के शिकंजे में है. ईडी अब्दुल्ला को कई बार लखनऊ जोनल कार्यालय में बुलाकर पूछताछ कर चुकी है.

विवादित बयानों के महारथी हैं आजम खान

आजम खान कई बार बदजुबानी कर चुके हैं. वर्ष 2009 में समाजवादी पार्टी छोड़ने के दौरान एक जनसभा में मुलायम सिंह यादव पर आपत्तिजनक टिप्पणियां कीं. वर्ष 2015 में रेप पीड़िता पर विवादित बयान दिया. वर्ष 2019 में मायावती के प्रति प्रशासनिक अधिकारियों के रवैये को लेकर टिप्पणी की. वर्ष 2019 में ही एक निजी चैनल को साक्षात्कार देते समये अमर सिंह और उनके परिवार को लेकर गलतबयान की.

यह भी पढ़ें: मैनपुरी और खतौली उपचुनाव, आज से शुरू होगी नामांकन प्रक्रिया

दरअसल, समाजवादी पार्टी के नेता आजम खान को एमपी एमएलए कोर्ट मिली तीन साल की सजा के खिलाफ उनकी अपील पर रामपुर सेशन कोर्ट गुरुवार को सुनवाई और फैसला करेगी. सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर 15 नवंबर को तय इस सुनवाई को 10 नवंबर को कर उसी दिन फैसला सुनाने को कहा गया है. फिलहाल के लिए सुप्रीम कोर्ट ने 10 नवंबर को रामपुर में उपचुनाव के लिए जारी होने वाली अधिसूचना को एक दिन के लिए रोक दिया है.

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