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दिल्ली हिंसा: अमित गुप्ता की सरकारी गवाह बनने की मांग पर सुनवाई आज

दिल्ली की कड़कड़डूमा कोर्ट दिल्ली दंगों में मनी लाऊंड्रिंग मामले के सह-आरोपी अमित गुप्ता की खुद को सरकारी गवाह बनाने के लिए दायर याचिका पर आज सुनवाई होगी.

दिल्ली हिंसा
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Published : Aug 10, 2021, 7:31 AM IST

नई दिल्ली : दिल्ली की कड़कड़डूमा कोर्ट (Karkardooma Court) दिल्ली दंगों में मनी लाऊंड्रिंग मामले (Money Laundering Case in Delhi Riots) के सह-आरोपी अमित गुप्ता की खुद को सरकारी गवाह (government witness) बनाने के लिए दायर याचिका पर आज सुनवाई होगी. पिछली सुनवाई के दौरान ताहिर हुसैन की ओर से वकील रिजवान ने कहा था कि ताहिर हुसैन के खिलाफ मीडिया में अपमानजनक खबरें चलाई जा रही हैं. उन्होंने कहा था कि कोर्ट के आदेश के पहले ही मीडिया ऐसी खबरें चला रहा है जैसे ताहिर हुसैन दोषी हों.

रिजवान ने कहा था कि ताहिर हुसैन विचाराधीन कैदी है, दोषी नहीं है. उन्होंने कहा था कि चार्जशीट में जो आरोप लगाए गए हैं वे महज आरोप हैं. प्रमाणित तथ्य नहीं. मीडिया की ओर से ऐसा करने से उसके निष्पक्ष ट्रायल के अधिकार (right to fair trial) का उल्लंघन होता है. रिजवान ने कोर्ट से मीडिया संगठनों को ताहिर हुसैन के खिलाफ ट्रायल चलाने से रोकने का आदेश देने की मांग की थी.

पढ़ें : दिल्ली दंगे के आरोपी शरजील इमाम की जमानत याचिका पर सुनवाई टली

ईडी ने ताहिर हुसैन और अमित गुप्ता को आरोपी बनाया है. 16 अक्टूबर 2020 को ईडी के असिस्टेंड डायरेक्टर पंकज कुमार खत्री ने चार्जशीट दाखिल किया था. ईडी ने ताहिर हुसैन और अमित गुप्ता को मनी लाउंड्रिंग एक्ट के तहत धारा 3 के तहत आरोपी बनाया है. चार्जशीट में उत्तर-पूर्वी दिल्ली में भड़के दंगों में ताहिर द्वारा धनराशि लगाने का आरोप लगाया है.

ईडी ने कहा है कि करीब सवा करोड़ रुपये से दंगों के लिए हथियारों की खरीदारी की गई. ईडी के मुताबिक ताहिर हुसैन और उससे जुड़े लोगों ने एक करोड़ दस लाख रुपये की मनी लाउंड्रिंग किया. दंगों के लिए एकत्रित किए गए इस धन को फर्जी कंपनी के जरिये नागरिकता संशोधन कानून के विरोध में चल रहे धरना-प्रदर्शनों में लगाया गया.

नई दिल्ली : दिल्ली की कड़कड़डूमा कोर्ट (Karkardooma Court) दिल्ली दंगों में मनी लाऊंड्रिंग मामले (Money Laundering Case in Delhi Riots) के सह-आरोपी अमित गुप्ता की खुद को सरकारी गवाह (government witness) बनाने के लिए दायर याचिका पर आज सुनवाई होगी. पिछली सुनवाई के दौरान ताहिर हुसैन की ओर से वकील रिजवान ने कहा था कि ताहिर हुसैन के खिलाफ मीडिया में अपमानजनक खबरें चलाई जा रही हैं. उन्होंने कहा था कि कोर्ट के आदेश के पहले ही मीडिया ऐसी खबरें चला रहा है जैसे ताहिर हुसैन दोषी हों.

रिजवान ने कहा था कि ताहिर हुसैन विचाराधीन कैदी है, दोषी नहीं है. उन्होंने कहा था कि चार्जशीट में जो आरोप लगाए गए हैं वे महज आरोप हैं. प्रमाणित तथ्य नहीं. मीडिया की ओर से ऐसा करने से उसके निष्पक्ष ट्रायल के अधिकार (right to fair trial) का उल्लंघन होता है. रिजवान ने कोर्ट से मीडिया संगठनों को ताहिर हुसैन के खिलाफ ट्रायल चलाने से रोकने का आदेश देने की मांग की थी.

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ईडी ने ताहिर हुसैन और अमित गुप्ता को आरोपी बनाया है. 16 अक्टूबर 2020 को ईडी के असिस्टेंड डायरेक्टर पंकज कुमार खत्री ने चार्जशीट दाखिल किया था. ईडी ने ताहिर हुसैन और अमित गुप्ता को मनी लाउंड्रिंग एक्ट के तहत धारा 3 के तहत आरोपी बनाया है. चार्जशीट में उत्तर-पूर्वी दिल्ली में भड़के दंगों में ताहिर द्वारा धनराशि लगाने का आरोप लगाया है.

ईडी ने कहा है कि करीब सवा करोड़ रुपये से दंगों के लिए हथियारों की खरीदारी की गई. ईडी के मुताबिक ताहिर हुसैन और उससे जुड़े लोगों ने एक करोड़ दस लाख रुपये की मनी लाउंड्रिंग किया. दंगों के लिए एकत्रित किए गए इस धन को फर्जी कंपनी के जरिये नागरिकता संशोधन कानून के विरोध में चल रहे धरना-प्रदर्शनों में लगाया गया.

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