उत्तरकाशी: सिलक्यारा टनल में फंसे 41 मजदूरों की जिंदगी में आखिरकार 17 दिन बाद जल्द ही उजाला होने वाला है और वह अपनों से मिलने वाले हैं. इसी बीच उत्तराखंड सरकार और उत्तराखंड स्वास्थ्य विभाग ने श्रमिकों को लेकर तमाम इंतजाम कर लिए हैं. ऋषिकेश एम्स को अलर्ट मोड पर रखा गया है और अस्पताल में 41 वार्ड बनाए गए हैं. वहीं, जैसे ही श्रमिकों को टनल से बाहर लाया जाएगा, वैसे ही उन्हें एंबुलेंस के जरिए स्वास्थ्य जांच के लिए अस्पताल भेजा जाएगा. श्रमिकों के साथ उनके परिजन भी अस्पताल जाएंगे. मजदूरों को टनल से अस्पताल तक लाने में लगभग 20 मिनट का समय लगेगा.
बाहर निकलने पर मजदूरों की सबसे पहले होगी ब्लड जांच: सभी मजदूरों को सुरक्षित बाहर निकालने के बाद उन्हें उत्तरकाशी के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र चिन्यालीसौड़ लाया जाएगा, जहां पर डॉक्टरों की विशेष टीम एक-एक मजदूरों का इलाज करेगी. टनल से लेकर स्वास्थ्य केंद्र तक पूरी सड़क को ग्रीन कॉरिडोर में तब्दील कर दिया गया है, ताकि कोई भी गाड़ी या व्यक्ति सड़क पर एंबुलेंस के रास्ते में बाधा पैदा ना करें. अस्पताल पहुंचने के बाद सभी मजदूरों का सबसे पहले ब्लड सैंपल लिया जाएगा और फिर उनके ब्लड प्रेशर की जांच की जाएगी. इसके बाद मजदूरों की आंखों को भी टेस्ट किया जाएगा.
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घायल मजदूरों को अलग वार्ड में किया जाएगा भर्ती: साथ ही इस बात को भी सुनिश्चित किया गया है कि टनल का जो तापमान है, उसी तापमान में अस्पताल के उस वार्ड को रखा जाए, जहां पर सभी मजदूर एडमिट रहेंगे. बताया जा रहा है कि कुछ मजदूर घायल भी है. ऐसे में उनकी ड्रेसिंग से लेकर उन्हें अलग-अलग वार्ड में शिफ्ट किया जायेगा. ऋषिकेश एम्स के साथ-साथ देहरादून से भी डॉक्टरों की टीम को स्वास्थ्य केंद्र में तैनात किया गया है. मजदूर लंबे समय से सुरंग में बंद हैं, इसलिए यह भी देखा जाएगा कि मजदूरों में कोई इंफेक्शन तो नहीं है.
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