नई दिल्ली : महाराष्ट्र सरकार ने शुक्रवार को उच्चतम न्यायालय को बताया कि उसने पालघर में 2020 में कथित तौर पर पीट-पीट कर तीन लोगों की हत्या किए जाने की सीबीआई जांच की सिफारिश पहले ही कर दी है. इसके कारण इस मुद्दे पर लंबित चार याचिकाओं की कार्यवाही बंद हो गई.
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Maharashtra government informs the Supreme Court that it has decided to hand over to CBI the probe into the Palghar lynching case wherein two Sadhus were lynched to death. pic.twitter.com/4CRXFBOwAa
— ANI (@ANI) April 28, 2023 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data="
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— ANI (@ANI) April 28, 2023Maharashtra government informs the Supreme Court that it has decided to hand over to CBI the probe into the Palghar lynching case wherein two Sadhus were lynched to death. pic.twitter.com/4CRXFBOwAa
— ANI (@ANI) April 28, 2023
मुख्य न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़ और न्यायमूर्ति पीएस नरसिम्हा (Chief Justice D Y Chandrachud and Justice P S Narasimha) की पीठ ने राज्य सरकार के नए हलफनामे पर ध्यान दिया. पीठ ने कहा, 'राज्य सरकार द्वारा लिए गए निर्णय के मद्देनजर, इस चरण में इन याचिकाओं पर किसी और निर्देश की आवश्यकता नहीं है. याचिकाओं का निस्तारण किया जाता है.'
दलीलों में केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) द्वारा जांच की मांग की गई, जिसमें आरोप लगाया गया कि राज्य पुलिस पक्षपातपूर्ण तरीके से जांच कर रही है. इससे पहले, पूर्ववर्ती महा विकास अघाडी सरकार ने इस घटना की सीबीआई जांच के लिए याचिका का विरोध किया था और बाद में, राज्य में व्यवस्था बदलने के साथ, केंद्रीय जांच एजेंसी द्वारा जांच की मांग करने वाली याचिकाओं पर सहमति व्यक्त की.
मुंबई के कांदिवली के तीन लोग COVID-19 राष्ट्रव्यापी लॉकडाउन के बीच गुजरात के सूरत में एक अंतिम संस्कार में शामिल होने के लिए कार में यात्रा कर रहे थे, जब उनके वाहन को रोका गया और उन पर हमला किया गया.16 अप्रैल 2020 को पुलिस की मौजूदगी में हुई इस घटना में कथित तौर पर गढ़चिनचिले गांव में भीड़ ने उन्हें मार डाला. पीड़ितों की पहचान चिकने महाराज कल्पवृक्षगिरी (70), सुशील गिरि महाराज (35) और उनके वाहन चालक निलेश तेलगड़े (30) के रूप में हुई थी.
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(PTI)