चंडीगढ़: नूंह हिंसा मामले में नेता प्रतिपक्ष भूपेंद्र हुड्डा ने हाई कोर्ट के जज से जांच कराने की मांग की है. इसके साथ ही नूंह हिंसा में मामन खान पर आरोप लगाए जाने पर उन्होंने कहा कि सरकार खुद की नकामी छुपाने के लिए दूसरों पर आरोप लगा रही है. पार्टी हमेशा मामन खान के साथ खड़ी है.
हाईकोर्ट के जज से नूंह हिंसा की जांच कराने की मांग: भूपेंद्र हुड्डा ने कहा कि, नूंह हिंसा की सच्चाई सामने लाने के लिए ज्यूडिशियल जांच जरूरी है. इस जांच में कांग्रेस विधायक मामन खान को भी शामिल किया जाना चाहिए. नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि है, कांग्रेस पार्टी मामन खाव के साथ खड़ी है. उन्होंने कहा कि, जब सीआईडी ने पहले ही सरकार को सचेत किया था तो इसे रोकने के का प्रयास क्यों नहीं किया गया.
भूपेंद्र हुड्डा ने कहा कि, कानून व्यवस्था सरकार की जिम्मेदारी है. अपनी नाकामी को छुपाने के लिए आरोप लगाए जा रहे हैं. मामन खान पर विधानसभा के अंदर नहीं विधानसभा के बाहर आरोप लगाए गए हैं. उन्होंने कहा कि, नूंह की वारदात शरारती तत्वों का काम है. नूंह हिंसा में दाल में काला है, इसलिए सरकार ज्यूडिशियल इन्क्वायरी नहीं करवा रही है. मामन खान को लेकर इस मामले की ज्यूडिशल इंक्वारी की बात करेंगे ताकि सच्चाई सामने आए.
'नूंह हिंसा में ज्यूडिशियल इंक्वायरी से क्यों बच रही सरकार?': भूपेंद्र हुड्डा ने कहा कि, दूसरों पर आरोप लगाकर सरकार खुद को बचाना चाहती है. नूंह हिंसा में दाल में काला है, इसलिए सरकार ज्यूडिशियल इंक्वायरी नहीं करवा रही है. उन्होंने कहा कि, कानून व्यवस्था सरकार की जिम्मेदारी है. अपनी नाकामी को छुपाने के लिए आरोप लगाए जा रहे हैं. मामन खान पर विधानसभा के अंदर नहीं विधानसभा के बाहर आरोप लगाए गए हैं. उन्होंने कहा कि, नूंह की वारदात शरारती तत्वों का काम है.
'सरकार की जांच पर विश्वास नहीं': भूपेंद्र हुड्डा ने कहा कि, सरकार ने सबसे पहले कहा कि यह एक सोची समझी साजिश है, इसलिए हम इसकी ज्यूडिशियल इंक्वायरी चाहते हैं. उन्होंने कहा कि, हम पहले दिन से ही मामले की ज्यूडिशियल इंक्वायरी चाह रहे हैं. सरकार पहले दिन से इसे सोची समझी साजिश बता कर इस मामले की घुमाने की कोशिश कर रही है. उन्होंने कहा कि, हमें सरकार की जांच पर विश्वास नहीं है, अगर सरकार सही होती तो यह सब नहीं होता.
ज्यूडिशियल इन्क्वायरी पर BJP की प्रतिक्रिया: वहीं, नेता प्रतिपक्ष भूपेंद्र सिंह हुड्डा की नूंह हिंसा की ज्यूडिशियल इन्क्वायरी करवाने की मांग पर हरियाणा सरकार के मीडिया सचिव प्रवीण अत्रे कहते हैं कि इस तरह की इंक्वायरी तब की जाती है, जब स्थानीय एजेंसी की तहकीकात में कुछ कमी रह जाए या फिर वो जांच कर पाने में सक्षम ना हो. प्रवीण अत्रे कहते हैं कि, हरियाणा पुलिस की इस मामले में सही दिशा में जांच कर रही है और अभी इस तरह की इन्क्वायरी की जरूरत नहीं है. उन्होंने कहा कि, मामन खान और कांग्रेस के कार्यकर्ताओं ने नूंह में माहौल को खराब किया. इसलिए कांग्रेस अपने विधायक के साथ खड़ी है. उन्हें इस बात का डर सता रहा है कि, कहीं पुलिस की जांच में उनके विधायक फंस गए तो जनता को जवाब देना मुश्किल हो जाएगा. इसलिए वे इस तरह की मांग कर जनता का ध्यान भटकने की कोशिश कर रहे हैं.
कोर्ट में मामला होने के कारण विधानसभा में नहीं हुई चर्चा: वहीं, हरियाणा विधानसभा के अध्यक्ष ज्ञानचंद गुप्ता ने कहा कि नूंह हिंसा का मामला कोर्ट में होने के कारण सदन चर्चा नहीं हुई. उन्होंने कहा कि मामला कोर्ट में विचाराधीन होने के कारण मानसून सत्र के दौरान सदन में इस पर चर्चा करने का कोई औचित्य नहीं था.
अनिल विज का मामन खान पर आरोप: मंगलवार को हरियाणा के गृह मंत्री अनिल विज ने कहा कि नूंह हिंसा मामले में अभी तक लगभग 510 लोगों को गिरफ्तार किया है. इसके अलावा 130-140 के करीब FIR दर्ज की हुई हैं. उन्होंने कहा कि, आरोपियों से पूछताछ के आधार पर फिरोजपुर झिरका से कांग्रेस विधायक मामन खान का भी नाम इसमें सामने आया है. हरियाणा पुलिस 31 अगस्त को मामन खान पूछताछ करेगी. गृहमंत्री ने कहा कि जो लोग पकड़े गए हैं, उनके भी कांग्रेस के साथ कनेक्शन मिले हैं. इसके अलावा नूंह हिंसा के पाकिस्तान से तार जुड़े होने के सवाल पर अनिल विज ने कहा था कि अभी बहुत सारे एंगल हैं. हिंसा को लेकर बहुत सारी बातें सामने आ रही हैं.
31 अगस्त को कांग्रेस विधायक मामन खान से पूछताछ: सूत्रों के अनुसार नूंह हिंसा मामले में हरियाणा पुलिस अब 31 अगस्त को कांग्रेस विधायक मामन खान से पूछताछ करने वाली है. आरोप है कि हिंसा के दौरान मामन खान अपने समर्थकों के साथ लगातार संपर्क में थे. सूत्रों के मुताबिक मामन खान आज रक्षाबंधन की वजह से पूछताछ में शामिल नहीं होंगे.
क्या है पूरा मामला?: 31 जुलाई को नूंह में ब्रज मंडल यात्रा के दौरान 2 समुदायों के बीच सांप्रदायिक हिंसक घटना हुई थी. नूंह हिंसा में 2 होमगार्ड के जवान समेत 6 लोगों की मौत हो गई थी. 60 से अधिक लोग इस हिंसा में घायल हुए थे. हिंसा में 50 से भी अधिक वाहनों को आग के हवाले कर दिया गया था. हिंसा की ये आग हरियाणा के कई जिलों में भी भड़की थी. जिसको देखते हुए करीब 6 जिलों में धारा-144 लागू किया गया था.