चंडीगढ़: हरियाणा में अब धर्म परिवर्तन कराने वालों पर सख्त कार्रवाई होगी. सूबे में शादी के लिए धर्म बदलने की इजाजत नहीं होगी. हरियाणा सरकार ने हरियाणा विधि विरुद्ध धर्म परिवर्तन निवारण नियम, 2022 बनाया था. इस धर्म परिवर्तन निवारण अधिनियम 2022 (religion conversion law haryana) को अब प्रदेश के राज्यपाल की मंजूरी मिल गई है और सरकार ने इस का नोटिफिकेशन भी जारी कर दिया है.
इस नियम का उल्लंघन करने वाले को 3 से 10 साल तक की सजा का प्रावधान किया गया है. राज्य सरकार को इस संबंध में कानून बनाने की जरूरत इसलिए पड़ी क्योंकि करीब 4 साल में प्रदेश में 120 से अधिक मामले जबरन धर्म परिवर्तन के सामने आ चुके हैं. जबरन धर्म परिवर्तन के मामले में 1 से 5 साल तक की जेल का प्रावधान किया गया है. इसके साथ ही जुर्माने का भी प्रावधान है. जिसमें कम से कम ₹100000 तक का जुर्माना रखा गया है.
वहीं शादी के लिए धर्म छिपाने के मामले में 3 से 10 साल तक की जेल होगी. इसके तहत ₹300000 के जुर्माने का प्रावधान किया गया है. सामूहिक तौर पर धर्म परिवर्तन करवाने के मामले में 10 साल तक की जेल का प्रावधान इस नियम के तहत किया गया है. सरकार ने इस मामले में मंडल आयुक्त के पास अपील के प्रावधान की भी व्यवस्था की है. यदि धर्म परिवर्तन किया जाता है, तो इसकी जानकारी पहले ही जिले के जिलाधिकारी को देनी होगी.
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इस जानकारी को जिलाधिकारी कार्यालय के नोटिस बोर्ड पर सार्वजनिक किया जाएगा. यदि इस मामले में किसी को कोई आपत्ति हो तो वो 1 महीने के अंदर लिखित में शिकायत दर्ज करवा सकता है. इस तरह के मामले में जिलाधिकारी अपने स्तर पर जांच करेंगे कि धर्म परिवर्तन के नियमों का उल्लंघन हुआ है या नहीं. अगर उल्लंघन हुआ है तो इसकी स्वीकृति भी रद्द की जा सकती है. जिलाधिकारी के आदेश के खिलाफ भी 30 दिनों के अंदर उल्लंघन होने पर स्वीकृति रद्द कर दी जाएगी. डीसी के आदेश के विरुद्ध 30 दिनों के अंदर मंडलायुक्त के पास अपील की जा सकती है.