ETV Bharat / bharat

चंद्रयान 3 की कामयाबी में हरियाणा का भी योगदान, करनाल के दंपति ने भी निभाई अहम भूमिका, जानें इसरो तक पहुंचने का सफर

चंद्रयान 3 मिशन को सफल बनाने में हरियाणा का भी अहम योगदान रहा है. हरियाणा के करनाल जिले से वैज्ञानिक दीपांशु गर्ग और उनकी पत्नी इसरो की टीम का हिस्सा बने. जिन्होंने चंद्रयान को सफलतापूर्वक चांद के दक्षिणी ध्रुव पर उतारकर इतिहास रचा.

deepanshu garg isro scientist
deepanshu garg isro scientist
author img

By ETV Bharat Hindi Team

Published : Aug 24, 2023, 6:44 PM IST

करनाल: चंद्रयान 3 को चांद पर भेजने वाली ISRO की टीम के 2 वैज्ञानिक करनाल से हैं. दीपांशु गर्ग और उनकी पत्नी ऐश्वर्या उस टीम का हिस्सा रहे हैं. जिन्होंने चंद्रयान 3 मिशन में अहम भूमिका निभाई. दीपांशु गर्ग का परिवार करनाल के कलेंदरी गेट के पास रहता है. दीपांशु का बचपन संघर्ष में बीता. उनके पिता कपड़े की दुकान पर काम करते थे और मां घर पर रहती थी. मां की तबीयत अक्सर खराब रहती थी, लेकिन पढ़ाई से लेकर हर क्षेत्र में दीपांशु अच्छे नंबर लेकर आता.

ये भी पढ़ें- Chandrayaan- 3 : ...जब अंबाला की बहू आरुषि ने दुनिया को बताया- चांद पर उतरा भारत का चंद्रयान- 3, खुशी से झूम उठे लोग

एक वक्त ऐसा भी था कि जब दीपांशु के पास किताबों के लिए पैसे नहीं होते थे. तब दीपांशु के चाचा किताबें दिलवाने में मदद करते थे. करनाल से ही दीपांशु ने इंजीनियरिंग की पढ़ाई पूरी की और प्राइवेट नौकरी शुरू कर दी. दीपांशु कुछ अलग करना चाहता था. इसलिए उसने नौकरी के साथ पढ़ाई जारी रखी. इस दौरान उसने ISRO का एग्जाम दिया और वहां उसे सफलता मिली. 2017 में दीपांशु ने इसरो ज्वाइन किया. वहीं पर उसने ISRO में काम कर रही वैज्ञानिक ऐश्वर्या से शादी कर ली.

दोनों इसरो की उस टीम में काम कर रहे थे. जिन्होंने चंद्रयान 3 को चांद पर भेजा है. जब से चंद्रयान 3 ने चांद के दक्षिणी ध्रुव पर सफल लैंडिंग की है. तब से परिवार वालों के पास बधाइयों का तांता लगा है. परिजनों ने केक काटकर और मिठाई बांटकर अपनी खुशियों का इजहार किया. दीपांशु की छोटी बहन सोनल ने बताया कि बीटेक पूरी करने के बाद दीपांशु का सिलेक्शन गुरुग्राम स्थित टाटा कंसलटेंसी सर्विस लिमिटेड कंपनी में हो गया था.

ये भी पढ़ें- चंद्रयान-3 मिशन में हिस्सा बने चंडीगढ़ के वैज्ञानिक निखिल आनंद, ऐसा रहा जिला बार एसोसिएशन से इसरो तक का सफर

दीपक ने जॉब के साथ पढ़ाई को जारी रखा और इसरो की परीक्षा दी. दिन में वो जॉब करता और रात के समय वो इसरो के पेपर की तैयारी करता. जिसके बाद उसकी मेहनत रंग लाई और उसका इसरो में सिलेक्शन हो गया. वो 6 साल से इसरो की टीम में कम कर रहा है. बता दें कि इसरो ने चंद्रयान 3 को चांद के दक्षिणी ध्रुव पर सफलतापूर्वक उतारा है. चांद के दक्षिणी ध्रुव पर पहुंचने वाला भारत दुनिया का पहला देश बन गया है.

करनाल: चंद्रयान 3 को चांद पर भेजने वाली ISRO की टीम के 2 वैज्ञानिक करनाल से हैं. दीपांशु गर्ग और उनकी पत्नी ऐश्वर्या उस टीम का हिस्सा रहे हैं. जिन्होंने चंद्रयान 3 मिशन में अहम भूमिका निभाई. दीपांशु गर्ग का परिवार करनाल के कलेंदरी गेट के पास रहता है. दीपांशु का बचपन संघर्ष में बीता. उनके पिता कपड़े की दुकान पर काम करते थे और मां घर पर रहती थी. मां की तबीयत अक्सर खराब रहती थी, लेकिन पढ़ाई से लेकर हर क्षेत्र में दीपांशु अच्छे नंबर लेकर आता.

ये भी पढ़ें- Chandrayaan- 3 : ...जब अंबाला की बहू आरुषि ने दुनिया को बताया- चांद पर उतरा भारत का चंद्रयान- 3, खुशी से झूम उठे लोग

एक वक्त ऐसा भी था कि जब दीपांशु के पास किताबों के लिए पैसे नहीं होते थे. तब दीपांशु के चाचा किताबें दिलवाने में मदद करते थे. करनाल से ही दीपांशु ने इंजीनियरिंग की पढ़ाई पूरी की और प्राइवेट नौकरी शुरू कर दी. दीपांशु कुछ अलग करना चाहता था. इसलिए उसने नौकरी के साथ पढ़ाई जारी रखी. इस दौरान उसने ISRO का एग्जाम दिया और वहां उसे सफलता मिली. 2017 में दीपांशु ने इसरो ज्वाइन किया. वहीं पर उसने ISRO में काम कर रही वैज्ञानिक ऐश्वर्या से शादी कर ली.

दोनों इसरो की उस टीम में काम कर रहे थे. जिन्होंने चंद्रयान 3 को चांद पर भेजा है. जब से चंद्रयान 3 ने चांद के दक्षिणी ध्रुव पर सफल लैंडिंग की है. तब से परिवार वालों के पास बधाइयों का तांता लगा है. परिजनों ने केक काटकर और मिठाई बांटकर अपनी खुशियों का इजहार किया. दीपांशु की छोटी बहन सोनल ने बताया कि बीटेक पूरी करने के बाद दीपांशु का सिलेक्शन गुरुग्राम स्थित टाटा कंसलटेंसी सर्विस लिमिटेड कंपनी में हो गया था.

ये भी पढ़ें- चंद्रयान-3 मिशन में हिस्सा बने चंडीगढ़ के वैज्ञानिक निखिल आनंद, ऐसा रहा जिला बार एसोसिएशन से इसरो तक का सफर

दीपक ने जॉब के साथ पढ़ाई को जारी रखा और इसरो की परीक्षा दी. दिन में वो जॉब करता और रात के समय वो इसरो के पेपर की तैयारी करता. जिसके बाद उसकी मेहनत रंग लाई और उसका इसरो में सिलेक्शन हो गया. वो 6 साल से इसरो की टीम में कम कर रहा है. बता दें कि इसरो ने चंद्रयान 3 को चांद के दक्षिणी ध्रुव पर सफलतापूर्वक उतारा है. चांद के दक्षिणी ध्रुव पर पहुंचने वाला भारत दुनिया का पहला देश बन गया है.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.