देहरादून: उत्तराखंड के पूर्व सीएम हरीश रावत ने रणजीत रावत के आरोपों पर सफाई दी है. हरीश रावत ने कहा एक ओर तो बीजेपी मुझ पर मुस्लिम यूनिवर्सिटी खोलने को लेकर आरोप लगा रही है. वहीं, जो बची हुई साख थी, उस पर अपनों ने ही टिकट बेचने का आरोप लगा दिया. हरीश रावत ने भावुक होकर कहा कि अगर मैंने कुछ गलत किया है तो मुझे खड्ड (गड्ढा) में दबा दिया जाए. उत्तराखंड की जनता होली में उनका राजनीतिक दहन तो कर ही दे.
पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने कहा कि वह पार्टी में विभिन्न पदों पर रहे हैं. वहीं, अब जिस प्रकार के आरोप उन पर लग रहे हैं, तो वह पार्टी से भी अनुरोध करते हैं और भगवान से भी प्रार्थना करते हैं की अगर उन्होंने कुछ गलत किया है. तो इसकी सजा उन्हें दी जाए और उन्हें पार्टी से निकाल दिया जाए. हरीश रावत ने कहा कि रामनगर में उनका जो समर्थन है, वह पूर्व से ही है लेकिन यह कहकर वहां से हटाया की दूसरे का नुकसान हो रहा है.
कांग्रेस कर दे निष्कासित : हरीश रावत ने कहा 'मैं भगवान से प्रार्थना करता हूं कि कांग्रेस मुझे पार्टी से निष्कासित कर दे.' हरीश रावत ने रणजीत रावत द्वारा लगाए गए टिकट और पार्टी के पोस्ट बेचने के आरोप पर कहा कि होलिका जल रही है, कांग्रेस हरीश रावत नाम की बुराई को भी उसमें जला दे.
दरअसल, सोमवार को कांग्रेस के प्रदेश कार्यकारी अध्यक्ष रणजीत रावत ने हरीश रावत पर तगड़ा आरोप लगा दिया था. रणजीत रावत ने कहा था कि हरीश रावत ने चुनाव में टिकट बेचे हैं. उनके मैनेजर कुछ लोगों के पैसे लौटा चुके हैं. कुछ लोग पैसे लौटाने के लिए तकादा कर रहे हैं. रणजीत रावत ने ये भी आरोप लगाया था कि हरीश रावत के कारण ही कांग्रेस रामनगर, लालकुआं और सल्ट सीट हारी है.
रणजीत रावत ने ये लगाए आरोप : वहीं बीते दिन एक बार फिर कांग्रेस प्रदेश कार्यकारी अध्यक्ष रणजीत सिंह रावत ने हरीश रावत पर गंभीर आरोप लगाए हैं. रणजीत सिंह रावत ने कहा कि हरीश रावत बड़ी मासूमियत से झूठ बोलते हैं. किसी भी नए राजनैतिक कार्यकर्ता को अफीम चटाते हैं, फिर सम्मोहन में ले लेते हैं. रणजीत रावत ने आगे कहा कि मेरा नशा खुद पैंतीस साल बाद टूटा. रणजीत रावत यहीं नहीं रुके उन्होंने आरोप लगाया कि इस विधानसभा चुनाव में हरीश रावत ने टिकट के नाम पर ठगा है. एक बड़ी धनराशि इकट्ठी की है. वे लोग उनके चक्कर काट रहे हैं. कुछ के पैसे उनके मैनेजर लौटा चुके हैं. कुछ लोग उनके चक्कर काट रहे हैं. उन्होंने कहा कि ये सारी चीजें सामने आएंगी. वे झूठ बोलते हैं पहले मासूमियत से, पहले लोग समझते नहीं थे और अब समझने लगे हैं.
रणजीत रावत और हरीश रावत में क्या विवाद है? : रणजीत रावत और हरीश रावत की पहले गहरी दोस्ती थी. दोनों की दोस्ती को जय-बीरू की दोस्ती बताया जाता था. 2014 में जब विजय बहुगुणा के हटने के बाद हरीश रावत मुख्यमंत्री बने थे तो रणजीत रावत को भी सरकार में अहम जिम्मेदारी दी गई थी. रणजीत रावत तब मिनी मुख्यमंत्री नाम से फेमस हो गए थे.
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2017 के विधानसभा चुनाव के दौरान दोनों में किसी बात को लेकर विवाद हो गया था. तभी से दोनों के रास्ते भी अलग-अलग हो गए थे. रास्ते अलग हुए तो एक-दूसरे पर व्यंग्य बाण चलाने के साथ ही आरोप-प्रत्यारोप भी लगाए जाने लगे. हालांकि रणजीत रावत आरोप लगाने में आगे थे.
2022 के चुनाव में बढ़ा विवाद: रणजीत रावत 2022 के विधानसभा चुनाव के लिए रामनगर सीट से तैयारी किए बैठे थे. ठीक चुनाव से कुछ दिन पहले हरीश रावत ने रामनगर से चुनाव लड़ने का मन बनाया. हालांकि हरीश रावत कहते हैं कि ये पार्टी का फैसला था. लेकिन रणजीत रावत को उनका फैसला रास नहीं आया. हरीश रावत चूंकि पार्टी की कैंपेन कमेट के हेड थे. इसलिए तब रणजीत रावत चुप रहे.
सीटों को लेकर दोनों में मनमुटाव : रामनगर पहुंचने पर हरीश रावत को अहसास हुआ कि यहां तो दाल नहीं गलने वाली. इसके बाद उनकी सीट बदल दी गई. हरीश रावत उसके बाद लालकुआं सीट से चुनाव लड़े. लेकिन कहा जाता है कि उन्होंने कुछ ऐसा गणित बिठाया कि रणजीत रावत को भी रामनगर सीट से टिकट नहीं मिला. रणजीत रावत को सल्ट से चुनाव मैदान में उतारा गया.
रणजीत रावत और हरीश रावत दोनों चुनाव हारे: सीटों की इस उठा-पटक में हरीश रावत और रणजीत रावत दोनों चुनाव हार गए. हरीश रावत नैनीताल जिले की लालकुआं सीट से चुनाव हारे. रणजीत रावत अल्मोड़ा जिले की सल्ट सीट से पराजित हुए. चुनाव हारने के बाद से रणजीत रावत हरीश रावत पर फायर हैं. उन्होंने हरीश रावत पर तमाम आरोप जड़े हैं.
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रणजीत रावत के आरोपों से तिलमिलाए हरीश रावत: रणजीत रावत के आरोपों से हरीश रावत तिलमिला गए हैं. हरीश रावत ने कहा है कि 'मैं भगवान से प्रार्थना करता हूं कि कांग्रेस मुझे पार्टी से निष्कासित कर दे.' हरीश रावत ने रणजीत रावत द्वारा लगाए गए टिकट और पार्टी के पोस्ट बेचने के आरोप पर कहा कि होलिका जल रही है. कांग्रेस हरीश रावत नाम की बुराई को भी उसमें जला दे.'