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टिकट बेचने के आरोपों से आहत हरीश रावत बोले, कांग्रेस मुझे पार्टी से निष्कासित कर दे - Congress Leader Ranjit Rawat

उत्तराखंड में बीजेपी की जीत के बाद कांग्रेस में कलह शुरू हो गई है. कांग्रेस के एक नेता रणजीत रावत ने पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत पर विधानसभा टिकट बेचने का आरोप लगा दिया. आरोपों से दुखी हरीश रावत ने प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि मैं भगवान से प्रार्थना करता हूं कि कांग्रेस मुझे पार्टी से निष्कासित कर दे.

Former CM Harish Rawat
Former CM Harish Rawat
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Published : Mar 15, 2022, 11:54 AM IST

देहरादून: उत्तराखंड विधानसभा में कांग्रेस की हार के बाद पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत अपने विरोधियों के निशाने पर हैं. सोमवार को कांग्रेस के प्रदेश कार्यकारी अध्यक्ष रणजीत रावत ने हरीश रावत पर चुनाव में पार्टी का टिकट बेचने का आरोप लगा दिया. इससे आहत हरीश रावत ने कहा है कि मैं भगवान से प्रार्थना करता हूं कि कांग्रेस मुझे पार्टी से निष्कासित कर दे. हरीश रावत ने कहा कि होलिका जल रही है. कांग्रेस हरीश रावत नाम की बुराई को भी उसमें जला दे.

दरअसल सोमवार को कांग्रेस के प्रदेश कार्यकारी अध्यक्ष रणजीत रावत ने कहा था कि हरीश रावत ने चुनाव में टिकट बेचे हैं. उनके मैनेजर कुछ लोगों के पैसे लौटा चुके हैं. कुछ लोग पैसे लौटाने के लिए तकादा कर रहे हैं. रणजीत रावत ने दावा किया था कि हरीश रावत के कारण ही कांग्रेस रामनगर, लालकुआं और सल्ट सीट हारी है.

रणजीत रावत और हरीश रावत में क्या विवाद है? : रणजीत रावत और हरीश रावत की पहले गहरी दोस्ती थी. दोनों की दोस्ती को जय-बीरू की दोस्ती बताया जाता था. 2014 में जब विजय बहुगुणा के हटने के बाद हरीश रावत मुख्यमंत्री बने थे तो रणजीत रावत को भी सरकार में अहम जिम्मेदारी दी गई थी. रणजीत रावत तब मिनी मुख्यमंत्री नाम से फेमस हो गए थे. 2017 के विधानसभा चुनाव के दौरान दोनों में किसी बात को लेकर विवाद हो गया था. तभी से दोनों के रास्ते भी अलग-अलग हो गए थे. रास्ते अलग हुए तो एक-दूसरे पर व्यंग्य बाण चलाने के साथ ही आरोप-प्रत्यारोप भी लगाए जाने लगे.

2022 के चुनाव में बढ़ा विवाद: रणजीत रावत 2022 के विधानसभा चुनाव के लिए रामनगर सीट से तैयारी किए बैठे थे. ठीक चुनाव से कुछ दिन पहले हरीश रावत ने रामनगर से चुनाव लड़ने का मन बनाया. हालांकि हरीश रावत कहते हैं कि ये पार्टी का फैसला था. लेकिन रणजीत रावत को उनका फैसला रास नहीं आया. हरीश रावत चूंकि पार्टी की कैंपेन कमेटी के हेड थे, इसलिए रणजीत रावत चुप रहे.

सीटों को लेकर दोनों में मनमुटाव: रामनगर पहुंचने पर हरीश रावत को अहसास हुआ कि यहां तो दाल नहीं गलने वाली. इसके बाद उनकी सीट बदल दी गई. हरीश रावत उसके बाद लालकुआं सीट से चुनाव लड़े. आरोप है कि हरीश रावत के कारण रणजीत रावत को रामनगर सीट से टिकट नहीं मिला. रणजीत रावत को सल्ट से चुनाव मैदान में उतारा गया. सीटों की इस उठा-पटक में हरीश रावत और रणजीत रावत दोनों चुनाव हार गए. चुनाव हारने के बाद से रणजीत रावत नाराज हैं.

रणजीत रावत के आरोपों से हरीश रावत तिलमिला गए हैं. हरीश रावत ने कहा है कि मैं भगवान से प्रार्थना करता हूं कि कांग्रेस मुझे पार्टी से निष्कासित कर दे. हरीश रावत ने रणजीत रावत द्वारा लगाए गए टिकट और पार्टी के पोस्ट बेचने के आरोप पर हरीश रावत ने ये कहा है. हरदा ने कहा कि होलिका जल रही है. कांग्रेस हरीश रावत नाम की बुराई को भी उसमें जला दे.

पढ़ें : पंजाब विधानसभा चुनाव में जीत से राज्यसभा में मजबूत होगी आम आदमी पार्टी

देहरादून: उत्तराखंड विधानसभा में कांग्रेस की हार के बाद पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत अपने विरोधियों के निशाने पर हैं. सोमवार को कांग्रेस के प्रदेश कार्यकारी अध्यक्ष रणजीत रावत ने हरीश रावत पर चुनाव में पार्टी का टिकट बेचने का आरोप लगा दिया. इससे आहत हरीश रावत ने कहा है कि मैं भगवान से प्रार्थना करता हूं कि कांग्रेस मुझे पार्टी से निष्कासित कर दे. हरीश रावत ने कहा कि होलिका जल रही है. कांग्रेस हरीश रावत नाम की बुराई को भी उसमें जला दे.

दरअसल सोमवार को कांग्रेस के प्रदेश कार्यकारी अध्यक्ष रणजीत रावत ने कहा था कि हरीश रावत ने चुनाव में टिकट बेचे हैं. उनके मैनेजर कुछ लोगों के पैसे लौटा चुके हैं. कुछ लोग पैसे लौटाने के लिए तकादा कर रहे हैं. रणजीत रावत ने दावा किया था कि हरीश रावत के कारण ही कांग्रेस रामनगर, लालकुआं और सल्ट सीट हारी है.

रणजीत रावत और हरीश रावत में क्या विवाद है? : रणजीत रावत और हरीश रावत की पहले गहरी दोस्ती थी. दोनों की दोस्ती को जय-बीरू की दोस्ती बताया जाता था. 2014 में जब विजय बहुगुणा के हटने के बाद हरीश रावत मुख्यमंत्री बने थे तो रणजीत रावत को भी सरकार में अहम जिम्मेदारी दी गई थी. रणजीत रावत तब मिनी मुख्यमंत्री नाम से फेमस हो गए थे. 2017 के विधानसभा चुनाव के दौरान दोनों में किसी बात को लेकर विवाद हो गया था. तभी से दोनों के रास्ते भी अलग-अलग हो गए थे. रास्ते अलग हुए तो एक-दूसरे पर व्यंग्य बाण चलाने के साथ ही आरोप-प्रत्यारोप भी लगाए जाने लगे.

2022 के चुनाव में बढ़ा विवाद: रणजीत रावत 2022 के विधानसभा चुनाव के लिए रामनगर सीट से तैयारी किए बैठे थे. ठीक चुनाव से कुछ दिन पहले हरीश रावत ने रामनगर से चुनाव लड़ने का मन बनाया. हालांकि हरीश रावत कहते हैं कि ये पार्टी का फैसला था. लेकिन रणजीत रावत को उनका फैसला रास नहीं आया. हरीश रावत चूंकि पार्टी की कैंपेन कमेटी के हेड थे, इसलिए रणजीत रावत चुप रहे.

सीटों को लेकर दोनों में मनमुटाव: रामनगर पहुंचने पर हरीश रावत को अहसास हुआ कि यहां तो दाल नहीं गलने वाली. इसके बाद उनकी सीट बदल दी गई. हरीश रावत उसके बाद लालकुआं सीट से चुनाव लड़े. आरोप है कि हरीश रावत के कारण रणजीत रावत को रामनगर सीट से टिकट नहीं मिला. रणजीत रावत को सल्ट से चुनाव मैदान में उतारा गया. सीटों की इस उठा-पटक में हरीश रावत और रणजीत रावत दोनों चुनाव हार गए. चुनाव हारने के बाद से रणजीत रावत नाराज हैं.

रणजीत रावत के आरोपों से हरीश रावत तिलमिला गए हैं. हरीश रावत ने कहा है कि मैं भगवान से प्रार्थना करता हूं कि कांग्रेस मुझे पार्टी से निष्कासित कर दे. हरीश रावत ने रणजीत रावत द्वारा लगाए गए टिकट और पार्टी के पोस्ट बेचने के आरोप पर हरीश रावत ने ये कहा है. हरदा ने कहा कि होलिका जल रही है. कांग्रेस हरीश रावत नाम की बुराई को भी उसमें जला दे.

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