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हरदीप सिंह पुरी ने जर्मन बायोगैस एसोसिएशन के सीईओ से मुलाकात की, पराली से बायोगैस बनाने पर हुई चर्चा

केंद्रीय पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने बताया कि पराली का उपयोग बायोगैस के उत्पादन के लिए किया जा सकता है. इसी संबंध में उन्होंने जर्मन बायोगैस एसोसिएशन के सीईओ क्लॉडियस दा कोस्टा गोमेज से मुलाकात की. Hardeep Singh Puri, CEO of German Biogas Association, discusses issue of stubble burning, Hardeep Puri On stubble burning

Hardeep Puri On stubble burning
केंद्रीय पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने बर्लिन में जर्मन बायोगैस एसोसिएशन के सीईओ क्लॉडियस दा कोस्टा गोमेज से मुलाकात की.
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By ANI

Published : Nov 8, 2023, 12:03 PM IST

बर्लिन : केंद्रीय पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने बर्लिन में जर्मन बायोगैस एसोसिएशन के सीईओ क्लॉडियस दा कोस्टा गोमेज से मुलाकात की. इस मुलाकात के बारे में जानकारी देते हुए उन्होंने कहा कि वह पराली जलाने के होने वाली समस्या का समाधान खोजने की कोशिश कर रहे हैं. उन्होंने बताया कि जर्मनी पराली (पराली) से बायोगैस उत्पादन में विश्व में अग्रणी है.

हरदीप सिंह पुरी ने एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर पोस्ट किया कि पंजाब में पराली जलाने की समस्या गहरी पीड़ा का कारण है. पराली जलाने का समाधान ढूंढने के लिए जर्मन बायोगैस एसोसिएशन के सीईओ डॉ. क्लॉडियस दा कोस्टा गोमेज से मुलाकात की. उन्होंने आगे कहा कि पराली का उपयोग बायोगैस के उत्पादन के लिए किया जा सकता है. उन्होंने कहा कि यह एक ऐसी प्रक्रिया है जिसमें जर्मनी विश्व में अग्रणी है.

उन्होंने कहा कि पराली का उपयोग बायोगैस के उत्पादन के लिए किया जा सकता है. यह पीएम नरेंद्र मोदी जी के दूरदर्शी नेतृत्व के तहत ऊर्जा के स्वच्छ स्रोतों के लिए भारत की खोज को गति प्रदान करेगा. इसके साथ ही किसानों के आय का एक अतिरिक्त स्रोत तैयार होगा.

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उन्होंने एक्स पर लिखा कि भारत में हर साल अनुमानित 352 मीट्रिक टन पराली पैदा होती है. इसमें से 22 प्रतिशत गेहूं की फसल से और 34 प्रतिशत चावल से आती है. इस पराली का लगभग 84 मीट्रिक टन (23.86 प्रतिशत) हर साल खेतों में तुरंत जला दिया जाता है. बायोगैस के लिए इसका उपयोग फायदे का सौदा होगा!

बर्लिन : केंद्रीय पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने बर्लिन में जर्मन बायोगैस एसोसिएशन के सीईओ क्लॉडियस दा कोस्टा गोमेज से मुलाकात की. इस मुलाकात के बारे में जानकारी देते हुए उन्होंने कहा कि वह पराली जलाने के होने वाली समस्या का समाधान खोजने की कोशिश कर रहे हैं. उन्होंने बताया कि जर्मनी पराली (पराली) से बायोगैस उत्पादन में विश्व में अग्रणी है.

हरदीप सिंह पुरी ने एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर पोस्ट किया कि पंजाब में पराली जलाने की समस्या गहरी पीड़ा का कारण है. पराली जलाने का समाधान ढूंढने के लिए जर्मन बायोगैस एसोसिएशन के सीईओ डॉ. क्लॉडियस दा कोस्टा गोमेज से मुलाकात की. उन्होंने आगे कहा कि पराली का उपयोग बायोगैस के उत्पादन के लिए किया जा सकता है. उन्होंने कहा कि यह एक ऐसी प्रक्रिया है जिसमें जर्मनी विश्व में अग्रणी है.

उन्होंने कहा कि पराली का उपयोग बायोगैस के उत्पादन के लिए किया जा सकता है. यह पीएम नरेंद्र मोदी जी के दूरदर्शी नेतृत्व के तहत ऊर्जा के स्वच्छ स्रोतों के लिए भारत की खोज को गति प्रदान करेगा. इसके साथ ही किसानों के आय का एक अतिरिक्त स्रोत तैयार होगा.

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उन्होंने एक्स पर लिखा कि भारत में हर साल अनुमानित 352 मीट्रिक टन पराली पैदा होती है. इसमें से 22 प्रतिशत गेहूं की फसल से और 34 प्रतिशत चावल से आती है. इस पराली का लगभग 84 मीट्रिक टन (23.86 प्रतिशत) हर साल खेतों में तुरंत जला दिया जाता है. बायोगैस के लिए इसका उपयोग फायदे का सौदा होगा!

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