वाराणसीः ज्ञानवापी मस्जिद के सर्वे से जुड़ी दूसरी रिपोर्ट को लेकर गुरुवार को सोशल मीडिया और मीडिया पर काफी चर्चाएं होती रहीं. कहा जा रहा है कि मस्जिद में सनातन संस्कृति से जुड़े कई और चिह्न मिले हैं. इनमें कमल, त्रिशूल और डमरू के चिह्न शामिल हैं. हालांकि ईटीवी भारत इस रिपोर्ट की पुष्टि नहीं करता है.
वहीं, ज्ञानवापी मस्जिद के श्रृंगार गौरी प्रकरण में गुरुवार को विशेष वकील कमिश्नर विशाल सिंह की तरफ से 14 से 16 मई की कमीशन की कार्रवाई की रिपोर्ट कोर्ट में फाइल कर दी गई है, जिस पर कोर्ट 23 मई को सुनवाई करेगा. हालांकि रिपोर्ट सीलबंद लिफाफे में पेश की गई लेकिन मीडिया में एक रिपोर्ट चर्चा में है जिसमें सनातन धर्म से जुड़ी कुछ निशानियों का ज़िक्र है. हालांकि ईटीवी भारत इस रिपोर्ट की पुष्टि नहीं करता.
सर्वे रिपोर्ट की खास बातें
- मस्जिद के अंदर बेसमेंट की दीवार पर सनातन संस्कृति के चिह्न मिले.
- मस्जिद की दीवारों पर कमल, डमरू और त्रिशूल के प्रतीक चिह्न मिले.
- मस्जिद में शिवलिंग मिलने का जिक्र भी किया गया.
- ज्ञानवापी की पश्चिमी दिवार के पास मंदिर का मलबा पाया गया है.
- तहखानों में मंदिर के अवशेष और मूर्तियों की कलाकृतियां भी पाई गईं.
- मस्जिद की पिछली दीवार पर शेषनाग और देवी देवताओं की कलाकृति की फोटो
- दीवार के उत्तर से पश्चिम की ओर शिलापट्ट पर सिंदूरी रंग की उभरी हुई कलाकृति है.
गौरतलब है कि ज्ञानवापी स्थित शृंगार गौरी की नियमित पूजा अर्चना और अन्य विग्रहों के संरक्षण की मांग पर 6 और 7 मई को हुई कमीशन की कार्यवाही की रिपोर्ट बुधवार को तत्कालीन एडवोकेट कमिश्नर अजय कुमार मिश्रा ने सिविल जज सीनियर डिवीजन की अदालत में दाखिल की थी.
सूत्रों के अनुसार रिपोर्ट में ज्ञानवापी मस्जिद की पिछली दीवार पर शेषनाग और देवी देवताओं की कलाकृति की फोटो और वीडियोग्राफी कराने का जिक्र किया गया है. रिपोर्ट के मुताबिक इसमें दीवार के उत्तर से पश्चिम की ओर शिलापट्ट पर सिंदूरी रंग की उभरी हुई कलाकृति है. इसमें देव विग्रह के रूप में चार मूर्तियों की आकृति नज़र आयीं. इस आंशिक रिपोर्ट को न्यायालय ने बुधवार को अपने रिकार्ड में ले लिया था.
रिपोर्ट में लिखा है कि कमीशन कार्यवाही विभिन्न विधाओं का निरीक्षण करते हुए विवादित स्थल के मूल स्थान बैरिकेडिंग के बाहर उत्तर से पश्चिम दीवार के कोने पर पुराने मंदिरों के मलबे जिस पर देवी-देवताओं की कलाकृति तथा अन्य शिलापट्ट कमल की कलाकृति देखी गई है.
पत्थरों के भीतर की तरफ कुछ कलाकृतियां आकार के स्पष्ट रूप से कमल और अन्य इलाके में आकृतियां दिखी हैं. उत्तर पश्चिम के कोने पर गिट्टी सीमेंट से चबूतरे पर नए निर्माण को देखा जा सकता है. सभी शिलापट्ट और आकृतियों की वीडियोग्राफी कराई गई है. उत्तर पश्चिम की तरफ चलते हुए मध्य दीवार पर शेषनाग की कलाकृति जैसी आकृति देखी गई है. इसकी वीडियोग्राफी कराई गई है.
इसमें 4 मूर्तियों की आकृति विशेष है, जिस पर सिंदूरी रंग लगा हुआ है. चौथी आकृति जो मूर्ति कि तरह प्रतीत हो रही है. उस पर सिंदूर लगा हुआ है. इसकी वीडियोग्राफी कराई गई है. आगे का हिस्सा दिया जलाने के उपयोग में लाया हुआ प्रतीत हुआ है. त्रिकोणीय ताखा जैसे जिसमें फूल रखे हुए थे. इसकी वीडियोग्राफी कराई गई है.
सिंदूरी रंग में रंगी हुई एक मूर्ति जो वीडियोग्राफी में है. इसके अलावा कुछ पुराने भवन के अवशेष भूमि पर काफी लंबे समय से पड़ी प्रतीत हो रहे थे. प्रथम दृष्टया किसी बड़े भवन के अंश नजर आते हैं. इनके पीछे पूर्व दिशा बैटिंग के अंदर मस्जिद की पश्चिम दीवार के बीच मलबे का ढेर पड़ा है.
सोशल मीडिया पर शिवलिंग की चर्चा
ज्ञानवापी परिसर में वजूखाने का एक साल पुराना वीडियो सामने आया है. दरअसल, ज्ञानवापी परिसर में 3 दिनों तक चली कमीशन की कार्यवाही के दौरान वजूखाने की जांच के लिए पानी और मलबा निकाला गया, जिसके बाद एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल होने लगा. वीडियो में एक ठोस संरचना को हिंदू पक्ष शिवलिंग बता रहा है. वहीं, मुस्लिम पक्ष का कहना है कि वह शिवलिंग नहीं बल्कि फव्वारा है.
ये भी पढ़ेंः ज्ञानवापी केस: रिपोर्ट में मस्जिद की दीवार पर शेषनाग, देवी-देवताओं की कलाकृति का जिक्र