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ज्ञानवापी मस्जिद विवाद: SC ने सीलबंद शिवलिंग क्षेत्र की सफाई के आदेश दिए

Gyanvapi mosque row SC: सुप्रीम कोर्ट ने वाराणसी के ज्ञानवापी विवाद पर आज बड़ा फैसला सुनाया. अदालत ने सील किए गए क्षेत्र में सफाई की मांग संबंधी याचिका को स्वीकार कर लिया.

Gyanvapi mosque row: SC allows Hindu side plea for cleaning the sealed Shivlingam area
ज्ञानवापी मस्जिद विवाद: SC ने सील किए गए शिवलिंग क्षेत्र की सफाई पर सहमति जताई
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By ETV Bharat Hindi Team

Published : Jan 16, 2024, 2:30 PM IST

नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को ज्ञानवापी मस्जिद मामले में हिंदू महिला वादी की याचिका को स्वीकार कर लिया. इसमें मस्जिद के अंदर सीलबंद क्षेत्र में स्थित वजुखाने की सफाई के लिए वाराणसी के जिला मजिस्ट्रेट को निर्देश देने की मांग की गई थी. भारत के मुख्य न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़ की अगुवाई वाली तीन-न्यायाधीशों की पीठ ने वकील से पूछा, मरी हुई मछलियाँ टैंक में हैं ? इसपर मुस्लिम पक्ष का प्रतिनिधित्व कर रहे वरिष्ठ वकील हुजेफा अहमदी ने कहा कि उनके मुवक्किल को कोई आपत्ति नहीं है और प्रशासन को सफाई करने दें.

शीर्ष अदालत ने निर्देश दिया कि वजुखाने की सफाई इस अदालत के पिछले आदेशों को ध्यान में रखते हुए जिला प्रशासन वाराणसी की देखरेख में की जानी चाहिए. पिछले साल दिसंबर में ज्ञानवापी मस्जिद विवाद में हिंदू पक्ष ने सुप्रीम कोर्ट में एक आवेदन दायर किया था. इसमें जिला मजिस्ट्रेट वाराणसी को निर्देश दिया गया था कि वे शिवलिंगम के पूरे क्षेत्र को साफ करें.

इसे शीर्ष अदालत द्वारा पारित आदेशों के तहत सील कर दिया गया है. याचिकाकर्ताओं ने इस बात पर जोर दिया कि वहां शिवलिंग मौजूद है जो हिंदुओं के लिए पवित्र है. इसे सभी गंदगी, मृत जानवरों आदि से दूर रखा जाना चाहिए और साफ स्थिति में होना चाहिए. वर्तमान में मरी हुई मछलियां बीच में है जो भगवान शिव के भक्तों की भावनाओं के खिलाफ है.

सिविल जज द्वारा नियुक्त अधिवक्ता आयुक्तों ने सर्वेक्षण के दौरान पाया कि शिवलिंग वजुखाने में था जहाँ मुस्लिम समुदाय के सदस्य 'वजू' कर रहे थे. सिविल जज वाराणसी द्वारा पारित आदेश दिनांक 16 मई, 2022 के तहत वजुखाने और आसपास के क्षेत्र को सील कर दिया गया था और सीलिंग के आदेश को शीर्ष अदालत द्वारा पारित 20 मई, 2022 के आदेश में शामिल कर लिया गया था.

वकील विष्णु शंकर जैन के माध्यम से दायर एक आवेदन में चार हिंदू महिलाओं ने कहा कि वजुखाने में मछलियाँ थीं और 16 मई 2022 से वजुखाने की सफाई नहीं की गई है. 20 दिसंबर 2023 और 25 दिसंबर 2023 के बीच मछलियां मरी जिसके कारण वजुखाने से दुर्गंध आ रही है. आवेदन में कहा गया है कि याचिकाकर्ता अंजुमन इंतजामिया मछलियों की उस स्थिति के लिए जिम्मेदार है जिसके कारण उनकी मौत हुई है. यदि जिला मजिस्ट्रेट वाराणसी के अनुरोध के अनुसार मछलियों को स्थानांतरित कर दिया गया होता तो वर्तमान दुर्भाग्यपूर्ण स्थिति उत्पन्न नहीं होती.

ये भी पढ़ें- SC on Gyanvapi row: ज्ञानवापी मस्जिद विवाद पर सुप्रीम कोर्ट ने मुस्लिम पक्ष से पूजा स्थल अधिनियम को लेकर पूछे सवाल

नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को ज्ञानवापी मस्जिद मामले में हिंदू महिला वादी की याचिका को स्वीकार कर लिया. इसमें मस्जिद के अंदर सीलबंद क्षेत्र में स्थित वजुखाने की सफाई के लिए वाराणसी के जिला मजिस्ट्रेट को निर्देश देने की मांग की गई थी. भारत के मुख्य न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़ की अगुवाई वाली तीन-न्यायाधीशों की पीठ ने वकील से पूछा, मरी हुई मछलियाँ टैंक में हैं ? इसपर मुस्लिम पक्ष का प्रतिनिधित्व कर रहे वरिष्ठ वकील हुजेफा अहमदी ने कहा कि उनके मुवक्किल को कोई आपत्ति नहीं है और प्रशासन को सफाई करने दें.

शीर्ष अदालत ने निर्देश दिया कि वजुखाने की सफाई इस अदालत के पिछले आदेशों को ध्यान में रखते हुए जिला प्रशासन वाराणसी की देखरेख में की जानी चाहिए. पिछले साल दिसंबर में ज्ञानवापी मस्जिद विवाद में हिंदू पक्ष ने सुप्रीम कोर्ट में एक आवेदन दायर किया था. इसमें जिला मजिस्ट्रेट वाराणसी को निर्देश दिया गया था कि वे शिवलिंगम के पूरे क्षेत्र को साफ करें.

इसे शीर्ष अदालत द्वारा पारित आदेशों के तहत सील कर दिया गया है. याचिकाकर्ताओं ने इस बात पर जोर दिया कि वहां शिवलिंग मौजूद है जो हिंदुओं के लिए पवित्र है. इसे सभी गंदगी, मृत जानवरों आदि से दूर रखा जाना चाहिए और साफ स्थिति में होना चाहिए. वर्तमान में मरी हुई मछलियां बीच में है जो भगवान शिव के भक्तों की भावनाओं के खिलाफ है.

सिविल जज द्वारा नियुक्त अधिवक्ता आयुक्तों ने सर्वेक्षण के दौरान पाया कि शिवलिंग वजुखाने में था जहाँ मुस्लिम समुदाय के सदस्य 'वजू' कर रहे थे. सिविल जज वाराणसी द्वारा पारित आदेश दिनांक 16 मई, 2022 के तहत वजुखाने और आसपास के क्षेत्र को सील कर दिया गया था और सीलिंग के आदेश को शीर्ष अदालत द्वारा पारित 20 मई, 2022 के आदेश में शामिल कर लिया गया था.

वकील विष्णु शंकर जैन के माध्यम से दायर एक आवेदन में चार हिंदू महिलाओं ने कहा कि वजुखाने में मछलियाँ थीं और 16 मई 2022 से वजुखाने की सफाई नहीं की गई है. 20 दिसंबर 2023 और 25 दिसंबर 2023 के बीच मछलियां मरी जिसके कारण वजुखाने से दुर्गंध आ रही है. आवेदन में कहा गया है कि याचिकाकर्ता अंजुमन इंतजामिया मछलियों की उस स्थिति के लिए जिम्मेदार है जिसके कारण उनकी मौत हुई है. यदि जिला मजिस्ट्रेट वाराणसी के अनुरोध के अनुसार मछलियों को स्थानांतरित कर दिया गया होता तो वर्तमान दुर्भाग्यपूर्ण स्थिति उत्पन्न नहीं होती.

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