नई दिल्ली : ज्ञानवापी मस्जिद विवाद में हिंदू पक्ष ने मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट में एक आवेदन दायर कर वाराणसी के जिला मजिस्ट्रेट को शिवलिंग के पूरे क्षेत्र को साफ करने का निर्देश देने की मांग की, जिसे शीर्ष अदालत द्वारा पारित आदेशों के तहत सील कर दिया गया है.
याचिकाकर्ताओं ने इस बात पर जोर दिया कि वहां शिवलिंग मौजूद है, जो हिंदुओं के लिए पवित्र है, और इसे सभी गंदगी, मृत जानवरों आदि से दूर रखा जाना चाहिए और हरहाल में इसे साफ स्थिति में होना चाहिए. वर्तमान में ये मरी हुई मछलियों के बीच में है जिससे भगवान शिव के भक्तों की भावनाएं आहत होती हैं.
सिविल जज द्वारा नियुक्त एडवोकेट कमिश्नर ने सर्वेक्षण के दौरान पाया कि शिवलिंग एक पानी की टंकी में पड़ा हुआ था जहां मुस्लिम समुदाय के सदस्य 'वज़ू' कर रहे थे. सिविल जज, वाराणसी द्वारा पारित आदेश दिनांक 16 मई, 2022 के तहत पानी की टंकी और आसपास के क्षेत्र को सील कर दिया गया था, और सीलिंग के आदेश को शीर्ष अदालत द्वारा पारित 20 मई, 2022 के आदेश में शामिल कर लिया गया था.
चार हिंदू महिलाओं ने वकील विष्णु शंकर जैन के माध्यम से दायर एक आवेदन में कहा कि पानी की टंकी में मछलियां थीं और 16 मई, 2022 से पानी की टंकी की सफाई नहीं की गई है.
आवेदन में कहा गया है कि 'पानी की टंकी में मछलियां 20 दिसंबर, 2023 और 25 दिसंबर, 2023 के बीच मर गई हैं और उसी के कारण टैंक से दुर्गंध आ रही है.' आगे कहा गया है कि 'याचिकाकर्ता अंजुमन इंतजामिया मछलियों की उस स्थिति के लिए जिम्मेदार है जिसके कारण उनकी मौत हुई है. यदि, जिला मजिस्ट्रेट, वाराणसी के अनुरोध के अनुसार मछलियों को शिफ्ट कर दिया गया होता तो वर्तमान दुर्भाग्यपूर्ण स्थिति उत्पन्न नहीं होती.'
याचिकाकर्ताओं ने कहा कि चूंकि वहां पर शिवलिंग मौजूद है जो हिंदुओं के लिए पवित्र है और इसे सभी गंदगी, मृत जानवरों आदि से दूर रखा जाना चाहिए और साफ स्थिति में होना चाहिए, वर्तमान में यह मरी हुई मछलियों के बीच में है जो भगवान शिव के भक्तों की भावनाओं को ठेस पहुंचाने वाला है. याचिका में कहा गया है कि शीर्ष अदालत जिला मजिस्ट्रेट को शिवलिंग के पूरे क्षेत्र की सफाई करने और स्वच्छता की स्थिति बनाए रखने का निर्देश दे सकती है.
याचिका में कहा गया है कि तालाब से मछलियों को शिफ्ट करने के लिए उचित निर्देश जारी करने के लिए सिविल जज वाराणसी की अदालत में 2021 के सिविल मुकदमे में उत्तर प्रदेश सरकार और जिला मजिस्ट्रेट वाराणसी की ओर से 17 मई 2022 को एक आवेदन दायर किया गया था.