तेल अवीव : जब से हमास ने इजराइल पर हमला किया है (सात अक्टूबर), उसके बाद से वहां पर हथियारों की मांग बढ़ गई है. वहां का हरेक परिवार चाहता है कि उसके पास कम से कम एक हथियार जरूर हो ताकि जरूरत पड़ने पर वे आत्मरक्षा के तौर पर इसका इस्तेमाल कर सकें.
हमास और इजराइल के बीच हो रहे संघर्ष के बीच वहां पर तनावपूर्ण स्थिति है. किस पर हमला हो जाए, कौन हमला कर दे, इस तरह का एक माहौल बन गया है. इजराइली और हमास एक दूसरे को संदेह ही नजर से देख रहे हैं.
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Since the October 7 Hamas terror attack, gun sales in Israel have surged. Prime Minister Netanyahu has encouraged Israelis to arm themselves. Instructors say the demand for gun training is through the roof. pic.twitter.com/kXloIT7sBX
— DW News (@dwnews) October 28, 2023 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data="
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— DW News (@dwnews) October 28, 2023
वेस्ट बैंक में जहां पर इजराइली और फिलिस्तीनी साथ-साथ रहते हैं, सबसे खराब वहीं की स्थिति है. हालांकि, इस एरिया पर इजराइलियों का नियंत्रण है, ऐसे में इजराइल वासियों को हमेशा खतरा बना रहता है. उनका कहना है कि युद्ध के बाद से वे अपने आप को असुरक्षित महसूस करते हैं, क्योंकि आबादी की तुलना में फिलिस्तीनी अधिक हैं.
इजराइल वासियों का कहना है कि क्योंकि स्थिति तनावपूर्ण है, युद्ध जारी है, लिहाजा ऐसी परिस्थिति में इजराइली पुलिस हमारी मदद के लिए नहीं आ सकती है. उनके अनुसार इसलिए बेहतर होगा कि वे खुद हथियार का लाइसेंस रखें और जरूरत पड़ने पर अपनी रक्षा कर सकेंगे.
बंदूक बेचने वाली दुकानों को लगातार ऑर्डर मिल रहे हैं. बंदूक खरीदने के बाद जिस जगह पर ट्रेनिंग दी जाती है, वहां पर भी लोग बड़ी संख्या में अपनी बारी का इंतजार कर रहे हैं. मीडिया रिपोर्ट के अनुसार बंदूक हासिल करने के लिए 1.5 लाख आवेदकों ने आवेदन किया है. जबकि पिछले साल इसी दौरान मात्र 42 लोगों ने बंदूक की लाइसेंस हासिल करने के लिए आवेदन किए थे.
आपको बता दें कि इजराइल में हरेक नागरिक के लिए जरूरी है कि वे मिलिट्री ट्रेनिंग लें. फिर भी वहां पर आर्म्स की सेल पर कड़ा नियंत्रण रखा जाता है. किसी भी नागरिक के लिए लाइसेंस प्राप्त करना बहुत कठिन होता है. कई बार तो महीनों लग जाते हैं. लेकिन युद्ध के बीच कई परिवारों ने दावा किया कि अगर उनके पास बंदूक नहीं होती, तो शायद वे अपनी रक्षा नहीं कर पाते.
इस बयान के बाद इजराइल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने कहा कि हरेक इजराइली को आत्मरक्षा में बंदूक रखना चाहिए. मीडिया रिपोर्ट के अनुसार नागरिकों को बंदूक इसलिए नहीं दी जाती है, ताकि कोई ऐसी परिस्थिति न हो जाए कि नागरिक विद्रोह कर दें. पर, अभी की स्थिति कुछ अलग है.
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार जिस लाइसेंस को प्राप्त करने में महीनों लग जाते थे, संघर्ष के बाद उसे जल्दी दिए जा रहे हैं. इजराइली अधिकारियों को आदेश दिया गया है कि वे आवेदन डिस्पोजल की दर में इजाफा लाएं. सबसे अधिक पिस्टल का लाइसेंस दिया जा रहा है. जिन्होंने भी सिविलियन नेशलन सर्विस में एक साल की सेवा दी है, उन्हें जल्द लाइसेंस मिल जा रहा है. फिलिस्तीनियों को लाइसेंस नहीं दिया जा रहा है. पहले जहां (फार साबा में) पर दिन भर में एक ट्रेनिंग सेशन होते थे, वहां पर तीन से चार सत्र आयोजित किए जा रहे हैं.
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