अहमदाबाद : गुजरात हाई कोर्ट (gujarat high court) ने सड़कों पर घूमने वाले आवारा पशुओं को लेकर राज्य सरकार को जमकर फटकार लगाई. मामले पर कोर्ट ने कहा कि इस संबंध में पहले भी निर्देश दिए गए थे लेकिन अभी तक इस मुद्दे का समाधान क्यों नहीं किया गया. सुनवाई करते हुए जस्टिस ने कहा कि, कोर्ट के निर्देश के बावजूद भी अधिकतर सड़कों पर अभी भी मवेशी इधर-उधर घूमते नजर आ रहे हैं. उन्होंने सरकार से मामले पर जवाब देने के लिए कहा.
आवारा पशुओं से जुड़ी याचिका की सुनवाई करते हुए हाई कोर्ट ने सरकार को निर्देशित किया कि अहमदाबाद नगर निगम के जिम्मेदार अफसर हाई कोर्ट में मौजूद रहें. बता दें कि याचिका में कहा गया था कि प्रदेश भर में सड़कों पर घूमने वाले आवारा पशु आम नागरिकों के साथ ही प्रशासन के लिए मुसीबत बने हुए हैं. इस मामले को लेकर कोर्ट में कई याचिकाएं दायर हो चुकी हैं और कोर्ट इस पर सरकार को कड़ा कदम उठाने के लिए भी निर्देश भी दे चुकी है पर इसके बावजूद भी समस्या का समाधान नहीं किया गया है. ऐसे में सड़कों पर आवारा पशुओं का मुद्दे को एक बार फिर हाई कोर्ट में उठाया गया. वहीं राज्य सरकार से प्रश्न किा गया कि आखिर हाई कोर्ट के आदेश के बाद भी इस मुद्दे का समाधान क्यों नहीं नहीं हुआ?
वहीं याचिका की सुनवाई के दौरान यह भी आरोप लगाया गया कि गिर, आलेच और बरदा डूंगर क्षेत्रों के अलावा रबारी, भरवाड़ और चरण समुदायों के कुछ लोगों को गलत तरीके से अनुसूचित जनजाति प्रमाण पत्र मिल रहा है. इसके अलावा आवारा पशुओं के मुद्दे पर चर्चा होने पर हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस ने सरकार से इस मुद्दे पर कुछ सवाल पूछे. बता दें कि अहमदाबाद सहित राज्य के अधिकांश जगहों में सड़कों पर आवारा पशुओं के घूमने से पैदल चलने वालों और वाहन चालकों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है.
हालत यह है कि आवारा पशुओं की वजह से कई दुर्घटनाएं हो जाती हैं जिनमें कई में तो लोगों की जान भी जा चुकी है. हाल ही में स्वतंत्रता दिवस से एक दिन पूर्व रैली के दौरान एक आवारा पशु के घुस जाने से राज्य राज्य के पूर्व उपमुख्यमंत्री नितिन पटेल घायल हो गए थे.
ये भी पढ़ें - बिलकिस के गुनहगारों की रिहाई पर केंद्र और गुजरात सरकार को सुप्रीम कोर्ट का नोटिस