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Gujarat High Court ने 20 हफ्ते से ज्यादा के गर्भ को समाप्त करने की दी इजाजत

एक बलात्कार पीड़िता जो 20 सप्ताह से अधिक की गर्भवती थी, ने गर्भपात की अनुमति के लिए गुजरात उच्च न्यायालय में एक रिट याचिका दायर की थी. जिसपर सुनवाई करते हुए कोर्ट ने उसे गर्भपात की इजाजत दे दी है. गुजरात हाई कोर्ट ने 28 अगस्त तक गर्भपात की इजाजत दी है.

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By ETV Bharat Hindi Team

Published : Aug 26, 2023, 9:57 AM IST

अहमदाबाद: 22 साल की एक पीड़िता ने गुजरात हाई कोर्ट में याचिका दायर कर 20 हफ्ते से ज्यादा के भ्रूण के गर्भपात की इजाजत मांगी थी. गुजरात उच्च न्यायालय ने शुक्रवार को 22 वर्षीय पीड़िता को 28 अगस्त तक गर्भपात कराने की अनुमति दे दी. मेडिकल रिपोर्ट में विशेष सुविधाओं के साथ गर्भपात की इजाजत देने का जिक्र किया गया है.

इस मामले की सुनवाई में हाई कोर्ट ने अस्पताल के चिकित्सा अधीक्षक को विशेषज्ञ डॉक्टरों के पैनल से पीड़ित लड़की की तत्काल मेडिकल जांच कराने का आदेश दिया था. हाई कोर्ट ने यह भी साफ किया था कि पीड़िता की मेडिकल जांच पूरी होते ही 25 अगस्त को रिपोर्ट कोर्ट के समक्ष पेश की जाये.

याचिकाकर्ता-पीड़ित की ओर से रिट याचिका में कहा गया कि याचिकाकर्ता ने सुरेंद्रनगर में उसकी छोटी बहन के साथ उसके पड़ोस में रहने वाले आरोपी युवक ने उसे और उसके परिवार को जान से मारने की धमकी देकर बलात्कार किया. पूरी घटना ने याचिकाकर्ता के दिमाग और शरीर पर बहुत गंभीर और प्रतिकूल प्रभाव डाला है. इसलिए वह बच्चे को रखना नहीं चाहती.

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यहां यह महत्वपूर्ण है कि कुछ दिन पहले गुजरात हाई कोर्ट के फैसले को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने गुजरात हाई कोर्ट को आड़े हाथों लिया था और फिर इस मामले में सुप्रीम कोर्ट की टिप्पणी को ध्यान में रखते हुए गुजरात हाई कोर्ट ने गर्भपात की इजाजत दे दी थी. इस मामले में सुप्रीम कोर्ट ने गुजरात हाई कोर्ट को कहा था कि ऐसे मामलों में एक-एक दिन का समय महत्वपूर्ण होता है. कोर्ट को इसका ध्यान रखना चाहिए.

अहमदाबाद: 22 साल की एक पीड़िता ने गुजरात हाई कोर्ट में याचिका दायर कर 20 हफ्ते से ज्यादा के भ्रूण के गर्भपात की इजाजत मांगी थी. गुजरात उच्च न्यायालय ने शुक्रवार को 22 वर्षीय पीड़िता को 28 अगस्त तक गर्भपात कराने की अनुमति दे दी. मेडिकल रिपोर्ट में विशेष सुविधाओं के साथ गर्भपात की इजाजत देने का जिक्र किया गया है.

इस मामले की सुनवाई में हाई कोर्ट ने अस्पताल के चिकित्सा अधीक्षक को विशेषज्ञ डॉक्टरों के पैनल से पीड़ित लड़की की तत्काल मेडिकल जांच कराने का आदेश दिया था. हाई कोर्ट ने यह भी साफ किया था कि पीड़िता की मेडिकल जांच पूरी होते ही 25 अगस्त को रिपोर्ट कोर्ट के समक्ष पेश की जाये.

याचिकाकर्ता-पीड़ित की ओर से रिट याचिका में कहा गया कि याचिकाकर्ता ने सुरेंद्रनगर में उसकी छोटी बहन के साथ उसके पड़ोस में रहने वाले आरोपी युवक ने उसे और उसके परिवार को जान से मारने की धमकी देकर बलात्कार किया. पूरी घटना ने याचिकाकर्ता के दिमाग और शरीर पर बहुत गंभीर और प्रतिकूल प्रभाव डाला है. इसलिए वह बच्चे को रखना नहीं चाहती.

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यहां यह महत्वपूर्ण है कि कुछ दिन पहले गुजरात हाई कोर्ट के फैसले को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने गुजरात हाई कोर्ट को आड़े हाथों लिया था और फिर इस मामले में सुप्रीम कोर्ट की टिप्पणी को ध्यान में रखते हुए गुजरात हाई कोर्ट ने गर्भपात की इजाजत दे दी थी. इस मामले में सुप्रीम कोर्ट ने गुजरात हाई कोर्ट को कहा था कि ऐसे मामलों में एक-एक दिन का समय महत्वपूर्ण होता है. कोर्ट को इसका ध्यान रखना चाहिए.

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