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'मोदी उपनाम' टिप्पणी मामले में अदालत का राहुल गांधी को नोटिस - Rahul Gandhi Modi surname remarks case

भाजपा नेता पूर्णेश मोदी ने 2019 में कर्नाटक के कोलार में एक चुनावी रैली को संबोधित करते हुए राहुल गांधी द्वारा 'मोदी उपनाम' पर की गई टिप्पणी को लेकर उनके खिलाफ आपराधिक मानहानि का मामला दायर किया था. शिकायतकर्ता ने कहा है कि कांग्रेस सांसद की कथित टिप्पणी (सभी चोरों का सामान्य उपनाम मोदी कैसे है?) ने पूरे मोदी समाज को बदनाम किया है.

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राहुल गांधी को नोटिस
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Published : Mar 16, 2022, 8:52 PM IST

अहमदाबाद : गुजरात उच्च न्यायालय ने राज्य के भाजपा मंत्री पूर्णेश मोदी की एक याचिका पर राहुल गांधी को नोटिस जारी किया है. पूर्णेश मोदी ने इस याचिका में सूरत की एक अदालत के उस आदेश को चुनौती दी है, जिसमें कांग्रेस नेता के खिलाफ 2019 के 'मोदी उपनाम' वाले उनके बयान पर आपराधिक मानहानि मामले संबंधी उनकी अर्जी खारिज कर दी गई थी.

शिकायतकर्ता ने सूरत की अदालत के 23 फरवरी के आदेश को हाल ही में उच्च न्यायालय चुनौती दी थी. सूरत की अदालत ने मंत्री की उस अर्जी को खारिज कर दिया था जिसमें उन्होंने आरोपी (गांधी) को उनके भाषण से संबंधित 'सीडी और / या पेन ड्राइव और / या ऐसे अन्य इलेक्ट्रॉनिक रिकॉर्ड की सामग्री को व्यक्तिगत रूप से समझाने' का निर्देश देने का अनुरोध किया था.

न्यायमूर्ति वी एम पंचोली ने पिछले सप्ताह पारित एक आदेश में प्रतिवादियों गांधी और गुजरात सरकार को नोटिस जारी किये, जिसका जवाब 28 मार्च को देना है. उच्च न्यायालय ने साथ ही शिकायतकर्ता के अनुरोध के अनुसार, सूरत अदालत के समक्ष लंबित निजी आपराधिक मानहानि मामले में कार्यवाही पर भी अंतरिम रोक लगा दी.

भाजपा मंत्री (तत्कालीन एक विधायक) ने 2019 में कर्नाटक के कोलार में एक लोकसभा चुनाव रैली को संबोधित करते हुए गांधी द्वारा 'मोदी उपनाम' पर की गई टिप्पणी को लेकर गांधी के खिलाफ आपराधिक मानहानि का मामला दायर किया था. शिकायतकर्ता ने कहा कि कांग्रेस सांसद की कथित टिप्पणी, 'सभी चोरों का सामान्य उपनाम मोदी कैसे है?', ने पूरे मोदी समाज को बदनाम किया.

गांधी ने पिछले साल सूरत की अदालत में पेशी के दौरान दोष स्वीकार नहीं किया था. अदालत ने भाजपा नेता द्वारा अप्रैल 2019 में भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 499 और 500 (मानहानि से निपटने) के तहत दायर मामले में कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष का बयान भी दर्ज किया था. सुनवाई के दौरान, शिकायतकर्ता ने जिला निर्वाचन अधिकारी और कोलार के कलेक्टर से प्राप्त तीन सीडी की प्रमाणित प्रतियां जमा कीं, जिसमें "मोदी" उपनाम के बारे में उनकी टिप्पणी थी.

यह भी पढ़ें- कांग्रेस को एकजुट करने के लिए राहुल गांधी का पार्टी अध्यक्ष बनना जरूरी : गहलोत

शिकायतकर्ता पूर्णेश मोदी चाहते थे कि सूरत की अदालत गांधी की उपस्थिति में सीडी चलाए ताकि वह सीआरपीसी की धारा 313 के प्रावधानों के अनुसार उनकी सामग्री को व्यक्तिगत रूप से समझा सकें और भविष्य में किसी भी तकनीकी आपत्ति से बचा जा सके. अदालत ने यह अनुरोध खारिज कर दिया था. मजिस्ट्रेट की अदालत ने आदेश को उच्च न्यायालय में चुनौती देने के लिए समय प्रदान करने के मंत्री के अनुरोध को भी अस्वीकार कर दिया था.

पूर्णेश मोदी को पिछले साल नए मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल के मंत्रिमंडल में शामिल किया गया था. कोलार में रैली के दौरान, गांधी ने कथित तौर पर कहा था, 'नीरव मोदी, ललित मोदी, नरेंद्र मोदी ...ऐसा कैसे कि इन सभी के नाम में मोदी लगा हुआ है?'

(पीटीआई-भाषा)

अहमदाबाद : गुजरात उच्च न्यायालय ने राज्य के भाजपा मंत्री पूर्णेश मोदी की एक याचिका पर राहुल गांधी को नोटिस जारी किया है. पूर्णेश मोदी ने इस याचिका में सूरत की एक अदालत के उस आदेश को चुनौती दी है, जिसमें कांग्रेस नेता के खिलाफ 2019 के 'मोदी उपनाम' वाले उनके बयान पर आपराधिक मानहानि मामले संबंधी उनकी अर्जी खारिज कर दी गई थी.

शिकायतकर्ता ने सूरत की अदालत के 23 फरवरी के आदेश को हाल ही में उच्च न्यायालय चुनौती दी थी. सूरत की अदालत ने मंत्री की उस अर्जी को खारिज कर दिया था जिसमें उन्होंने आरोपी (गांधी) को उनके भाषण से संबंधित 'सीडी और / या पेन ड्राइव और / या ऐसे अन्य इलेक्ट्रॉनिक रिकॉर्ड की सामग्री को व्यक्तिगत रूप से समझाने' का निर्देश देने का अनुरोध किया था.

न्यायमूर्ति वी एम पंचोली ने पिछले सप्ताह पारित एक आदेश में प्रतिवादियों गांधी और गुजरात सरकार को नोटिस जारी किये, जिसका जवाब 28 मार्च को देना है. उच्च न्यायालय ने साथ ही शिकायतकर्ता के अनुरोध के अनुसार, सूरत अदालत के समक्ष लंबित निजी आपराधिक मानहानि मामले में कार्यवाही पर भी अंतरिम रोक लगा दी.

भाजपा मंत्री (तत्कालीन एक विधायक) ने 2019 में कर्नाटक के कोलार में एक लोकसभा चुनाव रैली को संबोधित करते हुए गांधी द्वारा 'मोदी उपनाम' पर की गई टिप्पणी को लेकर गांधी के खिलाफ आपराधिक मानहानि का मामला दायर किया था. शिकायतकर्ता ने कहा कि कांग्रेस सांसद की कथित टिप्पणी, 'सभी चोरों का सामान्य उपनाम मोदी कैसे है?', ने पूरे मोदी समाज को बदनाम किया.

गांधी ने पिछले साल सूरत की अदालत में पेशी के दौरान दोष स्वीकार नहीं किया था. अदालत ने भाजपा नेता द्वारा अप्रैल 2019 में भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 499 और 500 (मानहानि से निपटने) के तहत दायर मामले में कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष का बयान भी दर्ज किया था. सुनवाई के दौरान, शिकायतकर्ता ने जिला निर्वाचन अधिकारी और कोलार के कलेक्टर से प्राप्त तीन सीडी की प्रमाणित प्रतियां जमा कीं, जिसमें "मोदी" उपनाम के बारे में उनकी टिप्पणी थी.

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शिकायतकर्ता पूर्णेश मोदी चाहते थे कि सूरत की अदालत गांधी की उपस्थिति में सीडी चलाए ताकि वह सीआरपीसी की धारा 313 के प्रावधानों के अनुसार उनकी सामग्री को व्यक्तिगत रूप से समझा सकें और भविष्य में किसी भी तकनीकी आपत्ति से बचा जा सके. अदालत ने यह अनुरोध खारिज कर दिया था. मजिस्ट्रेट की अदालत ने आदेश को उच्च न्यायालय में चुनौती देने के लिए समय प्रदान करने के मंत्री के अनुरोध को भी अस्वीकार कर दिया था.

पूर्णेश मोदी को पिछले साल नए मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल के मंत्रिमंडल में शामिल किया गया था. कोलार में रैली के दौरान, गांधी ने कथित तौर पर कहा था, 'नीरव मोदी, ललित मोदी, नरेंद्र मोदी ...ऐसा कैसे कि इन सभी के नाम में मोदी लगा हुआ है?'

(पीटीआई-भाषा)

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