सूरत : गुजरात के सूरत की एक मजिस्ट्रेट अदालत ने कांग्रेस नेता राहुल गांधी को आज 29 अक्टूबर को पेश होने का निर्देश दिया है. उन्हें 'मोदी' उपनाम पर कथित टिप्पणी को लेकर उनके खिलाफ दर्ज आपराधिक मानहानि के एक मामले में बयान दर्ज कराने का निर्देश है.
जानकारी के मुताबिक, मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट ए एन दवे ने राहुल गांधी को अपना बयान दर्ज कराने के लिए 29 अक्टूबर को पेश होने का निर्देश दिया. कांग्रेस नेता आखिरी बार 24 जून को अदालत में पेश हुए थे. उसके बाद से दो नए गवाहों के बयान दर्ज किए गए हैं. इससे पहले गांधी अक्टूबर 2019 में अदालत में पेश हुए थे और उन्होंने अपनी टिप्पणी के लिए दोष स्वीकार नहीं किया था.
राहुल गांधी के वकील किरीट पानवाला ने बताया कि अदालत ने राहुल गांधी को दो नए गवाहों के बयानों पर अपना बयान दर्ज कराने के लिए 29 अक्टूबर को पेश होने का मौखिक तौर पर निर्देश दिया. वह उस दिन अदालत में दोपहर तीन बजे से शाम छह बजे के बीच पेश हो सकते हैं.
सूरत से भारतीय जनता पार्टी (BJP) के विधायक पुर्णेश मोदी ने भारतीय दंड संहिता की धाराओं 499 और 500 के तहत अप्रैल 2019 में गांधी के खिलाफ एक शिकायत दर्ज करायी थी. शिकायत में विधायक ने आरोप लगाया कि गांधी ने 2019 में एक चुनावी रैली को संबोधित करते हुए यह कहकर पूरे मोदी समुदाय का अपमान किया कि कैसे सभी चोरों का 'मोदी' उपनाम होता है?
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गौरतलब है कि पुर्णेश मोदी मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल के नेतृत्व वाली सरकार में अब एक मंत्री हैं. उनके पास सड़क एवं भवन, परिवहन, नागरिक उड्डयन और पर्यटन तथा तीर्थ विकास विभाग का प्रभार है.
राहुल गांधी के अदालत में आखिरी बार पेश होने के बाद कर्नाटक के कोलार में तत्कालीन निर्वाचन अधिकारी और भाषण रिकॉर्ड करने वाले निर्वाचन आयोग के वीडियो रिकॉर्डर ने बयान दर्ज कराए हैं. कांग्रेस नेता ने कोलार में ही भाषण दिया था.
बता दें कि कोलार में 13 अप्रैल 2019 को लोकसभा चुनावों के मद्देनजर एक रैली में दिए गए भाषण में कांग्रेस नेता ने कहा था कि नीरव मोदी, ललित मोदी, नरेंद्र मोदी...कैसे इन सभी का 'मोदी' उपनाम है. कैसे सभी चोरों का 'मोदी' उपनाम है?
(पीटीआई-भाषा)