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गुजरात : 40 फीट गहरे कुएं में फेंकी गई नवजात बच्ची की बची जान - गुजरात 40 फीट गहरे कुएं में फेंकी गई नवजात बच्ची की बची जान

गुजरात के दाहोद जिले गरबाड़ा गांव में एक नवजात बच्ची को 40 फीट गहरे कुएं में फेंक दिया गया था लेकिन बच्ची के रोने की आवाज से पता चलने पर उसे सुरक्षित बाहर निकाल लिया गया. बच्ची का अस्पताल में इलाज में चल रहा है.

Newborn girl thrown in well survived
कुएं में फेंकी गई नवजात बच्ची की बची जान
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Published : Aug 5, 2022, 3:33 PM IST

दाहोद (गुजरात) : दाहोद जिले के गरबाड़ा गांव में दो दिन की बच्ची एक कुएं में मिली है. आशंका जताई जा रही है कि किसी महिला ने अपना अपराध छिपाने के लिए बच्ची को कुएं में फेंक दिया होगा. फिलहाल बच्ची को जाइडस अस्पताल में भर्ती कराया गया है, जहां उसका उपचार चल रहा है.

घटना के बारे में बताया जाता है कि किसान जोखला हाथीला अपने जानवरों को चारा दे रहे थे. तभी उनके घर के पास बने 40 फीट गहरे सूखे कुएं से उन्हें किसी बच्ची के रोने की आवाज सुनाई दी. उन्होंने कुएं के पास जाकर देखा तो आवाज अंदर से आ रही थी. उन्होंने झांककर देखा तो अंदर कोई बच्चा पड़ा था. वह चौंक गए. जोखला ने गांव के लोगों को आवाज लगाकर बुलाया. साथ ही गांव के सरपंच और पुलिस को जानकारी दी गई. सूचना पर पहुंचे बचावकर्मियों ने रस्सी के सहारे कुएं में नीचे उतरकर बच्ची को कुएं से जिंदा बाहर निकाल लिया.

हालांकि बच्ची के पैर और शरीर में चारों ओर लाल चीटिंया घूमती नजर आईं थीं, जिसे बचावकर्मियों ने बच्ची के शरीर से इन चीटिंयों को हटा दिया था. इसके बाद टोकरी के सहारे कुएं से बाहर निकाला गया. बच्ची को इलाज के लिए जाइडस अस्पताल में भर्ती कराया गया है. बच्ची के पैर में चीटियों के काटने के कई निशान मिले हैं. वहीं जोखला की शिकायत पर पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है.

वहीं बाल कल्याण समिति दाहोद की बैठक के दौरान मामले की जानकारी दिए जाने के बाद अध्यक्ष नरेंद्र सोनी, बाल संरक्षण अधिकारी शांतिलाल के. तावियाड, कानूनी सह परिवीक्षा अधिकारी ए.जी. कुरैशी, सुरक्षा अधिकारी रेखाबेन डी. वणकर और समिति के दो सदस्य लालाभाई सुवर और लालाभाई मकवाना ने अस्पताल के एनआईसीयू का दौरा किया जहां पर बच्ची भर्ती है.

ये भी पढ़ें - गुजरात के साबरकांठा में मां-बाप ने नवजात को जमीन में गाड़ा, फिर भी जिंदा बच गई बेटी

दाहोद (गुजरात) : दाहोद जिले के गरबाड़ा गांव में दो दिन की बच्ची एक कुएं में मिली है. आशंका जताई जा रही है कि किसी महिला ने अपना अपराध छिपाने के लिए बच्ची को कुएं में फेंक दिया होगा. फिलहाल बच्ची को जाइडस अस्पताल में भर्ती कराया गया है, जहां उसका उपचार चल रहा है.

घटना के बारे में बताया जाता है कि किसान जोखला हाथीला अपने जानवरों को चारा दे रहे थे. तभी उनके घर के पास बने 40 फीट गहरे सूखे कुएं से उन्हें किसी बच्ची के रोने की आवाज सुनाई दी. उन्होंने कुएं के पास जाकर देखा तो आवाज अंदर से आ रही थी. उन्होंने झांककर देखा तो अंदर कोई बच्चा पड़ा था. वह चौंक गए. जोखला ने गांव के लोगों को आवाज लगाकर बुलाया. साथ ही गांव के सरपंच और पुलिस को जानकारी दी गई. सूचना पर पहुंचे बचावकर्मियों ने रस्सी के सहारे कुएं में नीचे उतरकर बच्ची को कुएं से जिंदा बाहर निकाल लिया.

हालांकि बच्ची के पैर और शरीर में चारों ओर लाल चीटिंया घूमती नजर आईं थीं, जिसे बचावकर्मियों ने बच्ची के शरीर से इन चीटिंयों को हटा दिया था. इसके बाद टोकरी के सहारे कुएं से बाहर निकाला गया. बच्ची को इलाज के लिए जाइडस अस्पताल में भर्ती कराया गया है. बच्ची के पैर में चीटियों के काटने के कई निशान मिले हैं. वहीं जोखला की शिकायत पर पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है.

वहीं बाल कल्याण समिति दाहोद की बैठक के दौरान मामले की जानकारी दिए जाने के बाद अध्यक्ष नरेंद्र सोनी, बाल संरक्षण अधिकारी शांतिलाल के. तावियाड, कानूनी सह परिवीक्षा अधिकारी ए.जी. कुरैशी, सुरक्षा अधिकारी रेखाबेन डी. वणकर और समिति के दो सदस्य लालाभाई सुवर और लालाभाई मकवाना ने अस्पताल के एनआईसीयू का दौरा किया जहां पर बच्ची भर्ती है.

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