नाडियाड (गुजरात) : गुजरात के खेड़ा जिले में 'मेथनॉल' युक्त आयुर्वेदिक सिरप के कथित सेवन के कारण पांच लोगों की मौत के कुछ दिन बाद दो किराना दुकानदारों समेत कम से कम तीन लोगों को गिरफ्तार किया गया है. सिरप की बोतलों की आपूर्ति करने वाले दो अन्य आरोपियों को अभी गिरफ्तार नहीं किया गया है.
प्रारंभिक जांच के अनुसार, दुकान में कम से कम 50 लोगों को सिरप की बोतलें बेची गई थीं. खेड़ा जिले के पुलिस अधीक्षक राजेश गढ़िया ने कहा कि मामले की जांच के लिए नाडियाड के पुलिस उपाधीक्षक के नेतृत्व में पांच सदस्यीय विशेष जांच दल (एसआईटी) का गठन किया गया.
गढ़िया ने पत्रकारों से कहा, 'हमने पीड़ितों को संदिग्ध सिरप बेचने वाले किराना दुकान के मालिक किशोर सोढ़ा और उसके भाई ईश्वर सोढ़ा को गिरफ्तार किया. जब दोनों से पूछताछ की गई, तो उन्होंने योगेश सिंधी नामक व्यक्ति के बारे में बताया, जिसने उन्हें सिरप की आपूर्ति की थी. तीनों को कल (शुक्रवार) गिरफ्तार कर लिया गया.'
पुलिस ने बताया कि सिंधी ने नितिन कोटवानी और भावेश शेवकानी के नाम का खुलासा किया, जिनसे उसने दिवाली से पहले सिरप की बोतलें खरीदी थीं. पुलिस ने कहा कि वडोदरा शहर के रहने वाले कोटवानी और शेवकानी दोनों इस मामले में वांछित हैं.
गढ़िया ने कहा कि चूंकि लोगों को गुमराह करने के लिए सिरप की बोतलों पर निर्माताओं और विपणनकर्ता के 'डुप्लिकेट लेबल' लगे थे, इसलिए पुलिस ने प्राथमिकी में भारतीय दंड संहिता की जालसाजी से संबंधित एक धारा जोड़ दी है.
उल्लेखनीय है कि 28 और 29 नवंबर को बिलोदरा और बागडू गांवों में पांच लोगों की मौत के बाद शुक्रवार शाम को नाडियाड ग्रामीण थाने में गैर इरादतन हत्या, जहर देने और जालसाजी के आरोप में प्राथमिकी दर्ज की गई थी.
संदेह है कि इन लोगों ने नाडियाड के पास बिलोदरा गांव के सोढ़ा बंधुओं की किराने की दुकान से खरीदे गए सिरप 'कालमेघासव - असावरिष्ट' का सेवन किया था. दुकान पर कुल 50 लोगों को यह सिरप बेचा गया था.