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Kharge on Karnataka visit : खड़गे के बहाने शक्ति प्रदर्शन की तैयारी में कांग्रेस - rahul bharat jodo yatra karnataka

कांग्रेस अध्यक्ष बनने के बाद पहली बार मलिल्कार्जुन खड़गे कर्नाटक पहुंचेंगे. उनके स्वागत की तैयारियां की जा रहीं हैं. पार्टी भले ही कई गुटों में बंटी हुई दिख रही हो, लेकिन इस मौके पर कांग्रेस एकजुट होकर शक्ति प्रदर्शन करना चाह रही है. वरिष्ठ नेताओं का कहना है कि पार्टी इसमें पूरी तरह से सफल भी होगी और उनके अनुसार पार्टी अपनी इस गति को विधानसभा चुनाव तक बनाए रखना चाहती है. पेश है वरिष्ठ पत्रकार अमित अग्निहोत्री की एक रिपोर्ट. Grand welcome awaits Kharge in Karnataka

kharge, dk shiv kumar
मलिल्कार्जुन खड़गे, डीके शिवकुमार
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Published : Nov 4, 2022, 6:30 PM IST

नई दिल्ली : कांग्रेस अध्यक्ष बनने के बाद मलिल्कार्जुन खड़गे पहली बार अपने गृह प्रदेश कर्नाटक जाएंगे. वह छह नवंबर को पहुंचेंगे. इस मौके पर उनके स्वागत की जोरदार तैयारियां की जा रहीं हैं. पार्टी एकजुट होकर भाजपा के खिलाफ अपनी शक्ति का प्रदर्शन करना चाहती है, ताकि अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव के लिए एक व्यापक संदेश दिया जा सके. Grand welcome awaits Kharge in Karnataka.

पार्टी के वरिष्ठ नेता प्रकाश राठौड़ ने कहा, 'खड़गे राज्य में पार्टी कार्यकर्ताओं के लिए पिता तुल्य हैं. पार्टी के शीर्ष पद पर उनके उत्थान ने देश भर में एक सकारात्मक संदेश दिया है. उन्हें केवल एक दलित नेता के रूप में ही नहीं देखा जाता है, बल्कि एक ऐसे व्यक्ति के रूप में देखा जाता है जो समाज के सभी वर्गों से ताल्लुक रखता है. वह समान रूप से लिंगायतों और ओबीसी और अन्य समुदायों के करीब हैं.'

उन्होंने आगे कहा, 'खड़गे की 6 नवंबर की यात्रा ने राज्य में पार्टी कार्यकर्ताओं को उत्साहित किया है. नतीजतन, राज्य भर के सभी समूहों और गुटों के कार्यकर्ता और नेता शक्ति प्रदर्शन के लिए बेंगलुरु में जुटने जा रहे हैं. उनके स्वागत के लिए एक बड़ी जनसभा होगी.'

खड़गे का दौरा राहुल गांधी के नेतृत्व वाली भारत जोड़ी यात्रा के बाद कर्नाटक में पार्टी का अगला बड़ा कार्यक्रम है. यात्रा को भाजपा शासित इस राज्य में पार्टी प्रबंधकों की अपेक्षाओं से परे भारी सफलता मिली. पार्टी अब चाहती है कि वह इस गति को अप्रैल 2023 तक बनाए रखे. अप्रैल में ही विधानसभा चुनाव होने की संभावना है.

पिछले विधानसभा चुनाव में कांग्रेस और जेडीएस ने मिलकर सरकार बनाई थी, लेकिन सीएम की कुर्सी उसे जेडीएस को सौंपनी पड़ी थी. वह सरकार भी 2019 में अपना विश्वास मत खो बैठी. उसके बाद भाजपा ने बीएस येदियुरप्पा को सीएम बनाया.

उस समय से कांग्रेस के भीतर डीके शिवकुमार और के सिद्धारमैया, दो कैंप बन गए हैं. दोनों नेताओं के समर्थक दावा कर रहे हैं कि जीतने की स्थिति में राज्य का नेतृत्व उन्हें ही मिलना चाहिए.

हालांकि, राहुल की भारत जोड़ो यात्रा के समय शिव कुमार और सिद्धारमैया दोनों अपने मतभेदों को दूर करने में सफल रहे. पार्टी रणनीतिकारों को उम्मीद है कि दोनों दिग्गजों के बीच की दोस्ती अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले जारी रहेगी.

उनका मानना है कि दोनों के बीच कोई मतभेद नहीं हैं, इसमें से अधिकांश खबरें मीडिया द्वारा बनाई गईं हैं. उनके अनुसार दोनों नेता एक साथ काम कर रहे हैं और अपने-अपने तरीके से कार्यकर्ताओं को निर्वाचन क्षेत्रों में प्रोत्साहित कर रहे हैं, फिर भी कुछ मतभेद हैं, तो उसे सुलझा लिया जाएगा.

पार्टी के अंदरूनी सूत्रों के अनुसार, खड़गे, जिनका 50 वर्षों में एक प्रतिष्ठित राजनीतिक करियर है, कांग्रेस अध्यक्ष बनना निश्चित रूप से 2023 के विधानसभा चुनावों में विपक्षी दल के लिए चुनावी लाभ लाएगा. राठौड़ ने कहा, 'उनकी प्रोफाइल से पता चलता है कि एक साधारण कार्यकर्ता पार्टी के शीर्ष पद तक पहुंच सकता है. वह कर्नाटक से ताल्लुक रखते हैं, यह एक अतिरिक्त बात होगी.' राठौड़ ने कहा, नए अध्यक्ष का चुनाव पार्टी को हमारे आंतरिक लोकतंत्र को हाइलाईट करने में सक्षम बनाएगा, जिसका हमारे प्रतिद्वंद्वियों की अभाव है.

खड़गे की यात्रा भी महत्वपूर्ण होने जा रही है क्योंकि यह आगामी विधानसभा चुनावों के लिए प्रमुख पार्टी पैनल की स्थापना को चिह्नित करेगा. राठौड़ ने कहा, 'हमने पहले ही टिकट के इच्छुक उम्मीदवारों से आवेदन मांगे हैं जिन्हें राज्य स्तर पर स्कैन किया जाएगा. ब्लॉक स्तर की टीमें संभावित उम्मीदवारों पर अपनी सिफारिशें भेजना शुरू कर देंगी जिन्हें पीसीसी स्तर के आकलन में शामिल किया जाएगा. आने वाले दिनों में स्क्रीनिंग और चुनाव संबंधी कमेटियों का गठन किया जाएगा. सारी तैयारी हो चुकी है.' एआईसीसी के एक वरिष्ठ पदाधिकारी ने कहा, हम बड़ी संख्या में सीटों पर उम्मीदवारों के नामों की जल्द घोषणा करना चाहते हैं, ताकि हमें इसका अधिक से अधिक फायदा मिल सके.

उन्होंने कहा, 'इससे मतदाताओं को यह भी पता चलेगा कि हम चुनाव के लिए तैयार हैं और अपने संभावित उम्मीदवारों को मैदान तैयार करने के लिए समय देंगे.' पार्टी के अंदरूनी सूत्रों ने कहा कि इसके अलावा, विधायकों के प्रदर्शन और अगले विधानसभा चुनावों में कांग्रेस की संभावनाओं पर दो सर्वेक्षण किए गए हैं. प्रतिक्रिया सकारात्मक रही है और जिन मामलों में विधायकों की ओर से कुछ कमियां थीं, उन्हें अपने-अपने निर्वाचन क्षेत्रों में सत्ता विरोधी लहर को मात देने के लिए सुधार लाने के लिए कहा गया है.

पार्टी के एक वरिष्ठ नेता ने कहा, 'लोग भ्रष्टाचार, घोटालों और सत्ताधारी दल में चल रहे कलह से तंग आ चुके हैं. जब भी हमने एकजुट प्रदर्शन किया है, लोगों ने कांग्रेस का समर्थन किया है.'

अंदरूनी सूत्रों के अनुसार, खड़गे का स्वागत बेंगलुरु हवाई अड्डे पर शुरू होगा और रास्ते में कई जगहों पर उन्हें माला पहनाई जाएगी. बाद में एक बड़ी रैली में वह शामिल होंगे, जहां पर राज्य के सभी शीर्ष नेता मौजूद रहेंगे. उन्होंने कहा कि खड़गे का संबोधन स्पष्ट रूप से बहुत कुछ कहता है कि 2023 के चुनावों में सबसे पुरानी पार्टी खुद को कैसे पेश करना चाहती है.

ये भी पढ़ें : Gujarat Assembly Election 2022 : कांग्रेस की दो टूक, 'वफादारी नहीं, तो टिकट भी नहीं'

नई दिल्ली : कांग्रेस अध्यक्ष बनने के बाद मलिल्कार्जुन खड़गे पहली बार अपने गृह प्रदेश कर्नाटक जाएंगे. वह छह नवंबर को पहुंचेंगे. इस मौके पर उनके स्वागत की जोरदार तैयारियां की जा रहीं हैं. पार्टी एकजुट होकर भाजपा के खिलाफ अपनी शक्ति का प्रदर्शन करना चाहती है, ताकि अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव के लिए एक व्यापक संदेश दिया जा सके. Grand welcome awaits Kharge in Karnataka.

पार्टी के वरिष्ठ नेता प्रकाश राठौड़ ने कहा, 'खड़गे राज्य में पार्टी कार्यकर्ताओं के लिए पिता तुल्य हैं. पार्टी के शीर्ष पद पर उनके उत्थान ने देश भर में एक सकारात्मक संदेश दिया है. उन्हें केवल एक दलित नेता के रूप में ही नहीं देखा जाता है, बल्कि एक ऐसे व्यक्ति के रूप में देखा जाता है जो समाज के सभी वर्गों से ताल्लुक रखता है. वह समान रूप से लिंगायतों और ओबीसी और अन्य समुदायों के करीब हैं.'

उन्होंने आगे कहा, 'खड़गे की 6 नवंबर की यात्रा ने राज्य में पार्टी कार्यकर्ताओं को उत्साहित किया है. नतीजतन, राज्य भर के सभी समूहों और गुटों के कार्यकर्ता और नेता शक्ति प्रदर्शन के लिए बेंगलुरु में जुटने जा रहे हैं. उनके स्वागत के लिए एक बड़ी जनसभा होगी.'

खड़गे का दौरा राहुल गांधी के नेतृत्व वाली भारत जोड़ी यात्रा के बाद कर्नाटक में पार्टी का अगला बड़ा कार्यक्रम है. यात्रा को भाजपा शासित इस राज्य में पार्टी प्रबंधकों की अपेक्षाओं से परे भारी सफलता मिली. पार्टी अब चाहती है कि वह इस गति को अप्रैल 2023 तक बनाए रखे. अप्रैल में ही विधानसभा चुनाव होने की संभावना है.

पिछले विधानसभा चुनाव में कांग्रेस और जेडीएस ने मिलकर सरकार बनाई थी, लेकिन सीएम की कुर्सी उसे जेडीएस को सौंपनी पड़ी थी. वह सरकार भी 2019 में अपना विश्वास मत खो बैठी. उसके बाद भाजपा ने बीएस येदियुरप्पा को सीएम बनाया.

उस समय से कांग्रेस के भीतर डीके शिवकुमार और के सिद्धारमैया, दो कैंप बन गए हैं. दोनों नेताओं के समर्थक दावा कर रहे हैं कि जीतने की स्थिति में राज्य का नेतृत्व उन्हें ही मिलना चाहिए.

हालांकि, राहुल की भारत जोड़ो यात्रा के समय शिव कुमार और सिद्धारमैया दोनों अपने मतभेदों को दूर करने में सफल रहे. पार्टी रणनीतिकारों को उम्मीद है कि दोनों दिग्गजों के बीच की दोस्ती अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले जारी रहेगी.

उनका मानना है कि दोनों के बीच कोई मतभेद नहीं हैं, इसमें से अधिकांश खबरें मीडिया द्वारा बनाई गईं हैं. उनके अनुसार दोनों नेता एक साथ काम कर रहे हैं और अपने-अपने तरीके से कार्यकर्ताओं को निर्वाचन क्षेत्रों में प्रोत्साहित कर रहे हैं, फिर भी कुछ मतभेद हैं, तो उसे सुलझा लिया जाएगा.

पार्टी के अंदरूनी सूत्रों के अनुसार, खड़गे, जिनका 50 वर्षों में एक प्रतिष्ठित राजनीतिक करियर है, कांग्रेस अध्यक्ष बनना निश्चित रूप से 2023 के विधानसभा चुनावों में विपक्षी दल के लिए चुनावी लाभ लाएगा. राठौड़ ने कहा, 'उनकी प्रोफाइल से पता चलता है कि एक साधारण कार्यकर्ता पार्टी के शीर्ष पद तक पहुंच सकता है. वह कर्नाटक से ताल्लुक रखते हैं, यह एक अतिरिक्त बात होगी.' राठौड़ ने कहा, नए अध्यक्ष का चुनाव पार्टी को हमारे आंतरिक लोकतंत्र को हाइलाईट करने में सक्षम बनाएगा, जिसका हमारे प्रतिद्वंद्वियों की अभाव है.

खड़गे की यात्रा भी महत्वपूर्ण होने जा रही है क्योंकि यह आगामी विधानसभा चुनावों के लिए प्रमुख पार्टी पैनल की स्थापना को चिह्नित करेगा. राठौड़ ने कहा, 'हमने पहले ही टिकट के इच्छुक उम्मीदवारों से आवेदन मांगे हैं जिन्हें राज्य स्तर पर स्कैन किया जाएगा. ब्लॉक स्तर की टीमें संभावित उम्मीदवारों पर अपनी सिफारिशें भेजना शुरू कर देंगी जिन्हें पीसीसी स्तर के आकलन में शामिल किया जाएगा. आने वाले दिनों में स्क्रीनिंग और चुनाव संबंधी कमेटियों का गठन किया जाएगा. सारी तैयारी हो चुकी है.' एआईसीसी के एक वरिष्ठ पदाधिकारी ने कहा, हम बड़ी संख्या में सीटों पर उम्मीदवारों के नामों की जल्द घोषणा करना चाहते हैं, ताकि हमें इसका अधिक से अधिक फायदा मिल सके.

उन्होंने कहा, 'इससे मतदाताओं को यह भी पता चलेगा कि हम चुनाव के लिए तैयार हैं और अपने संभावित उम्मीदवारों को मैदान तैयार करने के लिए समय देंगे.' पार्टी के अंदरूनी सूत्रों ने कहा कि इसके अलावा, विधायकों के प्रदर्शन और अगले विधानसभा चुनावों में कांग्रेस की संभावनाओं पर दो सर्वेक्षण किए गए हैं. प्रतिक्रिया सकारात्मक रही है और जिन मामलों में विधायकों की ओर से कुछ कमियां थीं, उन्हें अपने-अपने निर्वाचन क्षेत्रों में सत्ता विरोधी लहर को मात देने के लिए सुधार लाने के लिए कहा गया है.

पार्टी के एक वरिष्ठ नेता ने कहा, 'लोग भ्रष्टाचार, घोटालों और सत्ताधारी दल में चल रहे कलह से तंग आ चुके हैं. जब भी हमने एकजुट प्रदर्शन किया है, लोगों ने कांग्रेस का समर्थन किया है.'

अंदरूनी सूत्रों के अनुसार, खड़गे का स्वागत बेंगलुरु हवाई अड्डे पर शुरू होगा और रास्ते में कई जगहों पर उन्हें माला पहनाई जाएगी. बाद में एक बड़ी रैली में वह शामिल होंगे, जहां पर राज्य के सभी शीर्ष नेता मौजूद रहेंगे. उन्होंने कहा कि खड़गे का संबोधन स्पष्ट रूप से बहुत कुछ कहता है कि 2023 के चुनावों में सबसे पुरानी पार्टी खुद को कैसे पेश करना चाहती है.

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