शोपियां : पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) की अध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती (PDP President Mehbooba Mufti) ने दक्षिण कश्मीर के शोपियां में फल कारोबारियों के समर्थन में केंद्र सरकार पर निशाना साधा. उन्होंने कहा कि कश्मीरियों की रीढ़ तोड़ने के लिए फल उद्योग को खतरे में डाला जा रहा है. उन्होंने केंद्र पर 'आर्थिक आतंकवाद' भड़काने का आरोप (govt inflicting economic terrorism) लगाते हुए स्थिति की तुलना फिलिस्तीनियों से की जो इसराइल के हाथों आर्थिक नाकेबंदी का सामना कर रहे हैं.
दक्षिण कश्मीर के शोपियां जिले में बागवानों से बातचीत के दौरान महबूबा ने श्रीनगर-जम्मू राष्ट्रीय राजमार्ग पर फलों से लदे ट्रनों के मार्ग को सुचारू बनाने में अधिकारियों की विफलता पर नाराजगी जतायी. उन्होंने कहा, "यह एक तरह का आर्थिक आतंकवाद है. भारत सरकार चाहती है कि कश्मीरियों की आर्थिक दशा तबाह कर दिया जाए." वहीं, फल कारोबार से जुड़े व्यवसायियों का आरोप है कि उनकी ट्रकों को जानबूझकर रोका जा रहा है, जबकि कश्मीरी फलों की कीमतों को न्यूनतम स्तर तक कम कर दिया गया है.
महबूबा ने कहा कि बागवानी कश्मीर की अर्थव्यवस्था की रीढ़ है और हजारों लोग प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से इससे जुड़े हुए हैं. उन्होंने कहा, "यह कैसे संभव है कि जम्मू से कश्मीर आने वाला ट्रक एक ही दिन में अपने गंतव्य तक पहुंच जाए और वही ट्रक वापसी यात्रा में चार से पांच दिन का समय लेता है? यह एक साजिश है. ट्रकों को जानबूझकर रोका जा रहा है. इसलिए इस मुद्दे को उपराज्यपाल मनोज सिन्हा के समक्ष उठाया गया है."
उन्होंने कहा, "मैंने उपराज्यपाल से इस मुद्दे पर गौर करने का अनुरोध किया है. साथ ही ट्रकों की बेरोक-टाेक आवाजाही को सुनिश्चित करने की मांग की है. अगर वह इस मुद्दे पर गौर नहीं करते हैं, तो स्थिति उनके लिए आगे जटिल हो सकती है."