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ई-संजीवनी एप पर ग्रामीण क्षेत्रों में मुफ्त चिकित्सा परामर्श प्रदान करेगी सरकार - सीएससी एसपीवी और स्वास्थ्य मंत्रालय

सरकार देश के ग्रामीण और दूरदराज के इलाकों में नागरिकों को ई-संजीवनी एप के जरिए ऑनलाइन चिकित्सा परामर्श मुहैया कराएगी. सी-डैक द्वारा विकसित वेब-आधारित एप्लिकेशन, ई-संजीवनी, प्रत्येक राज्य में पैनल में शामिल डॉक्टरों द्वारा स्थानीय भाषा में मुफ्त वीडियो-आधारित टेली परामर्श प्रदान करता है.

मुफ्त चिकित्सा परामर्श
मुफ्त चिकित्सा परामर्श
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Published : Jun 23, 2021, 7:32 AM IST

नई दिल्ली : ई-गवर्नेंस सेवा प्रदाता सीएससी एसपीवी और स्वास्थ्य मंत्रालय ने देश के ग्रामीण और दूरदराज के इलाकों में नागरिकों को ई-संजीवनी एप के जरिए ऑनलाइन चिकित्सा परामर्श मुहैया कराने के लिए हाथ मिलाया है.

सीएससी एसपीवी ने एक बयान में कहा कि यह सेवा धीरे-धीरे 3.74 लाख से अधिक सामान्य सेवा केंद्रों में शुरू की जाएगी, जिनका प्रबंधन और संचालन ग्रामीण स्तर के उद्यमियों (वीएलई) द्वारा किया जाता है.

सेंटर फॉर डेवलपमेंट ऑफ एडवांस्ड कंप्यूटिंग (सी-डैक) द्वारा विकसित वेब-आधारित एप्लिकेशन, ई-संजीवनी, प्रत्येक राज्य में पैनल में शामिल डॉक्टरों द्वारा स्थानीय भाषा में मुफ्त वीडियो-आधारित टेलीपरामर्श प्रदान करता है.

वीएलई को सीएससी में आने वाले रोगी को पंजीकृत करना होगा और ओपीडी एप पर विवरण भरना होगा. इसके बाद वीएलई को एक 16-अंकीय रोगी आईडी और एक टोकन प्राप्त होगा. एसएमएस प्राप्त होने के बाद, वीएलई एक रोगी आईडी के साथ लॉग इन करेगा. जब कॉल नाउ बटन सक्रिय होता है, तो वीएलई वीडियो कॉल शुरू कर सकता है और नागरिक को परामर्श प्राप्त करने में मदद कर सकता है. परामर्श के बाद, वीएलई डॉक्टर द्वारा भेजे गए ई-प्रिस्क्रिप्शन को डाउनलोड कर सकता है.

पढ़ें- Idbi बैंक रणनीतिक बिक्री: सरकार ने मर्चेंट बैंकर, विधि फर्मो से बोलियां आमंत्रित की

स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय के संयुक्त सचिव लव अग्रवाल ने कहा कि सरकार ग्रामीण और दूरदराज के क्षेत्रों में नागरिकों के लिए प्राथमिक स्वास्थ्य सेवा तक पहुंच प्रदान करने के लिए कोविड-19 महामारी की पहली लहर के दौरान टेलीमेडिसिन दिशानिर्देश लेकर आई.

नई दिल्ली : ई-गवर्नेंस सेवा प्रदाता सीएससी एसपीवी और स्वास्थ्य मंत्रालय ने देश के ग्रामीण और दूरदराज के इलाकों में नागरिकों को ई-संजीवनी एप के जरिए ऑनलाइन चिकित्सा परामर्श मुहैया कराने के लिए हाथ मिलाया है.

सीएससी एसपीवी ने एक बयान में कहा कि यह सेवा धीरे-धीरे 3.74 लाख से अधिक सामान्य सेवा केंद्रों में शुरू की जाएगी, जिनका प्रबंधन और संचालन ग्रामीण स्तर के उद्यमियों (वीएलई) द्वारा किया जाता है.

सेंटर फॉर डेवलपमेंट ऑफ एडवांस्ड कंप्यूटिंग (सी-डैक) द्वारा विकसित वेब-आधारित एप्लिकेशन, ई-संजीवनी, प्रत्येक राज्य में पैनल में शामिल डॉक्टरों द्वारा स्थानीय भाषा में मुफ्त वीडियो-आधारित टेलीपरामर्श प्रदान करता है.

वीएलई को सीएससी में आने वाले रोगी को पंजीकृत करना होगा और ओपीडी एप पर विवरण भरना होगा. इसके बाद वीएलई को एक 16-अंकीय रोगी आईडी और एक टोकन प्राप्त होगा. एसएमएस प्राप्त होने के बाद, वीएलई एक रोगी आईडी के साथ लॉग इन करेगा. जब कॉल नाउ बटन सक्रिय होता है, तो वीएलई वीडियो कॉल शुरू कर सकता है और नागरिक को परामर्श प्राप्त करने में मदद कर सकता है. परामर्श के बाद, वीएलई डॉक्टर द्वारा भेजे गए ई-प्रिस्क्रिप्शन को डाउनलोड कर सकता है.

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स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय के संयुक्त सचिव लव अग्रवाल ने कहा कि सरकार ग्रामीण और दूरदराज के क्षेत्रों में नागरिकों के लिए प्राथमिक स्वास्थ्य सेवा तक पहुंच प्रदान करने के लिए कोविड-19 महामारी की पहली लहर के दौरान टेलीमेडिसिन दिशानिर्देश लेकर आई.

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