ETV Bharat / bharat

लाभार्थियों को कम कीमत पर अनाज मिलना सुनिश्चित करना सरकार के हित में है: अदालत - राजीव रत्न आवास योजना

दिल्ली उच्च न्यायालय ने कहा है कि नागरिकों को कम कीमत पर आसानी से अनाज उपलब्ध कराना राज्य सरकार के हित में है. वहीं सरकार की ओर से कहा गया कि एक एफपीएस से एक हजार राशन कार्ड धारकों को फायदा होता है और अनाज की बिक्री में मात्र दो रुपये प्रति किलोग्राम के लाभ के लिए 320 लाभार्थियों के इलाके में दुकान खोना उचित नहीं है.

दिल्ली उच्च न्यायालय
दिल्ली उच्च न्यायालय
author img

By

Published : Oct 20, 2021, 3:36 PM IST

नई दिल्ली : दिल्ली उच्च न्यायालय ने कहा है कि नागरिकों को कम कीमत पर आसानी से अनाज उपलब्ध कराना राज्य सरकार के हित में है. इसके अलावा अदालत ने दिल्ली सरकार से उन इलाकों में उचित मूल्य की दुकानें खोलने की संभावना पर विचार करने के लिए कहा है जहां से नजदीकी राशन की दुकान ढाई किलोमीटर दूर है.

बापरोला फेज-दो स्थित राजीव रत्न आवास योजना के निवासियों की याचिका पर सुनवाई करते हुए न्यायमूर्ति नजमी वजीरी ने कहा कि उक्त आवासीय इलाके में या उसके पास उचित मूल्य की दुकानें (एफपीएस) खोलना ठीक होगा ताकि गरीबों को इसका लाभ मिल सके.

दिल्ली सरकार ने अदालत में कहा कि चूंकि क्षेत्र में केवल 320 राशन कार्ड धारक हैं इसलिए वहां एफपीएस खोलने पर लाइसेंस धारक दुकानदार को उतना लाभ नहीं होगा. सरकार की ओर से कहा गया कि एक एफपीएस से एक हजार राशन कार्ड धारकों को फायदा होता है और अनाज की बिक्री में मात्र दो रुपये प्रति किलोग्राम के लाभ के लिए 320 लाभार्थियों के इलाके में दुकान खोना उचित नहीं है.

अदालत ने कहा कि एफपीएस दुकानों के आवंटन के लिए दिल्ली सरकार की ओर से जारी दिशा निर्देशों के अनुसार, कुछ विशेष परिस्थितियों और क्षेत्रों में जहां समाज का गरीब तबका रहता है, लाभार्थियों की संख्या कम होने पर भी एफपीएस खोला जा सकता है.

अदालत ने 20 अक्टूबर को दिए आदेश में कहा, 'विशेष तथ्यों और परिस्थितियों के आलोक में, यह उचित होगा कि दिल्ली सरकार उक्त स्थान पर एफपीएस खोले या उसके बिलकुल नजदीक यह व्यवस्था की जाए ताकि गरीब से गरीब व्यक्ति को भी सरकारी लाभ मिल सके. यह राज्य सरकार के हित में है कि नागरिकों को कम कीमत पर अनाज लेने के लिए परेशानी उठाकर लंबी दूरी तय नहीं करनी पड़े.'

पढ़ें - बंद और हड़ताल मामले में सुप्रीम कोर्ट के निर्णय के उल्लंघन का गंभीरता से संज्ञान लिया जाएगा: अदालत

इसके साथ ही अदालत ने 30 नवंबर तक अनुपालन हलफनामा दायर करने को कहा. आवासीय क्षेत्र के लोगों का आरोप था कि उनकी कॉलोनी के पास एफपीएस खोलने का आश्वासन दिया गया था लेकिन दो साल में उसे पूरा नहीं किया गया. अदालत ने मामले की अगली सुनवाई के लिए आठ दिसंबर की तारीख तय की है.

(पीटीआई-भाषा)

नई दिल्ली : दिल्ली उच्च न्यायालय ने कहा है कि नागरिकों को कम कीमत पर आसानी से अनाज उपलब्ध कराना राज्य सरकार के हित में है. इसके अलावा अदालत ने दिल्ली सरकार से उन इलाकों में उचित मूल्य की दुकानें खोलने की संभावना पर विचार करने के लिए कहा है जहां से नजदीकी राशन की दुकान ढाई किलोमीटर दूर है.

बापरोला फेज-दो स्थित राजीव रत्न आवास योजना के निवासियों की याचिका पर सुनवाई करते हुए न्यायमूर्ति नजमी वजीरी ने कहा कि उक्त आवासीय इलाके में या उसके पास उचित मूल्य की दुकानें (एफपीएस) खोलना ठीक होगा ताकि गरीबों को इसका लाभ मिल सके.

दिल्ली सरकार ने अदालत में कहा कि चूंकि क्षेत्र में केवल 320 राशन कार्ड धारक हैं इसलिए वहां एफपीएस खोलने पर लाइसेंस धारक दुकानदार को उतना लाभ नहीं होगा. सरकार की ओर से कहा गया कि एक एफपीएस से एक हजार राशन कार्ड धारकों को फायदा होता है और अनाज की बिक्री में मात्र दो रुपये प्रति किलोग्राम के लाभ के लिए 320 लाभार्थियों के इलाके में दुकान खोना उचित नहीं है.

अदालत ने कहा कि एफपीएस दुकानों के आवंटन के लिए दिल्ली सरकार की ओर से जारी दिशा निर्देशों के अनुसार, कुछ विशेष परिस्थितियों और क्षेत्रों में जहां समाज का गरीब तबका रहता है, लाभार्थियों की संख्या कम होने पर भी एफपीएस खोला जा सकता है.

अदालत ने 20 अक्टूबर को दिए आदेश में कहा, 'विशेष तथ्यों और परिस्थितियों के आलोक में, यह उचित होगा कि दिल्ली सरकार उक्त स्थान पर एफपीएस खोले या उसके बिलकुल नजदीक यह व्यवस्था की जाए ताकि गरीब से गरीब व्यक्ति को भी सरकारी लाभ मिल सके. यह राज्य सरकार के हित में है कि नागरिकों को कम कीमत पर अनाज लेने के लिए परेशानी उठाकर लंबी दूरी तय नहीं करनी पड़े.'

पढ़ें - बंद और हड़ताल मामले में सुप्रीम कोर्ट के निर्णय के उल्लंघन का गंभीरता से संज्ञान लिया जाएगा: अदालत

इसके साथ ही अदालत ने 30 नवंबर तक अनुपालन हलफनामा दायर करने को कहा. आवासीय क्षेत्र के लोगों का आरोप था कि उनकी कॉलोनी के पास एफपीएस खोलने का आश्वासन दिया गया था लेकिन दो साल में उसे पूरा नहीं किया गया. अदालत ने मामले की अगली सुनवाई के लिए आठ दिसंबर की तारीख तय की है.

(पीटीआई-भाषा)

ETV Bharat Logo

Copyright © 2025 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.