गोरखपुर : अयोध्या की रहने वाली महिला पुलिसकर्मी लिंग परिवर्तन कराकर लड़का बनना चाहती है. महिला सिपाही इन दिनों गोरखपुर के एलआइयू शाखा में तैनात है. उसे लड़कियों की तरह रहना, उनकी तरह कपड़े पहनना, उनकी तरह का आचरण व्यवहार करना बिल्कुल पसंद नहीं है. महिला होने के बावजूद वह खुद को एक महिला के रूप में स्वीकार नहीं पाई. उसे पुरुषों की तरह रहना, उनके खेल खेलना काफी पसंद है. महिला सिपाही ने डीजीपी को पत्र लिखकर सेक्स चेंज कराने की अनुमति मांगी है. महिला सिपाही दिल्ली के चिकित्सकों से परामर्श भी ले चुकी है.
अयोध्या की रहने वाली है महिला सिपाही : महिला सिपाही वर्ष 2019 में यूपी पुलिस की सेवा में आई. वह मूलरूप से अयोध्या की रहने वाली है. महिला सिपाही की ओर से डीजीपी को लिखे गए पत्र के अनुसार महिला पुलिसकर्मी को पुरुषों का शॉन- शौकत, पहनावा और व्यक्तित्व आकर्षक लगता है. वह खुद पुरुषों की भांति रहना पसंद करती है. ऑफिस में महिला पैंट-शर्ट पहनकर जाती है. बुलेट चलाती है. व्वॉय कट बाल रखती है. वह क्रिकेट खेलना पसंद करती है.
लिंग परिवर्तन के लिए तैयार, नहीं बदलेगा इरादा : महिला सिपाही के मुताबिक विद्यार्थी जीवन से ही उसे अपने शरीर में हार्मोनल बदलाव महसूस होता चला आ रहा है. वह मानसिक रूप से भी ऐसा ही महसूस करती है. पुलिस सेवा में आने के बाद उसका लिंग परिवर्तन के प्रति आकर्षण ज्यादा हो गया. लिहाजा दिल्ली पहुंचकर उसने चिकित्सीय परामर्श ली. खुद को इसके अनुकूल पाने के बाद विभाग से अनुमति लेने की पहल की. इसके बाद उसने डीजीपी को पत्र लिखा. वह पूरी मनोदशा के साथ सेक्स चेंज करने के लिए तैयार है. वह अपना इरादा नहीं बदलने वाली.
डीजीपी कार्यालय ने गोरखपुर पुलिस को लिखा पत्र : डीजीपी कार्यालय ने महिला पुलिसकर्मी के आवेदन के बाद गोरखपुर पुलिस को एक पत्र लिखा है. निर्देश दिया है कि, उक्त महिला सिपाही की काउंसलिंग की जाए. उसकी मनोदशा को समझने का प्रयास किया जाए कि, आखिर वह ऐसा फैसला क्यों लेना चाहती है. इस मामले में पुलिस विभाग से जुड़े किसी भी अधिकारी ने फिलहाल सीधे तौर पर ईटीवी भारत को कुछ भी नहीं बताया है. हालांकि जो माहौल इस महिला सिपाही के आवेदन से बन गया है, उसकी चर्चा जोरों पर है.
हाईकोर्ट का भी सहारा ले सकती है महिला सिपाही : महिला सिपाही के अनुसार डीजीपी ऑफिस से उसे बुलाया भी गया था. वहां उसने अपना जेंडर डिस्फोरिया बताया. फिलहाल लखनऊ मुख्यालय ने अभी कोई फैसला नहीं दिया है. अगर सकारात्मक निर्णय नहीं आता है तो जेंडर चेंज करने के लिए हाईकोर्ट में भी गुहार लगाऊंगी. महिला सिपाही ने बताया कि लड़की होते हुए भी खुद को वह कभी लड़की के रूप में स्वीकार नहीं पाई. लड़कियों के खेल में शामिल होने की बजाय वह क्रिकेट खेलती थी. उसे उम्मीद है कि उसके पक्ष में फैसला आएगा. हाईकोर्ट ने लिंग परिवर्तन करने को संवैधानिक अधिकार दिया है. एक अन्य मामले में डीजीपी को महिला कांस्टेबल के ऐसे ही आवेदन को निस्तारित करने का निर्देश भी दे रखा है.
कई अन्य जिलों से भी आए आवेदन : महिला सिपाही के अलावा डीजीपी को कुछ अन्य जिलों से भी ऐसे ही आवेदन मिले हैं. महिला पुलिसकर्मी ने बताया कि बचपन से ही उसे स्कर्ट-शर्ट पहनने में खुद को असहज महसूस होता रहा है. उसे लड़कों वाले अंदाज में रहना काफी पसंद है. उसे बचपन से ही लड़का बनने की इच्छा थी. अब वह अपने पैरों पर खड़ी हो चुकी हैं. लिहाजा अब वह लिंग परिवर्तन कराना चाहती है.
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