कोलकाता: थलसेना की पूर्वी कमान के जनरल कमांडिंग-इन-चीफ लेफ्टिनेंट जनरल राणा प्रताप कलिता ने शुक्रवार को कहा कि सेना जब किसी भी ऑपरेशन को अंजाम देती है तो उस समय किसी भी सबूत के बारे में नहीं सोचती है. हालांकि, उन्होंने कहा कि यह एक राजनीतिक प्रश्न है, इसलिए मैं इस पर टिप्पणी करना पसंद नहीं करता.उन्होंने कहा कि मुझे लगता है कि देश भारतीय सशस्त्र बलों पर भरोसा करता है.
लेफ्टिनेंट जनरल राणा प्रताप कलिता शुक्रवार को कोलकाता में प्रेस क्लब में प्रेस से मिलिए कार्यक्रम में बोल रहे थे. इस दौरान उन्होंने कहा कि हाल के वर्षों में पूर्वोत्तर में सुरक्षा की स्थिति में काफी हद तक सुधार हुआ है. वहीं, पूर्वोत्तर राज्यों के कुछ क्षेत्रों से आफ्सपा हटाए जाने से सेना के अभियानों पर कोई असर नहीं पड़ा है.
उन्होंने कहा कि पूर्वी क्षेत्र में सेना यह सुनिश्चित करने के लिए गांवों को मॉडल के रूप में विकसित करने पर काम कर रही है कि आजीविका की तलाश में कोई पलायन न हो. कलिता ने कहा, 'हाल के वर्षों में पूरे पूर्वोत्तर में आंतरिक स्थिति में काफी सुधार हुआ है. सशस्त्र बल (विशेष शक्तियां) अधिनियम (आफ्सपा) असम, नगालैंड और मणिपुर के कुछ जिलों से वापस ले लिया गया है.
इसे हटाना मनमानी नहीं था, हितधारकों के साथ काफी विचार-विमर्श के बाद इसे वापस लिया गया था.' उन्होंने कहा, 'विशेष शक्तियों को हटाने से सेना के अभियान में किसी भी तरह से बाधा नहीं आ रही है.' सिलीगुड़ी कॉरिडोर की सुरक्षा के लिए किए जा रहे उपायों पर आरपी कलिता ने कहा कि सिलीगुड़ी कॉरिडोर हमारे लिए भू-रणनीतिक रूप से अत्यंत महत्वपूर्ण है.
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पूर्वोत्तर में कनेक्टिविटी में कोई व्यवधान नहीं है यह सुनिश्चित करने के लिए हमारे सभी तंत्र मौजूद हैं. भारत-चीन सीमा विवाद पर उन्होंने कहा कि भारत लगातार सीमा पार होने वाली गतिविधियों पर नजर रख रहा है और हम किसी भी तरह की उभरती चुनौतियों से निपटने के लिए तैयार हैं.