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स्कूल की छत से गिरकर छात्रा की मौत, पुलिस ने प्रबंधक और नाबालिग छात्र को पकड़ा

अयोध्या के एक नामी स्कूल की छत से गिरकर छात्रा की मौत हो गई थी. इस मामले में स्कूल के स्टाफ ने पुलिस को गुमराह किया था. पुलिस की जांच में पूरी सच्चाई सामने आ गई.

छात्रा की मौत मामले में पुलिस ने दो को पकड़ा है.
छात्रा की मौत मामले में पुलिस ने दो को पकड़ा है.
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Published : Jun 5, 2023, 4:19 PM IST

Updated : Jun 5, 2023, 9:58 PM IST

छात्रा की मौत मामले में पुलिस ने दो को पकड़ा है.

अयोध्या : शहर के सनबीम स्कूल की छत से गिरकर 10वीं की छात्रा की मौत हो गई थी. स्कूल के स्टाफ ने पुलिस को झूले से गिरकर हादसा होने की बात बताई थी. बाद में पुलिस की जांच से सच से पर्दा उठ गया. सप्ताह भर की जांच के बाद पुलिस ने स्कूल के प्रबंधक के अलावा स्कूल के ही एक नाबालिग छात्र को पकड़ लिया. छात्र पर छात्रा को आत्महत्या के लिए उकसाने का आरोप है.

बता दें कि 26 मई को 10वीं की एक छात्रा सनबीम स्कूल में गई थी. इस दौरान छत से गिरकर उसकी मौत हो गई थी. घटना के बाद स्कूल के स्टाफ ने झूले से गिरकर मौत होने की बात बताई थी. मामले में पुलिस ने परिजनों की शिकायत के आधार पर स्कूल के प्रबंधक, प्रधानाचार्य और स्कूल के गेम टीचर के खिलाफ गैंगरेप, हत्या और साक्ष्य छुपाने समेत कई धाराओं में मुकदमा दर्ज किया था. बाद में विवेचना और फॉरेंसिक रिपोर्ट को आधार बनाने के बाद पुलिस की कहानी ही बदल गई. फिलहाल पुलिस ने स्कूल के प्रबंधक बृजेश यादव को साक्ष्य मिटाने और स्कूल के ही एक नाबालिग छात्र को पकड़ लिया है.

पुलिस की ओर से मामले में जारी प्रेस नोट के अनुसार स्कूल की प्रधानाचार्य रश्मि भाटिया निवासी पलिया शाहबदी, थाना कैण्ट अयोध्या, मैनेजर बृजेश यादव निवासी देवकाली थाना कोतवाली और गेम टीचर अभिषेक कनौजिया पर दर्ज मुकदमे की जांच में पाया गया कि छात्रा स्कूल के एक छात्र से बातचीत करती थी. बाद में किसी कारणवश दोनों की बात बंद हो गई. इससे कुछ ऐसी स्थितियां उत्पन्न हो गई कि छात्रा ने आत्महत्या कर ली. मैनेजर ने साक्ष्य मिटाया व सच छुपाया. इससे मामले में धारा 376डी, 302, 120बी भादवि व 3/4 पाक्सो एक्ट की धारा हटा दी गई. मामले में धारा 336, 305, 201 भादवि की धारा लगाई गई . बृजेश यादव को लालकुर्ती मैदान के पास से गिरफ्तार किया गया. वहीं किशोर को कोतवाली कैण्ट पुलिस टीम द्वारा रविवार को सहादतगंज तिराहा बाईपास के पास से हिरासत में लिया गया.

इन सवालों के अधूरे रह गए जवाब : बड़ा सवाल यह है घटना के बाद आखिरकार स्कूल की प्रिंसिपल और स्टाफ कई घंटों तक पुलिस और परिजनों को धोखा क्यों देते रहे,आखिर क्यों छात्रा के झूले से गिरकर चोट लगने की बात बताई जाती रही, सवाल यह भी है कि स्कूल के सीसीटीवी फुटेज के साथ छेड़छाड़ क्यों की गई. आखिर जिस समय छात्रा स्कूल के प्रिंसिपल के कमरे से बाहर निकली और जब घटना हुई, इस बीच 7 मिनट का फुटेज आखिरकार कहां चला गया, एक सवाल यह भी है कि छात्रा के साथ कोई शारीरिक शोषण नहीं हुआ तो आखिरकार 3 डॉक्टरों के पैनल द्वारा पोस्टमार्टम कराए जाने के बाद भी स्थितियां स्पष्ट क्यों नहीं हो पाईं.

अधिवक्ता का दावा, मेरे मुवक्किल ने नहीं मिटाए साक्ष्य : घटना में मुख्य आरोपी बनाए गए स्कूल के प्रबंधक बृजेश यादव के अधिवक्ता विनय पांडे का कहना है कि उनके मुवक्किल के ऊपर साक्ष्य मिटाने का अपराध साबित होता ही नहीं है. घटना के समय उनके मुवक्किल स्कूल परिसर में भी नहीं थे, वह न्यायालय में इस मामले को लेकर अपील करेंगे. वहीं पुलिस घटना में पुलिस का वर्कआउट भी सवालों के घेरे में है. इतने बड़े मामले को लेकर रविवार की रात पुलिस ने सिर्फ एक प्रेस नोट जारी कर अपना पीछा छुड़ा लिया. आला अधिकारी भी इस पूरे मामले पर चुप्पी साधे बैठे हैं. छात्रा के परिजन भी कुछ बोलने को तैयार नहीं हैं.

तस्वीर और निजी जानकारी वायरल करने पर कार्रवाई : मामले में छात्रा की तस्वीर और उसका असली नाम व पता सोशल मीडिया पर वायरल हो गया था. बाल कल्याण समिति की शिकायत के बाद शहर के कैंट थाने में उपनिरीक्षक राम खिलाड़ी की तहरीर पर अज्ञात के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया है. पुलिस अब उन लोगों की तलाश कर रही है जिन्होंने घटना के बाद सबसे पहले छात्रा की तस्वीर और उसकी निजी जानकारी सार्वजनिक की थी.

यह भी पढ़ें : महंत राजूदास बोले, हैवान साहिल को फांसी न देकर दोनों हाथ काट देने चाहिए

छात्रा की मौत मामले में पुलिस ने दो को पकड़ा है.

अयोध्या : शहर के सनबीम स्कूल की छत से गिरकर 10वीं की छात्रा की मौत हो गई थी. स्कूल के स्टाफ ने पुलिस को झूले से गिरकर हादसा होने की बात बताई थी. बाद में पुलिस की जांच से सच से पर्दा उठ गया. सप्ताह भर की जांच के बाद पुलिस ने स्कूल के प्रबंधक के अलावा स्कूल के ही एक नाबालिग छात्र को पकड़ लिया. छात्र पर छात्रा को आत्महत्या के लिए उकसाने का आरोप है.

बता दें कि 26 मई को 10वीं की एक छात्रा सनबीम स्कूल में गई थी. इस दौरान छत से गिरकर उसकी मौत हो गई थी. घटना के बाद स्कूल के स्टाफ ने झूले से गिरकर मौत होने की बात बताई थी. मामले में पुलिस ने परिजनों की शिकायत के आधार पर स्कूल के प्रबंधक, प्रधानाचार्य और स्कूल के गेम टीचर के खिलाफ गैंगरेप, हत्या और साक्ष्य छुपाने समेत कई धाराओं में मुकदमा दर्ज किया था. बाद में विवेचना और फॉरेंसिक रिपोर्ट को आधार बनाने के बाद पुलिस की कहानी ही बदल गई. फिलहाल पुलिस ने स्कूल के प्रबंधक बृजेश यादव को साक्ष्य मिटाने और स्कूल के ही एक नाबालिग छात्र को पकड़ लिया है.

पुलिस की ओर से मामले में जारी प्रेस नोट के अनुसार स्कूल की प्रधानाचार्य रश्मि भाटिया निवासी पलिया शाहबदी, थाना कैण्ट अयोध्या, मैनेजर बृजेश यादव निवासी देवकाली थाना कोतवाली और गेम टीचर अभिषेक कनौजिया पर दर्ज मुकदमे की जांच में पाया गया कि छात्रा स्कूल के एक छात्र से बातचीत करती थी. बाद में किसी कारणवश दोनों की बात बंद हो गई. इससे कुछ ऐसी स्थितियां उत्पन्न हो गई कि छात्रा ने आत्महत्या कर ली. मैनेजर ने साक्ष्य मिटाया व सच छुपाया. इससे मामले में धारा 376डी, 302, 120बी भादवि व 3/4 पाक्सो एक्ट की धारा हटा दी गई. मामले में धारा 336, 305, 201 भादवि की धारा लगाई गई . बृजेश यादव को लालकुर्ती मैदान के पास से गिरफ्तार किया गया. वहीं किशोर को कोतवाली कैण्ट पुलिस टीम द्वारा रविवार को सहादतगंज तिराहा बाईपास के पास से हिरासत में लिया गया.

इन सवालों के अधूरे रह गए जवाब : बड़ा सवाल यह है घटना के बाद आखिरकार स्कूल की प्रिंसिपल और स्टाफ कई घंटों तक पुलिस और परिजनों को धोखा क्यों देते रहे,आखिर क्यों छात्रा के झूले से गिरकर चोट लगने की बात बताई जाती रही, सवाल यह भी है कि स्कूल के सीसीटीवी फुटेज के साथ छेड़छाड़ क्यों की गई. आखिर जिस समय छात्रा स्कूल के प्रिंसिपल के कमरे से बाहर निकली और जब घटना हुई, इस बीच 7 मिनट का फुटेज आखिरकार कहां चला गया, एक सवाल यह भी है कि छात्रा के साथ कोई शारीरिक शोषण नहीं हुआ तो आखिरकार 3 डॉक्टरों के पैनल द्वारा पोस्टमार्टम कराए जाने के बाद भी स्थितियां स्पष्ट क्यों नहीं हो पाईं.

अधिवक्ता का दावा, मेरे मुवक्किल ने नहीं मिटाए साक्ष्य : घटना में मुख्य आरोपी बनाए गए स्कूल के प्रबंधक बृजेश यादव के अधिवक्ता विनय पांडे का कहना है कि उनके मुवक्किल के ऊपर साक्ष्य मिटाने का अपराध साबित होता ही नहीं है. घटना के समय उनके मुवक्किल स्कूल परिसर में भी नहीं थे, वह न्यायालय में इस मामले को लेकर अपील करेंगे. वहीं पुलिस घटना में पुलिस का वर्कआउट भी सवालों के घेरे में है. इतने बड़े मामले को लेकर रविवार की रात पुलिस ने सिर्फ एक प्रेस नोट जारी कर अपना पीछा छुड़ा लिया. आला अधिकारी भी इस पूरे मामले पर चुप्पी साधे बैठे हैं. छात्रा के परिजन भी कुछ बोलने को तैयार नहीं हैं.

तस्वीर और निजी जानकारी वायरल करने पर कार्रवाई : मामले में छात्रा की तस्वीर और उसका असली नाम व पता सोशल मीडिया पर वायरल हो गया था. बाल कल्याण समिति की शिकायत के बाद शहर के कैंट थाने में उपनिरीक्षक राम खिलाड़ी की तहरीर पर अज्ञात के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया है. पुलिस अब उन लोगों की तलाश कर रही है जिन्होंने घटना के बाद सबसे पहले छात्रा की तस्वीर और उसकी निजी जानकारी सार्वजनिक की थी.

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Last Updated : Jun 5, 2023, 9:58 PM IST
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