शिमला : दो दिवसीय शिमला दौरे पर पहुंचे सेना प्रमुख जनरल मनोज मुकुंद नरवणे ने हिमाचल में चीन के साथ लगती सीमा पर हालात का जायजा लिया. जनरल नरवणे दोपहर को शिमला पहुंचे थे. यहां वे पश्चिमी कमान गए. कमान में अफसरों से मुलाकात के बाद उन्होंने चीन के साथ लगती सीमा का दौरा किया.
नरवणे ने शिमला में सेना के प्रशिक्षण कमान का भी दौरा किया. जानकारी के मुताबिक, भविष्य के युद्ध क्षेत्र के परिदृश्य को ध्यान में रखते हुए सैनिकों के प्रशिक्षण में प्रौद्योगिकी के समावेश जैसी नई कोशिशों के बारे में जनरल नरवणे को जानकारी दी गई.
बताया जा रहा है कि जनरल नरवणे ने वहां अग्रिम चौकियों पर सुरक्षा के इंतजाम देखे और अधिकारियों को आवश्यक निर्देश दिए.
उल्लेखनीय है कि चीन के साथ लगती सीमाओं पर अकसर तनाव रहता है. कुछ समय पहले हिमाचल के सीमाई इलाकों में चीन के हैलीकॉप्टर देखे गए थे. हालांकि आईटीबीपी और अन्य सुरक्षा बल सतर्क हैं, लेकिन सेना प्रमुख के दौरे से पता चलता है कि भारतीय सेना सीमाओं को लेकर कितनी चौकस है.
जयराम ठाकुर ने भी किया था सीमा का दौरा
कुछ समय पहले मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने भी किन्नौर में चीन के साथ लगती सीमा का दौरा किया है. केंद्र सरकार और रक्षा मंत्रालय को भी लगातार स्थिति का अपडेट दिया जाता है. सेना प्रमुख का आज का दौरा गोपनीय रखा गया है. कुछ समय पहले लाहौल के समदो में दो बार चीन के हैलीकॉप्टर घुस आए थे. सामरिक नजरिए से ये इलाके बहुत संवेदनशील हैं.
सीमा पर निर्माण कार्य कर रहा है चीन
पिछले साल ही पुलिस प्रशासन ने हिमाचल के जनजातीय जिलों किन्नौर व लाहौल-स्पीति में सीमावर्ती ग्रामीण क्षेत्रों का दौरा किया था. खुफिया सूत्रों के अनुसार चीन सीमा के साथ लगते इलाकों में निर्माण कार्य कर रहा है. ड्रैगन वहां सड़कें व अन्य आधारभूत ढांचा मजबूत कर रहा है. सैटेलाइट इमेजिज से भी इसकी पुष्टि होती है.
चीन में आंतरिक हालात खराब होने और हॉन्ग कॉन्ग में विरोध प्रदर्शन से शातिर पड़ोसी सीमा पर कोई दुस्साहस कर सकता है. इन्हीं परिस्थितियों का जायजा लेने के लिए सेना प्रमुख चीन के साथ लगती सीमा वाले इलाकों का दौरा करने पहुंचे हैं.
जनरल मनोज मुकुंद नरवणे दो दिन के शिमला दौरे पर हैं. दिलचस्प तथ्य है कि वे 2017 में शिमला स्थित पश्चिमी कमान जिसे आरट्रेक यानी आर्मी ट्रेनिंग कमांड भी कहते हैं नरवणे यहां मुखिया रह चुके हैं. पश्चिमी कमान भारतीय सेना की अहम कमान है और यहां युद्ध संबंधी रणनीतियों पर चर्चा होती है.