नई दिल्ली: मैक्सिको से गिरफ्तार गोगी गैंग का सरगना गैंगस्टर दीपक बॉक्सर हरियाणा के सोनीपत जिले के गन्नौर गांव का रहने वाला है. वह पहले बॉक्सिंग करता था. 57 किलोग्राम वर्ग में वह जूनियर नेशनल चैंपियन रहा चुका है. एक बार खेल के दौरान एक खिलाड़ी से उसका झगड़ा हो गया, इसके बाद उसे खेल से सस्पेंड कर दिया गया था. उसने खिलाड़ी की पिटाई की थी, इसलिए उसके खिलाफ एफआईआर हो गई थी. कुछ समय बाद उसने स्पोर्ट्स कोटे में सरकारी नौकरी के लिए आवेदन किया, लेकिन वेरिफिकेशन में उसके खिलाफ केस दर्ज होने के कारण नौकरी नहीं मिली.
इसके बाद दीपक अपराध के रास्ते पर चल पड़ा और गोगी गैंग के मुखिया जितेंद्र गोगी के गिरोह में शामिल हो गया. जल्दी उसने गोगी का दिल जीत लिया और एक बड़ा अपराधी बन गया. गोगी उगाही के एक मामले में गिरफ्तार हुआ था. 2016 में गोगी को जेल से भगाने में दीपक ने हम भूमिका निभाई थी. इस मामले में दीपक को गिरफ्तार किया गया था, लेकिन बाद में उसे जमानत मिल गई. तब उसकी उम्र 20 साल थी.
एक सहयोगी का हुआ एनकाउंटरः बाद में उसने गोगी गिरोह के सदस्य कुलदीप उर्फ फज्जा को पुलिस की आंख में मिर्च पाउडर झोंककर छुड़ा लिया था. कुलदीप को पुलिस ने 72 घंटे के अंदर ही एनकाउंटर में मार गिराया था. तब दीपक ने कहा था कि कुलदीप मुठभेड़ में इसलिए मारा गया क्योंकि बिल्डर अमित गुप्ता ने उसकी मुखबिरी की थी और पुलिस को उसकी लोकेशन बताई थी. इसका बदला लेने के लिए दीपक ने अमित की हत्या कर दी थी. 2021 में जितेंद्र मान उर्फ गोगी को रोहिणी कोर्ट में गोली मार दी गई. उसके बाद दीपक ही गोगी गिरोह का सरगना बन गया.
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करता था पहलवानों का इंतजामः बताया जाता है कि दीपक बॉक्सर कई ऐसे बॉक्सरों और पहलवानों के संपर्क में था, जो खेल के करियर में कुछ हासिल नहीं कर पाए. इसलिए उन्हें अपने हुनर का इस्तेमाल अपराध की दुनिया में करने और खूब पैसा कमाने के लिए उनका ब्रेनवाश करता था. उसने ऐसे कई बॉक्सर और पहलवान गोगी गैंग में शामिल कराए थे. इसके साथ ही वह जेल में बंद लॉरेंस बिश्नोई गिरोह के लिए भी बॉक्सर और पहलवानों का इंतजाम करता था. गोल्डी बराड़ के गिरोह में भी उसने ऐसे लड़के भर्ती कराए थे. बताया जाता है कि लॉरेंस बिश्नोई गिरोह ने फर्जी पासपोर्ट बनवाने और विदेश भागने में उसकी मदद की थी.