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जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल को इतिहास का ज्ञान नहीं है- नेशनल स्कूल के मैनेजिंग ट्रस्टी - नेशनल स्कूल के मैनेजिंग ट्रस्टी जीतू भट्ट

जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा के बयान महात्मा गांधी के पास कोई डिग्री नहीं है, का जवाब देते हुए गुजरात के नेशनल स्कूल के मैनेजिंग ट्रस्टी ने कहा है कि देश के इतने बड़े पर बैठे हैं, पर उन्हें इतिहास का ज्ञान ही नहीं है.

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Published : Mar 27, 2023, 8:41 PM IST

राजकोट: गांधीजी के डिग्री विवाद को राजकोट नेशनल स्कूल के मैनेजिंग ट्रस्टी ने चुनौती दी है. नेशनल स्कूल के मैनेजिंग ट्रस्टी ने जम्मू-कश्मीर के एलजी के बयान की निंदा की है. उन्होंने कहा कि इतने बड़े पद पर बैठना है किन्तु इतिहास तक पता नहीं है. हालांकि, यह बयान तुषार गांधी की सफाई के बाद सामने आया है.

राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की डिग्री को लेकर दिए गए विवादित बयान के बाद राजनीति गरमा गई है. राजकोट में नेशनल स्कूल के मैनेजिंग ट्रस्टी जीतू भट्ट ने ईटीवी से इस मामले में बात की, जिसमें उन्होंने जम्मू-कश्मीर के एलजी के बयान की निंदा की है और कहा है कि गांधी ने दक्षिण अफ्रीका की अदालतों में केस लड़े थे और बहुत अच्छे वकील थे. गौरतलब है कि गांधी जी ने 1921 में राजकोट में एक राष्ट्रीय विद्यालय की स्थापना की थी. यहां उन्होंने सत्याग्रह उपवास आंदोलन भी चलाया. राजकोट से गांधीजी की कई यादें जुड़ी हुई हैं.

पूरे घटनाक्रम के बारे में नेशनल स्कूल के मैनेजिंग ट्रस्टी ने कहा, महात्मा गांधी के पिता यहां राजकोट आए और यहीं बस गए. राजकोट के अल्फ्रेड हाई स्कूल में पढ़ते हुए गांधीजी ने मैट्रिक तक की पढ़ाई की और फिर डिग्री की पढ़ाई के लिए विदेश चले गए. फिर गांधी भारत वापस आए और 1921 में राजकोट में एक राष्ट्रीय विद्यालय की स्थापना की जबकि वर्ष 1931 में गांधी जी ने राष्ट्रीय विद्यालय में अनशन आंदोलन भी चलाया.

वहीं जम्मू-कश्मीर के एलजी मनोज सिन्हा के बयान पर जीतू भट्ट ने कहा कि यह हमारा दुर्भाग्य है कि देश की आजादी के लिए अपने पूर्वजों के बलिदान के बाद हम इस तरह के बयान दे रहे हैं. महात्मा गांधी, सरदार पटेल, नेहरू और भगत सिंह सहित कई लोगों ने भारत की आजादी के लिए कई बलिदान दिए और कारावास भुगते. सरदार पटेल बैरिस्टर थे, नेहरूजी भी बैरिस्टर थे और गांधीजी भी बैरिस्टर की डिग्री लेने इंग्लैंड गए थे. मुझे समझ नहीं आता कि देश में इतने बड़े पद पर बैठकर गांधीजी के बारे में अगर लोग ऐसी बातें करते हैं तो मुझे लगता है कि उन्हें इतिहास का ज्ञान नहीं है. आखिर क्यों लोग अपने पूर्वजों के बारे में ऐसी बातें करते हैं.

यह भी पढ़ें: Bilkis Bano Rape Case: गुजरात सरकार के कार्यक्रम में बीजेपी सांसद व विधायक के साथ नजर आया दोषी शैलेश चिमनलाल भट्ट

राजकोट: गांधीजी के डिग्री विवाद को राजकोट नेशनल स्कूल के मैनेजिंग ट्रस्टी ने चुनौती दी है. नेशनल स्कूल के मैनेजिंग ट्रस्टी ने जम्मू-कश्मीर के एलजी के बयान की निंदा की है. उन्होंने कहा कि इतने बड़े पद पर बैठना है किन्तु इतिहास तक पता नहीं है. हालांकि, यह बयान तुषार गांधी की सफाई के बाद सामने आया है.

राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की डिग्री को लेकर दिए गए विवादित बयान के बाद राजनीति गरमा गई है. राजकोट में नेशनल स्कूल के मैनेजिंग ट्रस्टी जीतू भट्ट ने ईटीवी से इस मामले में बात की, जिसमें उन्होंने जम्मू-कश्मीर के एलजी के बयान की निंदा की है और कहा है कि गांधी ने दक्षिण अफ्रीका की अदालतों में केस लड़े थे और बहुत अच्छे वकील थे. गौरतलब है कि गांधी जी ने 1921 में राजकोट में एक राष्ट्रीय विद्यालय की स्थापना की थी. यहां उन्होंने सत्याग्रह उपवास आंदोलन भी चलाया. राजकोट से गांधीजी की कई यादें जुड़ी हुई हैं.

पूरे घटनाक्रम के बारे में नेशनल स्कूल के मैनेजिंग ट्रस्टी ने कहा, महात्मा गांधी के पिता यहां राजकोट आए और यहीं बस गए. राजकोट के अल्फ्रेड हाई स्कूल में पढ़ते हुए गांधीजी ने मैट्रिक तक की पढ़ाई की और फिर डिग्री की पढ़ाई के लिए विदेश चले गए. फिर गांधी भारत वापस आए और 1921 में राजकोट में एक राष्ट्रीय विद्यालय की स्थापना की जबकि वर्ष 1931 में गांधी जी ने राष्ट्रीय विद्यालय में अनशन आंदोलन भी चलाया.

वहीं जम्मू-कश्मीर के एलजी मनोज सिन्हा के बयान पर जीतू भट्ट ने कहा कि यह हमारा दुर्भाग्य है कि देश की आजादी के लिए अपने पूर्वजों के बलिदान के बाद हम इस तरह के बयान दे रहे हैं. महात्मा गांधी, सरदार पटेल, नेहरू और भगत सिंह सहित कई लोगों ने भारत की आजादी के लिए कई बलिदान दिए और कारावास भुगते. सरदार पटेल बैरिस्टर थे, नेहरूजी भी बैरिस्टर थे और गांधीजी भी बैरिस्टर की डिग्री लेने इंग्लैंड गए थे. मुझे समझ नहीं आता कि देश में इतने बड़े पद पर बैठकर गांधीजी के बारे में अगर लोग ऐसी बातें करते हैं तो मुझे लगता है कि उन्हें इतिहास का ज्ञान नहीं है. आखिर क्यों लोग अपने पूर्वजों के बारे में ऐसी बातें करते हैं.

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