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Delhi University: BA के तीन साल के कोर्स से गांधी गायब, अब वीर सावरकर को पढ़ाया जाएगा - महात्मा गांधी

दिल्ली विश्वविद्यालय के BA के तीन साल के कोर्स में वीर सावरकर का पाठ पढ़ाया जाएगा. पहले महात्मा गांधी को पठाया जाता था, लेकिन अब गांधी जी को 4 साल के पाठ्यक्रम में शामिल किया गया है.

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Published : May 28, 2023, 5:08 PM IST

Updated : May 28, 2023, 7:15 PM IST

नई दिल्ली: दिल्ली विश्वविद्यालय के BA के तीन साल के कोर्स से गांधी का पाठ गायब कर दिया गया है. अब उनकी जगह वीर सावरकर का पाठ पढ़ाया जाएगा. अब वीर सावरकर का पाठ डीयू में पढ़ने वाले छात्रों को पढ़ाया जाएगा. इस बात की पुष्टि करते हुए डीयू के राजनीति विज्ञान के अध्यक्ष और प्रोफेसर संगीत कुमार रागी ने बताया कि एकेडमिक काउंसिल की बैठक में यह प्रस्ताव पास किया गया है.

डूटा के ज्वाइंट सेक्रेटरी और एकेडमिक काउंसिल के सदस्य आलोक पांडे ने बताया कि राजनीति विज्ञान ऑनर्स से बीए कर रहे छात्र जब पांचवें सेमेस्टर में जाएंगे, तब उन्हें वीर सावरकर के बारे में पढ़ने को मिलेगा. डीयू के अन्य शिक्षकों का कहना है कि पहले गांधी को पांचवें सेमेस्टर में पढ़ाया जाता था, लेकिन अब उनकी जगह पर वीर सावरकर का पाठ पढ़ाया जाएगा. वहीं गांधी को सातवें सेमेस्टर में पढ़ाया जाएगा.

डीयू में स्नातक पाठ्यक्रम: दिल्ली यूनिवर्सिटी छात्रों को स्नातक करने के लिए 3 साल और 4 साल का पाठ्यक्रम चुनने का मौका दे रही है. अगर छात्र 3 साल का स्नातक पाठ्यक्रम का चयन करते हैं तो वह गांधी के बारे में नहीं पढ़ पाएंगे. उन्हें वीर सावरकर के बारे में पढ़ने को मिलेगा. वहीं अगर छात्र चार साल का स्नातक पाठ्यक्रम चयन करते हैं, तो उन्हें गांधी को पढ़ने को मिलेगा.

कार्यकारी परिषद में लगेगी मुहर: आलोक पांडे ने बताया कि एकेडमिक काउंसिल की बैठक में वीर सावरकर के पाठ को लेकर विरोध जताया गया. शिक्षकों के एक वर्ग का कहना है कि गांधी से वीर सावरकर की तुलना ठीक नहीं है. हालांकि, इस मामले पर डीयू की ओर से जारी एकेडमिक काउंसिल की बैठक के संबंध में जारी स्टेटमेंट में इसका जिक्र नहीं किया गया है. डीयू की ओर से जारी स्टेटमेंट में भीम राव अम्बेडकर को ज्यादा से ज्यादा पढ़ाने पर जोर दिया गया है. वीर सावरकर का पाठ पढ़ाने को लेकर आखरी मुहर कार्यकारी परिषद की बैठक में किया जाएगा. यह बैठक जून माह के पहले सप्ताह में की जाएगी.

ये भी पढ़ें: Delhi University: भारत विभाजन के दौरान हुई घटनाओं पर डीयू में होगा शोध, केंद्र स्थापित करने के प्रस्ताव को मंजूरी

कौन हैं वीर सावरकर: वीर सावरकर का जन्म 28 मई 1883 को हुआ. उन्हें स्वतंत्रता सेनानी राष्ट्रवादी नेता के तौर पर जाना जाता है. उन्हें हिंदुत्व को विकसित करने का श्रेय दिया जाता है. वह वकील होने साथ ही साथ एक अच्छे कवि नाटककार और सुलझे हुए लेखक भी रहे हैं.

ये भी पढ़ें: New Parliament Building: नए संसद भवन का पीएम नरेंद्र मोदी ने किया उद्घाटन, देखें तस्वीरें

नई दिल्ली: दिल्ली विश्वविद्यालय के BA के तीन साल के कोर्स से गांधी का पाठ गायब कर दिया गया है. अब उनकी जगह वीर सावरकर का पाठ पढ़ाया जाएगा. अब वीर सावरकर का पाठ डीयू में पढ़ने वाले छात्रों को पढ़ाया जाएगा. इस बात की पुष्टि करते हुए डीयू के राजनीति विज्ञान के अध्यक्ष और प्रोफेसर संगीत कुमार रागी ने बताया कि एकेडमिक काउंसिल की बैठक में यह प्रस्ताव पास किया गया है.

डूटा के ज्वाइंट सेक्रेटरी और एकेडमिक काउंसिल के सदस्य आलोक पांडे ने बताया कि राजनीति विज्ञान ऑनर्स से बीए कर रहे छात्र जब पांचवें सेमेस्टर में जाएंगे, तब उन्हें वीर सावरकर के बारे में पढ़ने को मिलेगा. डीयू के अन्य शिक्षकों का कहना है कि पहले गांधी को पांचवें सेमेस्टर में पढ़ाया जाता था, लेकिन अब उनकी जगह पर वीर सावरकर का पाठ पढ़ाया जाएगा. वहीं गांधी को सातवें सेमेस्टर में पढ़ाया जाएगा.

डीयू में स्नातक पाठ्यक्रम: दिल्ली यूनिवर्सिटी छात्रों को स्नातक करने के लिए 3 साल और 4 साल का पाठ्यक्रम चुनने का मौका दे रही है. अगर छात्र 3 साल का स्नातक पाठ्यक्रम का चयन करते हैं तो वह गांधी के बारे में नहीं पढ़ पाएंगे. उन्हें वीर सावरकर के बारे में पढ़ने को मिलेगा. वहीं अगर छात्र चार साल का स्नातक पाठ्यक्रम चयन करते हैं, तो उन्हें गांधी को पढ़ने को मिलेगा.

कार्यकारी परिषद में लगेगी मुहर: आलोक पांडे ने बताया कि एकेडमिक काउंसिल की बैठक में वीर सावरकर के पाठ को लेकर विरोध जताया गया. शिक्षकों के एक वर्ग का कहना है कि गांधी से वीर सावरकर की तुलना ठीक नहीं है. हालांकि, इस मामले पर डीयू की ओर से जारी एकेडमिक काउंसिल की बैठक के संबंध में जारी स्टेटमेंट में इसका जिक्र नहीं किया गया है. डीयू की ओर से जारी स्टेटमेंट में भीम राव अम्बेडकर को ज्यादा से ज्यादा पढ़ाने पर जोर दिया गया है. वीर सावरकर का पाठ पढ़ाने को लेकर आखरी मुहर कार्यकारी परिषद की बैठक में किया जाएगा. यह बैठक जून माह के पहले सप्ताह में की जाएगी.

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कौन हैं वीर सावरकर: वीर सावरकर का जन्म 28 मई 1883 को हुआ. उन्हें स्वतंत्रता सेनानी राष्ट्रवादी नेता के तौर पर जाना जाता है. उन्हें हिंदुत्व को विकसित करने का श्रेय दिया जाता है. वह वकील होने साथ ही साथ एक अच्छे कवि नाटककार और सुलझे हुए लेखक भी रहे हैं.

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Last Updated : May 28, 2023, 7:15 PM IST
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