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ज्ञानवापी मामले में आज होगी एक प्रकरण की और सुनवाई, सर्वे में मिली चीजों को संरक्षित करने पर 26 सितंबर को आएगा आदेश

ज्ञानवापी मामले में एक प्रकरण की आज और कोर्ट में सुनवाई होगी. वहीं, सर्वे में मिली चीजों को संरक्षित करने पर 26 सितंबर को आदेश आएगा. चलिए जानते हैं इस बारे में.

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By ETV Bharat Hindi Team

Published : Sep 22, 2023, 9:57 AM IST

वाराणसी: ज्ञानवापी श्रृंगार गौरी मामले को लेकर कोर्ट में अलग-अलग प्रकरण की सुनवाई चल रही है. आज भी स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती की याचिका पर पूजा पाठ एवं भोग को लेकर सुनवाई होनी है. इसके पहले कल गुरुवार को डॉक्टर जय कृष्णा विश्वास की अदालत में चार वादिनी महिलाओं के प्रार्थना पत्र पर सुनवाई हुई जिसमें सर्वे के दौरान मिले हिंदू प्रतीक चिह्न को सुरक्षित एवं संरक्षित रखने के लिए डीएम को आदेशित किएमहिलाओं की मांग पर अदालत ने दोनों पक्षों की दलीलों को सुना. इसके बाद कोर्ट ने इस प्रकरण में फैसला सुरक्षित रखते हुए 26 सितंबर को इस मामले में आदेश सुनाए जाने की तिथि निर्धारित की है.

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स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती की याचिका पर कोर्ट करेगी सुनवाई.
हिंदू पक्ष की तरफ से लक्ष्मी देवी, मंजू व्यास, सीता साहू, रेखा पाठक ने ज्ञानवापी में एएसआई सर्वे के दौरान मिले हिंदू धार्मिक चिह्न को सुरक्षित एवं संरक्षित करने के लिए डीएम को आदेशित किए जाने के अनुरोध पर उनकी अधिवक्ता सुधीर त्रिपाठी, सुभाष नंदन चतुर्वेदी और दीपक सिंह ने अपना पक्ष रखा. इसके समर्थन में प्रदेश सरकार के विशेष अधिवक्ता राजेश मिश्रा ने अपनी दलील पेश की है. जिसमें कहा गया है कि डीएम के संरक्षण में सर्वे में मिल रही सामग्री रखने पर शासन को कोई आपत्ति नहीं है. हिंदू पक्ष ने सर्वे के दौरान विपक्षी अंजुमन इंतजामिया मसाजिद कमेटी पर कई मौके पर रोक-टोक का आरोप भी लगाया है जिसका समर्थन डीजीसी सिविल महेंद्र पांडेय ने भी किया है. उन्होंने कहा है कि इस पर तत्काल रोक लगाई जानी चाहिए जिस पर अदालत ने टिप्पणी करते हुए कहा कि सर्वे का आदेश एएसआई को दिया गया है. एएसआई को दिक्कत होगी तो वह खुद कोर्ट से आपत्ति कर सकता है. हिंदू पक्ष की दलितों का जवाब अंजुमन इंतजामिया मस्जिद कमेटी की तरफ से भी दिया गया है. इसमें जिनके वकील रईस अहमद और एकलाक अहमद ने मामले के पक्ष कार्य के रूप में डीएम के होने की वजह से उनके संरक्षण में सर्वे सामग्री दिए जाने का विरोध भी किया है. वहीं, बगैर फीस के सर्वे किए जाने की मांग को लेकर भी कल बहस पूरी हो गई है जिस पर भी 26 सितंबर को कोर्ट अपना फैसला सुनाएगी. इसके अलावा राखी सिंह की तरफ से सील किए गए क्षेत्र की जांच भी कराए जाने के मामले में कोर्ट ने प्रतिवादी को प्रार्थना पत्र की कॉपी वादी पक्ष की तरफ से दिए जाने का आदेश दिया है.

ये भी पढ़ेंः ज्ञानवापी मामला: दूसरी पीठ में केस स्थानांतरित करने पर मुस्लिम पक्ष ने जताया एतराज

ये भी पढ़ें: काशी के ज्ञानवापी मामले की इलाहाबाद हाईकोर्ट में सुनवाई आज

वाराणसी: ज्ञानवापी श्रृंगार गौरी मामले को लेकर कोर्ट में अलग-अलग प्रकरण की सुनवाई चल रही है. आज भी स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती की याचिका पर पूजा पाठ एवं भोग को लेकर सुनवाई होनी है. इसके पहले कल गुरुवार को डॉक्टर जय कृष्णा विश्वास की अदालत में चार वादिनी महिलाओं के प्रार्थना पत्र पर सुनवाई हुई जिसमें सर्वे के दौरान मिले हिंदू प्रतीक चिह्न को सुरक्षित एवं संरक्षित रखने के लिए डीएम को आदेशित किएमहिलाओं की मांग पर अदालत ने दोनों पक्षों की दलीलों को सुना. इसके बाद कोर्ट ने इस प्रकरण में फैसला सुरक्षित रखते हुए 26 सितंबर को इस मामले में आदेश सुनाए जाने की तिथि निर्धारित की है.

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स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती की याचिका पर कोर्ट करेगी सुनवाई.
हिंदू पक्ष की तरफ से लक्ष्मी देवी, मंजू व्यास, सीता साहू, रेखा पाठक ने ज्ञानवापी में एएसआई सर्वे के दौरान मिले हिंदू धार्मिक चिह्न को सुरक्षित एवं संरक्षित करने के लिए डीएम को आदेशित किए जाने के अनुरोध पर उनकी अधिवक्ता सुधीर त्रिपाठी, सुभाष नंदन चतुर्वेदी और दीपक सिंह ने अपना पक्ष रखा. इसके समर्थन में प्रदेश सरकार के विशेष अधिवक्ता राजेश मिश्रा ने अपनी दलील पेश की है. जिसमें कहा गया है कि डीएम के संरक्षण में सर्वे में मिल रही सामग्री रखने पर शासन को कोई आपत्ति नहीं है. हिंदू पक्ष ने सर्वे के दौरान विपक्षी अंजुमन इंतजामिया मसाजिद कमेटी पर कई मौके पर रोक-टोक का आरोप भी लगाया है जिसका समर्थन डीजीसी सिविल महेंद्र पांडेय ने भी किया है. उन्होंने कहा है कि इस पर तत्काल रोक लगाई जानी चाहिए जिस पर अदालत ने टिप्पणी करते हुए कहा कि सर्वे का आदेश एएसआई को दिया गया है. एएसआई को दिक्कत होगी तो वह खुद कोर्ट से आपत्ति कर सकता है. हिंदू पक्ष की दलितों का जवाब अंजुमन इंतजामिया मस्जिद कमेटी की तरफ से भी दिया गया है. इसमें जिनके वकील रईस अहमद और एकलाक अहमद ने मामले के पक्ष कार्य के रूप में डीएम के होने की वजह से उनके संरक्षण में सर्वे सामग्री दिए जाने का विरोध भी किया है. वहीं, बगैर फीस के सर्वे किए जाने की मांग को लेकर भी कल बहस पूरी हो गई है जिस पर भी 26 सितंबर को कोर्ट अपना फैसला सुनाएगी. इसके अलावा राखी सिंह की तरफ से सील किए गए क्षेत्र की जांच भी कराए जाने के मामले में कोर्ट ने प्रतिवादी को प्रार्थना पत्र की कॉपी वादी पक्ष की तरफ से दिए जाने का आदेश दिया है.

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