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लखनऊ के श्मशान घाट फुल, पार्क में किया गया दो दर्जन शवों का अंतिम संस्कार

यूपी की राजधानी लखनऊ के श्मशान घाटों में जगह नहीं मिलने के कारण लोग अपने परिजनों का अंतिम संस्कार पार्क में ही कर रहे हैं. लखनऊ के गुलाला घाट के पहले स्थित पार्क में 24 से अधिक शवों का अंतिम संस्कार किया गया.

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Published : Apr 16, 2021, 10:16 PM IST

लखनऊ : राजधानी लखनऊ में कोरोना संक्रमण से स्थिति भयावह होती जा रही है. राजधानी में लगातार कोरोना मरीजों की मौतें हो रही हैं, जिसकी वजह से अंतिम संस्कार के लिए लोगों को परेशान होना पड़ रहा है. नगर निगम और जिला प्रशासन श्मशान घाट पर पर्याप्त व्यवस्था किए जाने दावे फेल साबित हो रहे हैं.

अब स्थिति यह हो गई है कि श्मशान घाटों में जगह न मिलने के कारण लोग पार्कों में ही अपने परिजनों का अंतिम संस्कार करने लगे हैं. इस बारे में नगर निगम के अधिकारी कुछ भी बोलने से बच रहे हैं. राजधानी लखनऊ में स्थिति इतनी भयावह है कि शमशान घाटों पर चिताओं को जलाने के लिए प्लेटफार्म तक नहीं है. ऐसे में लोग श्मशान घाट के आसपास के पार्कों में ही अपने परिजनों की चिता जला रहे हैं.

श्मशान घाट में जगह नहीं मिलने पर गुरुवार को गुलाला घाट के पहले पार्क में 24 से अधिक लोगों का अंतिम संस्कार किया गया. गुरुवार देर रात तक राजधानी में 108 लोगों के अंतिम संस्कार की बात कही गई. जबकि स्वास्थ्य विभाग के आंकड़े विगत 24 घंटे में 26 लोगों के मौत की पुष्टि की है. ऐसे में अंदाजा लगाया जा सकता है कि सरकारी आंकड़े और वास्तविक स्थिति में कितना अंतर है.

लखनऊ के श्मशान घाट फुल

यह भी पढ़ें-बंगाल चुनाव को लेकर EC की नई गाइडलाइन, अब 72 घंटे पहले थमेगा प्रचार

कब्रिस्तान में भी उमड़ रही भीड़
राजधानी लखनऊ के श्मशान घाट की नहीं कब्रिस्तान में भी बड़ी संख्या में शव पहुंच रहे हैं. लखनऊ के कब्रिस्तानों में प्रतिदिन 60 से 70 शव पहुंच रहे हैं. बता दें कि भैसा कुंड, बैकुंठ धाम व गुलाला घाट पर परिजनों के अंतिम संस्कार के लिए लाइन लगानी पड़ रही है. यहां पर नगर निगम चाहे जितने दावे कर ले फिर लकड़ियां आए दिन कमी होती रहती है.

लखनऊ : राजधानी लखनऊ में कोरोना संक्रमण से स्थिति भयावह होती जा रही है. राजधानी में लगातार कोरोना मरीजों की मौतें हो रही हैं, जिसकी वजह से अंतिम संस्कार के लिए लोगों को परेशान होना पड़ रहा है. नगर निगम और जिला प्रशासन श्मशान घाट पर पर्याप्त व्यवस्था किए जाने दावे फेल साबित हो रहे हैं.

अब स्थिति यह हो गई है कि श्मशान घाटों में जगह न मिलने के कारण लोग पार्कों में ही अपने परिजनों का अंतिम संस्कार करने लगे हैं. इस बारे में नगर निगम के अधिकारी कुछ भी बोलने से बच रहे हैं. राजधानी लखनऊ में स्थिति इतनी भयावह है कि शमशान घाटों पर चिताओं को जलाने के लिए प्लेटफार्म तक नहीं है. ऐसे में लोग श्मशान घाट के आसपास के पार्कों में ही अपने परिजनों की चिता जला रहे हैं.

श्मशान घाट में जगह नहीं मिलने पर गुरुवार को गुलाला घाट के पहले पार्क में 24 से अधिक लोगों का अंतिम संस्कार किया गया. गुरुवार देर रात तक राजधानी में 108 लोगों के अंतिम संस्कार की बात कही गई. जबकि स्वास्थ्य विभाग के आंकड़े विगत 24 घंटे में 26 लोगों के मौत की पुष्टि की है. ऐसे में अंदाजा लगाया जा सकता है कि सरकारी आंकड़े और वास्तविक स्थिति में कितना अंतर है.

लखनऊ के श्मशान घाट फुल

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कब्रिस्तान में भी उमड़ रही भीड़
राजधानी लखनऊ के श्मशान घाट की नहीं कब्रिस्तान में भी बड़ी संख्या में शव पहुंच रहे हैं. लखनऊ के कब्रिस्तानों में प्रतिदिन 60 से 70 शव पहुंच रहे हैं. बता दें कि भैसा कुंड, बैकुंठ धाम व गुलाला घाट पर परिजनों के अंतिम संस्कार के लिए लाइन लगानी पड़ रही है. यहां पर नगर निगम चाहे जितने दावे कर ले फिर लकड़ियां आए दिन कमी होती रहती है.

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