ETV Bharat / bharat

पेट्रोल-डीजल की कीमतें चुनाव की तारीखों से होती हैं नियंत्रित : कांग्रेस

author img

By

Published : Sep 11, 2022, 4:32 PM IST

Updated : Sep 11, 2022, 4:44 PM IST

कांग्रेस ने पेट्रोल-डीजल की बढ़ती कीमतों को लेकर सरकार पर निशाना साधा. कांग्रेस प्रवक्ता गौरव वल्लभ ने कहा कि पेट्रोल-डीजल की कीमतें चुनाव की तारीखों से नियंत्रित होती हैं.

कांग्रेस प्रवक्ता गौरव वल्लभ
कांग्रेस प्रवक्ता गौरव वल्लभ

नई दिल्ली : ईंधन की कीमतों के मुद्दे पर एक बार फिर भाजपा सरकार पर निशाना साधते हुए कांग्रेस प्रवक्ता गौरव वल्लभ (Congress spokesperson Gaurav Vallabh) ने कहा कि ईंधन की कीमतों को वैश्विक बाजार की कीमतों से नियंत्रित नहीं किया जा रहा है, बल्कि इसे चुनाव की तारीखों के अनुसार प्रबंधित किया जा रहा है. एक संवाददाता सम्मेलन में पार्टी प्रवक्ता गौरव वल्लभ ने दावा किया कि खुदरा मुद्रास्फीति में वृद्धि, सकल घरेलू उत्पाद में वृद्धि, साथ ही साथ गिरते रुपये ऐसे कुछ उदाहरण हैं जो अर्थव्यवस्था के तरीके की एक परेशान तस्वीर पेश करते हैं.

उन्होंने कहा कि 'लगातार उच्च खुदरा मुद्रास्फीति सबसे अधिक संबंधित क्षेत्रों में से एक है जिसमें तत्काल सरकारी हस्तक्षेप की आवश्यकता है. खुदरा मुद्रास्फीति पिछले 7 महीनों से आरबीआई के 6% के ऊपरी बैंड से ऊपर रही है. भोजन, सब्जियां और ईंधन जैसी वस्तुएं महंगी होने से मध्यम और निम्न-आय वर्ग के लोगों को सबसे ज्यादा नुकसान पहुंचाती हैं. सरकार मुख्य रूप से ईंधन की कीमतों के प्रति सबसे अधिक लापरवाह रही है. चूंकि उनका सभी आर्थिक गतिविधियों पर व्यापक प्रभाव पड़ता है, इसलिए सरकार की निष्क्रियता उसकी अज्ञानता उजागर होती है.'

गौरव वल्लभ ने कहा कि 'कच्चे तेल की कीमतें पिछले कुछ महीनों से लगातार नीचे जा रही हैं और 7 महीने के निचले स्तर पर हैं, लेकिन हमारे देश में पेट्रोल और डीजल की कीमतें डीरेग्यूलेशन के बाद भी इस प्रवृत्ति को प्रतिबिंबित नहीं करती हैं, जिसका मतलब है कि पेट्रोल और डीजल की कीमतें वैश्विक कीमतों के अनुसार बदलनी चाहिए.

उनका कहना है कि पेट्रोलियम प्लानिंग एंड एनालिसिस सेल (पीपीएसी, भारत सरकार) के अनुसार, 8 सितंबर -22 को क्रूड ऑयल इंडियन बास्केट 88.00 अमेरिकी डॉलर प्रति बैरल था. सरकार ने मई 2022 को पेट्रोल और डीजल की कीमतों में संशोधन किया. 21 मई, 2022 को सरकार ने पेट्रोल और डीजल पर उत्पाद शुल्क में क्रमशः 8 रुपये और 6 रुपये प्रति लीटर की कटौती की घोषणा की, जिससे पेट्रोल की दरों में रुपये की कमी आई. उत्तर प्रदेश, पंजाब, उत्तराखंड, गोवा और मणिपुर में चुनावों के बाद, 20-मार्च-22 और 31-मार्च-22 के बीच 10 दिनों में पेट्रोल और डीजल की कीमतों में 9 गुना वृद्धि हुई.

पढ़ें- कांग्रेस की 'भारत जोड़ो यात्रा' का 19 दिन का केरल का सफर शुरू

नई दिल्ली : ईंधन की कीमतों के मुद्दे पर एक बार फिर भाजपा सरकार पर निशाना साधते हुए कांग्रेस प्रवक्ता गौरव वल्लभ (Congress spokesperson Gaurav Vallabh) ने कहा कि ईंधन की कीमतों को वैश्विक बाजार की कीमतों से नियंत्रित नहीं किया जा रहा है, बल्कि इसे चुनाव की तारीखों के अनुसार प्रबंधित किया जा रहा है. एक संवाददाता सम्मेलन में पार्टी प्रवक्ता गौरव वल्लभ ने दावा किया कि खुदरा मुद्रास्फीति में वृद्धि, सकल घरेलू उत्पाद में वृद्धि, साथ ही साथ गिरते रुपये ऐसे कुछ उदाहरण हैं जो अर्थव्यवस्था के तरीके की एक परेशान तस्वीर पेश करते हैं.

उन्होंने कहा कि 'लगातार उच्च खुदरा मुद्रास्फीति सबसे अधिक संबंधित क्षेत्रों में से एक है जिसमें तत्काल सरकारी हस्तक्षेप की आवश्यकता है. खुदरा मुद्रास्फीति पिछले 7 महीनों से आरबीआई के 6% के ऊपरी बैंड से ऊपर रही है. भोजन, सब्जियां और ईंधन जैसी वस्तुएं महंगी होने से मध्यम और निम्न-आय वर्ग के लोगों को सबसे ज्यादा नुकसान पहुंचाती हैं. सरकार मुख्य रूप से ईंधन की कीमतों के प्रति सबसे अधिक लापरवाह रही है. चूंकि उनका सभी आर्थिक गतिविधियों पर व्यापक प्रभाव पड़ता है, इसलिए सरकार की निष्क्रियता उसकी अज्ञानता उजागर होती है.'

गौरव वल्लभ ने कहा कि 'कच्चे तेल की कीमतें पिछले कुछ महीनों से लगातार नीचे जा रही हैं और 7 महीने के निचले स्तर पर हैं, लेकिन हमारे देश में पेट्रोल और डीजल की कीमतें डीरेग्यूलेशन के बाद भी इस प्रवृत्ति को प्रतिबिंबित नहीं करती हैं, जिसका मतलब है कि पेट्रोल और डीजल की कीमतें वैश्विक कीमतों के अनुसार बदलनी चाहिए.

उनका कहना है कि पेट्रोलियम प्लानिंग एंड एनालिसिस सेल (पीपीएसी, भारत सरकार) के अनुसार, 8 सितंबर -22 को क्रूड ऑयल इंडियन बास्केट 88.00 अमेरिकी डॉलर प्रति बैरल था. सरकार ने मई 2022 को पेट्रोल और डीजल की कीमतों में संशोधन किया. 21 मई, 2022 को सरकार ने पेट्रोल और डीजल पर उत्पाद शुल्क में क्रमशः 8 रुपये और 6 रुपये प्रति लीटर की कटौती की घोषणा की, जिससे पेट्रोल की दरों में रुपये की कमी आई. उत्तर प्रदेश, पंजाब, उत्तराखंड, गोवा और मणिपुर में चुनावों के बाद, 20-मार्च-22 और 31-मार्च-22 के बीच 10 दिनों में पेट्रोल और डीजल की कीमतों में 9 गुना वृद्धि हुई.

पढ़ें- कांग्रेस की 'भारत जोड़ो यात्रा' का 19 दिन का केरल का सफर शुरू

Last Updated : Sep 11, 2022, 4:44 PM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.