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Fruit Diplomacy: सियासत से सरहद तक रिश्तों में मिठास घोलने की कोशिश

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Published : Jul 12, 2021, 3:01 PM IST

मेहनत का फल मीठा होता है और सब्र का फल भी, लेकिन मेहनत और सब्र के फल से मौसमी फलों का स्वाद मिल जाए तो मजा आ जाए. ये फल ही हैं जो इन दिनों परिवार और रिश्तेदारों में ही नहीं बल्कि दो देशों के रिश्तों में भी मिठास घोल रहे हैं. बात चाहे भारत की हो बांग्लादेश या फिर पाकिस्तान की, हर कोई इन फलों के सहारे रिश्तों में मिठास घोलने की कोशिश कर रहा है. जानिये कैसे

fruit diplomacy
fruit diplomacy

हैदराबाद: किसी दोस्त या रिश्तेदार के घर जाते हुए फल ले जाने का चलन बहुत पुराना है. पहली नजर में देखने पर ये भले एक आम चलन या खानापूर्ति लगे लेकिन ये फल रिश्तों में मिठास घोलने का जरिया होते हैं. फिर चाहे नाते-रिश्तेदारों के बीच हों, दो राज्यों के बीच हों या फिर दो देशों के बीच.

दो परिवारों से लेकर दो दलों, दो नेताओं की सियासी कड़वाहट और दो देशों के बीच खट्टे-कसीले रिश्तों के बीच ये फल ही हैं जो मिठास घोलते हैं. कई बार सियासी रिश्ते संवारने के लिए तो कई बार आर्थिक और औद्योगिक रिश्ते पटरी पर लाने के लिए इन फलों का सहारा लिया जाता है.

त्रिपुरा सीएम ने बांग्लादेश की प्रधानमंत्री के लिए भेजे अनानास

त्रिपुरा के मुख्यमंत्री बिप्लब देव ने 100 पेटी अनानास (pineapple) बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना को भेजे हैं. हर पेटी में त्रिपुरा के मशहूर क्यू वैरायटी के 4 अनानास हैं. इस तरह कुल 400 अनानास बाग्लादेश की प्रधानमंत्री को भेजे गए हैं. त्रिपुरा सरकार के उद्योग और वाणिज्य विभाग के निदेशक ने ये तोहफा भारत-बांग्लादेश बॉर्डर पर चटगांव में भारतीय उच्चायोग के सेकेंड सचिव को सौंपे. दरअसल ये अनानास का तोहफा बांग्लादेशी प्रधानमंत्री शेख हसीना के लिए रिटर्न गिफ्ट था.

त्रिपुरा सीएम बिप्लव देव ने बांग्लादेशी पीएम को भेजे अनानास
त्रिपुरा सीएम बिप्लव देव ने बांग्लादेशी पीएम को भेजे अनानास

शेख हसीना ने पीएम मोदी के लिए भेजे थे आम

दरअसल जुलाई महीने के पहले हफ्ते में बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना ने पीएम मोदी और पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के लिए 2600 किलो आम भेजे थे. इसके अलावा शेख हसीना की तरफ से बांग्लादेश से सटे भारतीय राज्यों त्रिपुरा, असम, मेघालय जैसे राज्यों के मुख्यमंत्रियों को भी तोहफे में आम भेजे गए थे.

बांग्लादेशी प्रधानमंत्री की तरफ से मशहूर हरिभंगा नस्ल के आम भेजे गए थे. ये आम बांग्लादेश के रंगपुर जिले में होते हैं और इस आम की बदौलत ही वहां की पहचान बनी है. जहां हर साल कई सौ करोड़ का कारोबार होता है. भारत को बांग्लादेश की तरफ से आम भेजे गए तो बदले में त्रिपुरा के मुख्यमंत्री ने 100 पेटी मशहूर क्यू वैरायटी के अनानास भेजे हैं.

शेख हसीना ने भी पीएम मोदी के लिए भेजे थे आम
शेख हसीना ने भी पीएम मोदी के लिए भेजे थे आम

ममता बनर्जी 10 साल से भेजती हैं आम

पीएम मोदी और ममता बनर्जी के बीच सियासी तकरार किसी से छिपी नहीं है. लेकिन यहां भी रिश्तों में मिठास घोलने की कोशिश फल से ही की गईे है. ममता बनर्जी ने भी पीएम मोदी को मालदा आम भेजे थे. इसके अलावा राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद, उपराष्ट्रपति एम वेंकैया नायडू, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, गृह मंत्री अमित शाह, कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को आम की पेटियां भेजी थीं. वैसे ममता बनर्जी आम भेजने की इस परंपरा का निर्वहन पिछले 10 साल से कर रही है. 2011 में जब वो पहली बार मुख्यमंत्री बनी थीं तभी से उन्होंने ये परंपरा जारी रखी है.

ममता बनर्जी ने पीएम मोदी के लिए भेजे थे आम
ममता बनर्जी ने पीएम मोदी के लिए भेजे थे आम

पाकिस्तान ने 32 देशों को भेजे आम लेकिन...

उधर कंगाली की कगार पर खड़े पाकिस्तान ने भी दुनियाभर के देशों के साथ रिश्तों में मिठास घोलने के लिए फल का सहारा लिया था. पाकिस्तान ने तोहफे के रूप में अमेरिका, चीन, तुर्की, ईरान, अफगानिस्तान, बांग्लादेश, रूस समेत कई खाड़ी देशों समेत 32 देशों को चौंसा आम भेजे थे. लेकिन पाकिस्तान के राष्ट्रपति डॉ. आरिफ अल्वी की ओर से भेजा गया ये तोहफा वापस लौटा दिया गया.

पाकिस्तान का ये तोहफा लौटाने वालों में अमेरिका और चीन समेत कई अन्य देश शुमार हैं. अमेरिका से लेकर चीन जैसे देशों ने कोरोना संक्रमण का हवाला देते हुए ये तोहफा लेने से इनकार कर दिया था. कनाडा से लेकर नेपाल, मिस्र, श्रीलंका जैसे देशों ने भी पाकिस्तान का तोहफा कुबूल नहीं किया.

ममता बनर्जी ने पीएम मोदी के लिए भेजे थे आम
ममता बनर्जी ने पीएम मोदी के लिए भेजे थे आम

ये सारी कवायद का 'अर्थ' है

आज दुनिया एक ग्लोबल विलेज है, जिसने दुनियाभर के देशों को किसी ना किसी चीज के लिए एक-दूसरे पर निर्भर कर दिया है. ऐसे में अर्थव्यवस्था की सेहत के लिए दुनियाभर के देश एक-दूसरे के साथ दोस्ताना संबंध रखते हैं. फिर चाहे बांग्लादेश ने भारत के प्रधानमंत्री को आम भेजे या त्रिपुरा के सीएम ने बांग्लादेशी प्रधानमंत्री शेख हसीना के लिए अनानास या फिर पाकिस्तान ने 32 देशों को आम भेजे. ये सारी कवायद सिर्फ और सिर्फ अपनी आर्थिक स्थिति को बेहतर करने के लिए एक पहल जैसी है. बांग्लादेश भारत से अच्छे रिश्ते चाहता है फिर चाहे आर्थिक मोर्चे की बात हो या फिर राजनायिक स्तर की.

त्रिपुरा में करीब 10 हजार हेक्टेयर भूमि में अनानास की खेती होती है, पड़ोसी देश बांग्लादेश में भी इसका बाजार हो सकता है. 400 अनानास की खेप बांग्लादेशी प्रधानमंत्री को भेजना इस ओर एक पहल हो सकती है. त्रिपुरा जैसे उत्तर पूर्वी राज्यों के कई उद्योग कच्चे माल के लिए बांग्लादेश पर निर्भर करते हैं. सीमेंट भी बांग्लादेश से आता है. भारत में दूसरे देशों से इलाज के लिए पहुंचने वाले सबसे ज्यादा लोग बांग्लादेश से आते हैं.

पाकिस्तान की आर्थिक हालत किसी से भी छिपी नहीं है. ऐसे में उसे दूसरे देशों का सहारा है लेकिन उसके भेजे आम का तोहफा उस चीन और अमेरिका ने भी कुबूल नहीं किया जिसके रहमो करम पर वो जिंदा है. कुल मिलाकर फल भेजने की ये पूरी कवायद का लक्ष्य सिर्फ और सिर्फ अपनी आर्थिक स्थिति मजबूत करने की कोशिश होती है.

ये भी पढ़ें: इस आम को मिली 'Z प्लस' सुरक्षा, 9 कुत्ते और 6 गार्ड दे रहे पहरा

हैदराबाद: किसी दोस्त या रिश्तेदार के घर जाते हुए फल ले जाने का चलन बहुत पुराना है. पहली नजर में देखने पर ये भले एक आम चलन या खानापूर्ति लगे लेकिन ये फल रिश्तों में मिठास घोलने का जरिया होते हैं. फिर चाहे नाते-रिश्तेदारों के बीच हों, दो राज्यों के बीच हों या फिर दो देशों के बीच.

दो परिवारों से लेकर दो दलों, दो नेताओं की सियासी कड़वाहट और दो देशों के बीच खट्टे-कसीले रिश्तों के बीच ये फल ही हैं जो मिठास घोलते हैं. कई बार सियासी रिश्ते संवारने के लिए तो कई बार आर्थिक और औद्योगिक रिश्ते पटरी पर लाने के लिए इन फलों का सहारा लिया जाता है.

त्रिपुरा सीएम ने बांग्लादेश की प्रधानमंत्री के लिए भेजे अनानास

त्रिपुरा के मुख्यमंत्री बिप्लब देव ने 100 पेटी अनानास (pineapple) बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना को भेजे हैं. हर पेटी में त्रिपुरा के मशहूर क्यू वैरायटी के 4 अनानास हैं. इस तरह कुल 400 अनानास बाग्लादेश की प्रधानमंत्री को भेजे गए हैं. त्रिपुरा सरकार के उद्योग और वाणिज्य विभाग के निदेशक ने ये तोहफा भारत-बांग्लादेश बॉर्डर पर चटगांव में भारतीय उच्चायोग के सेकेंड सचिव को सौंपे. दरअसल ये अनानास का तोहफा बांग्लादेशी प्रधानमंत्री शेख हसीना के लिए रिटर्न गिफ्ट था.

त्रिपुरा सीएम बिप्लव देव ने बांग्लादेशी पीएम को भेजे अनानास
त्रिपुरा सीएम बिप्लव देव ने बांग्लादेशी पीएम को भेजे अनानास

शेख हसीना ने पीएम मोदी के लिए भेजे थे आम

दरअसल जुलाई महीने के पहले हफ्ते में बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना ने पीएम मोदी और पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के लिए 2600 किलो आम भेजे थे. इसके अलावा शेख हसीना की तरफ से बांग्लादेश से सटे भारतीय राज्यों त्रिपुरा, असम, मेघालय जैसे राज्यों के मुख्यमंत्रियों को भी तोहफे में आम भेजे गए थे.

बांग्लादेशी प्रधानमंत्री की तरफ से मशहूर हरिभंगा नस्ल के आम भेजे गए थे. ये आम बांग्लादेश के रंगपुर जिले में होते हैं और इस आम की बदौलत ही वहां की पहचान बनी है. जहां हर साल कई सौ करोड़ का कारोबार होता है. भारत को बांग्लादेश की तरफ से आम भेजे गए तो बदले में त्रिपुरा के मुख्यमंत्री ने 100 पेटी मशहूर क्यू वैरायटी के अनानास भेजे हैं.

शेख हसीना ने भी पीएम मोदी के लिए भेजे थे आम
शेख हसीना ने भी पीएम मोदी के लिए भेजे थे आम

ममता बनर्जी 10 साल से भेजती हैं आम

पीएम मोदी और ममता बनर्जी के बीच सियासी तकरार किसी से छिपी नहीं है. लेकिन यहां भी रिश्तों में मिठास घोलने की कोशिश फल से ही की गईे है. ममता बनर्जी ने भी पीएम मोदी को मालदा आम भेजे थे. इसके अलावा राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद, उपराष्ट्रपति एम वेंकैया नायडू, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, गृह मंत्री अमित शाह, कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को आम की पेटियां भेजी थीं. वैसे ममता बनर्जी आम भेजने की इस परंपरा का निर्वहन पिछले 10 साल से कर रही है. 2011 में जब वो पहली बार मुख्यमंत्री बनी थीं तभी से उन्होंने ये परंपरा जारी रखी है.

ममता बनर्जी ने पीएम मोदी के लिए भेजे थे आम
ममता बनर्जी ने पीएम मोदी के लिए भेजे थे आम

पाकिस्तान ने 32 देशों को भेजे आम लेकिन...

उधर कंगाली की कगार पर खड़े पाकिस्तान ने भी दुनियाभर के देशों के साथ रिश्तों में मिठास घोलने के लिए फल का सहारा लिया था. पाकिस्तान ने तोहफे के रूप में अमेरिका, चीन, तुर्की, ईरान, अफगानिस्तान, बांग्लादेश, रूस समेत कई खाड़ी देशों समेत 32 देशों को चौंसा आम भेजे थे. लेकिन पाकिस्तान के राष्ट्रपति डॉ. आरिफ अल्वी की ओर से भेजा गया ये तोहफा वापस लौटा दिया गया.

पाकिस्तान का ये तोहफा लौटाने वालों में अमेरिका और चीन समेत कई अन्य देश शुमार हैं. अमेरिका से लेकर चीन जैसे देशों ने कोरोना संक्रमण का हवाला देते हुए ये तोहफा लेने से इनकार कर दिया था. कनाडा से लेकर नेपाल, मिस्र, श्रीलंका जैसे देशों ने भी पाकिस्तान का तोहफा कुबूल नहीं किया.

ममता बनर्जी ने पीएम मोदी के लिए भेजे थे आम
ममता बनर्जी ने पीएम मोदी के लिए भेजे थे आम

ये सारी कवायद का 'अर्थ' है

आज दुनिया एक ग्लोबल विलेज है, जिसने दुनियाभर के देशों को किसी ना किसी चीज के लिए एक-दूसरे पर निर्भर कर दिया है. ऐसे में अर्थव्यवस्था की सेहत के लिए दुनियाभर के देश एक-दूसरे के साथ दोस्ताना संबंध रखते हैं. फिर चाहे बांग्लादेश ने भारत के प्रधानमंत्री को आम भेजे या त्रिपुरा के सीएम ने बांग्लादेशी प्रधानमंत्री शेख हसीना के लिए अनानास या फिर पाकिस्तान ने 32 देशों को आम भेजे. ये सारी कवायद सिर्फ और सिर्फ अपनी आर्थिक स्थिति को बेहतर करने के लिए एक पहल जैसी है. बांग्लादेश भारत से अच्छे रिश्ते चाहता है फिर चाहे आर्थिक मोर्चे की बात हो या फिर राजनायिक स्तर की.

त्रिपुरा में करीब 10 हजार हेक्टेयर भूमि में अनानास की खेती होती है, पड़ोसी देश बांग्लादेश में भी इसका बाजार हो सकता है. 400 अनानास की खेप बांग्लादेशी प्रधानमंत्री को भेजना इस ओर एक पहल हो सकती है. त्रिपुरा जैसे उत्तर पूर्वी राज्यों के कई उद्योग कच्चे माल के लिए बांग्लादेश पर निर्भर करते हैं. सीमेंट भी बांग्लादेश से आता है. भारत में दूसरे देशों से इलाज के लिए पहुंचने वाले सबसे ज्यादा लोग बांग्लादेश से आते हैं.

पाकिस्तान की आर्थिक हालत किसी से भी छिपी नहीं है. ऐसे में उसे दूसरे देशों का सहारा है लेकिन उसके भेजे आम का तोहफा उस चीन और अमेरिका ने भी कुबूल नहीं किया जिसके रहमो करम पर वो जिंदा है. कुल मिलाकर फल भेजने की ये पूरी कवायद का लक्ष्य सिर्फ और सिर्फ अपनी आर्थिक स्थिति मजबूत करने की कोशिश होती है.

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