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छात्रों के खाने से निकला चिड़िया का पंख और मेंढक, विवि प्रशासन ने लिया एक्शन - छात्रावास में भोजन का मुद्दा

आंध्र प्रदेश के दो विश्वविद्यालयों के हॉस्टलों में परोसा जाने वाले भोजन में मेंढक और चिड़िया के पंख पाए जाने की घटनाएं सामने आईं हैं. ये मामले पूर्वी गोदावरी और विशाखा जिलों की है. दोनों विश्वविद्यालयों के प्रशासन ने इस मामले में कार्रवाई का छात्रों को आश्वासन दिया है.

आंध्र प्रदेश
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Published : Aug 1, 2022, 5:49 PM IST

Updated : Aug 1, 2022, 6:33 PM IST

अमरावती : यूनिवर्सिटी के हॉस्टल में मिलने वाले खाने से मेंढक निकलने का मामला सामने आया है. ऐसी हैरान कर देने वाला मामला आंध्र प्रदेश के पूर्वी गोदावरी जिले का है. राजानगरम के पास स्थित आदिकवि नन्नया विश्वविद्यालय की एक छात्रा ने छात्रावास में खाने में मेंढक निकलने की शिकायत की है. बताया जा रहा है कि सुबह के नाश्ते में उन्हें उपमा दिया गया था. गर्ल्स हॉस्टल के करीब 75 फीसदी लड़कियों ने उपमा खाया, जिनमें से एक के प्लेट में मरा हुआ मेंढक मिला.

छात्रावास के छात्र-छात्राओं ने इस शिकायत को लेकर विश्वविद्यालय प्रशासन से शिकायक की. उन्होंने हॉस्टल में परोसे जाने वाले खाने की स्वच्छता और पौष्टिकता बनाए रखने के लिए रसोइयों को बदलने की मांग की. छात्रों की शिकायत पाने के बाद रजिस्ट्रार टी. अशोक ने हॉस्टल पहुंचकर घटना का जायजा लिया. उन्होंने इस घटना की निन्दा करने के साथ संबंधी कर्मचारी पर अपना सारा गुस्सा निकाला.

छात्रों के खाने से निकला चिड़िया का पंख और मेंढक

गौरतलब है कि इससे पहले शनिवार को आंध्र विश्वविद्यालय के नागार्जुन हॉस्टल में भी छात्रों को परोसे जाने वाले भोजन में एक चिड़िया का पंख मिला था. जब यह घटना हुई तो छात्रों ने तुरंत इसका विरोध करना शुरू कर दिया. रविवार की सुबह छात्रों ने मेस में ताला भी जड़ दिया. वे हॉस्टल में मिलने वाले भोजन की गुणवत्ता को लेकर तंग आ चुके थे. छात्रों ने कहा कि छात्रावास में खाना अच्छा नहीं होने के कारण कुछ लोग बाहर जाकर खाना खाते हैं. उन्होंने चिंता व्यक्त की कि भोजन के समय के अलावा पीने का पानी उपलब्ध नहीं है.

छात्रों ने आरोप लगाया कि जब उन्होंने कई बार अधिकारियों से इसकी शिकायत की, तो उन्होंने शिकायतों को अनदेखी की. मुख्य वार्डन विजय मोहन व वार्डन हरनाथ ने छात्रों से चर्चा कर समस्याओं के समाधान का आश्वासन दिया, जिसके बाद मेस का ताला खोला गया.

वार्डन हरनाथ ने कहा कि छात्रों से शिकायत मिली थी कि नागार्जुन हॉस्टल में खाना अच्छा नहीं है. उन्होंने कहा कि वे जल्द ही रसोइया बदल देंगे. हॉस्टल में 250 छात्रों के अलावा अन्य कर्मचारी भी हैं, इसलिए पीने के पानी की समस्या रहती है. सातवाहन हॉस्टल की मरम्मत लगभग पूरी हो चुकी है और उन्हें रंगने की जरूरत है. काम पूरा होने के बाद नागार्जुन हॉस्टल के छात्रों को साठा वाहन में शिफ्ट किया जाएगा.

अमरावती : यूनिवर्सिटी के हॉस्टल में मिलने वाले खाने से मेंढक निकलने का मामला सामने आया है. ऐसी हैरान कर देने वाला मामला आंध्र प्रदेश के पूर्वी गोदावरी जिले का है. राजानगरम के पास स्थित आदिकवि नन्नया विश्वविद्यालय की एक छात्रा ने छात्रावास में खाने में मेंढक निकलने की शिकायत की है. बताया जा रहा है कि सुबह के नाश्ते में उन्हें उपमा दिया गया था. गर्ल्स हॉस्टल के करीब 75 फीसदी लड़कियों ने उपमा खाया, जिनमें से एक के प्लेट में मरा हुआ मेंढक मिला.

छात्रावास के छात्र-छात्राओं ने इस शिकायत को लेकर विश्वविद्यालय प्रशासन से शिकायक की. उन्होंने हॉस्टल में परोसे जाने वाले खाने की स्वच्छता और पौष्टिकता बनाए रखने के लिए रसोइयों को बदलने की मांग की. छात्रों की शिकायत पाने के बाद रजिस्ट्रार टी. अशोक ने हॉस्टल पहुंचकर घटना का जायजा लिया. उन्होंने इस घटना की निन्दा करने के साथ संबंधी कर्मचारी पर अपना सारा गुस्सा निकाला.

छात्रों के खाने से निकला चिड़िया का पंख और मेंढक

गौरतलब है कि इससे पहले शनिवार को आंध्र विश्वविद्यालय के नागार्जुन हॉस्टल में भी छात्रों को परोसे जाने वाले भोजन में एक चिड़िया का पंख मिला था. जब यह घटना हुई तो छात्रों ने तुरंत इसका विरोध करना शुरू कर दिया. रविवार की सुबह छात्रों ने मेस में ताला भी जड़ दिया. वे हॉस्टल में मिलने वाले भोजन की गुणवत्ता को लेकर तंग आ चुके थे. छात्रों ने कहा कि छात्रावास में खाना अच्छा नहीं होने के कारण कुछ लोग बाहर जाकर खाना खाते हैं. उन्होंने चिंता व्यक्त की कि भोजन के समय के अलावा पीने का पानी उपलब्ध नहीं है.

छात्रों ने आरोप लगाया कि जब उन्होंने कई बार अधिकारियों से इसकी शिकायत की, तो उन्होंने शिकायतों को अनदेखी की. मुख्य वार्डन विजय मोहन व वार्डन हरनाथ ने छात्रों से चर्चा कर समस्याओं के समाधान का आश्वासन दिया, जिसके बाद मेस का ताला खोला गया.

वार्डन हरनाथ ने कहा कि छात्रों से शिकायत मिली थी कि नागार्जुन हॉस्टल में खाना अच्छा नहीं है. उन्होंने कहा कि वे जल्द ही रसोइया बदल देंगे. हॉस्टल में 250 छात्रों के अलावा अन्य कर्मचारी भी हैं, इसलिए पीने के पानी की समस्या रहती है. सातवाहन हॉस्टल की मरम्मत लगभग पूरी हो चुकी है और उन्हें रंगने की जरूरत है. काम पूरा होने के बाद नागार्जुन हॉस्टल के छात्रों को साठा वाहन में शिफ्ट किया जाएगा.

Last Updated : Aug 1, 2022, 6:33 PM IST
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